आखिर सुलझ गया नलीदार किलगीदार डायनासोर की आकृति का रहस्य

बतख की चोंच (Duckbill) और किलगीदार डायनासोर (Dinosaurs) अपनी नाक की आकृति का खास उपयोग करते थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
डायनासोर (Dinosaur) के नए जीवाश्म (Fossil) खोपड़ी ने नलीदार किलगीदार (Tube-crested) डायनासोर की अनोखी आकृति और उसके उपयोग के रहस्य का खुलासा करने में मदद की.
- News18Hindi
- Last Updated: January 27, 2021, 8:16 PM IST
डायनासोर (Dinosaurs) के बारे में हर नए जीवाश्म (Fossils) से नई जानकारी मिलती रहती है. इस बार एक नए जीवाश्म में डायनासोर की एक प्रजाति (Species) के बारे में बिलकुल नई ही जानकारी दी है. पैरासॉरोलोफस (Parasaurolophus) प्रजाति के इस डायनासोर की इस बार एक पूरी खोपड़ी मिली है जिससे जीवाश्म विज्ञानियो (Palaeontologists) को इस डायनासोर के विकास (Evolution) के बारे में अहम लेकिन बहुत ही दिलचस्प जानकारी मिली है जिसके आकार आदि के बारे में अभी फैसला नहीं हो सका था.
विवाद था आकृति के पर
ये अवशेष एक बहुत ही दुर्लभ पाए जाने वाले जीवाशम डायनासोर के हैं जिसके बारे में अभी तक विशेषज्ञ एकमत नहीं हो सके थे. अब इस जीव की लगभग पूरी तरह से संरक्षित खोपड़ी मिलने से वैज्ञानिकों के ये मतभेद सुलझ जाएंगे जो दशकों से एक पहेली बने हुए थे. अब वैज्ञानिक इस डायनासोर की आकृति की जानकारी स्पष्ट हो सकी है.
उम्मीद से अलग ही निकाल यह डायनासोरइस शोध के मुताबिक बहुत से बतख की चोंच जैसे डायनासोर की तरह इस डायनासोर की भी आकृति हुआ करती थी. डेनवर म्यूजियम ऑफ नेचर एंड साइंस के क्यूरेटर जो सेर्टिच का कहना है कि यह नमूना एक ही पूर्वज से इस शानदार जीव के विकसित होने की बेहतरीन मिसाल है.
क्या अनोखापन था आकृति में
जीवाश्म विज्ञानी टैरी गेट्स ने बताया, “मान लीजिए की आपनी नाक आपके चेहरे पर बढ़ जाए और सिर के तीन फुट पीछे से निकल कर घूमती हुई आपकी आंखों तक आ जाए. इस जीव के साथ ही ऐसा ही कुछ हुआ था. पैरासॉरोसोफस में ऑक्सीजन उनके सिर में जाने से पहले आठ फुट लंबे पाइप से सांस के रूप में गुजरती थी.

हैरान हुए जीवाश्म विज्ञानी भी
गेट्स ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार इस जीवाश्म को देखा तो वे तो बिलकुल हैरान ही रह गए, जबकि इस तरह के नमूने का वे 20 साल से इंतजार कर रहे थे. जीवाश्मविज्ञानियों में इस तरह के पाइप की तरह की कलगी होने के उद्देश्य जीवाश्म विज्ञान में बहस का विषय बना हुआ है.
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यह उपयोग था इसका
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह पाइप उस नली की तरह थी जो गोतखोरों को तैरते समय सांस लेने में मदद करती है. इससे यह डायनासोर पानी के अंदर सांस ले पाता होगा. वहीं कुछ अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह पाइप एक प्रकार का सुपर स्निफर की तरह काम करता होगा. लेकिन अब शोधकर्ताओं का पता चल गया है कि यह संरचना प्रतिध्वनि के लिए उपयोग में आती थी जिससे ये डायनासोर अपनी ही प्रजातियों के जीवों में संचार करते थे.

किस इलाके में मिला था जीवाश्म
ये अवशेष न्यूमैक्सिको के बैडलैंड्स इलाके में पाए गए थे. यह इलाका कई फिल्मों में दिखाया गया है, लेकिन 7.5 करोड़ साल पहले यह बाढ़ का मैदान था. इस इलाके में बने पहाड़ों में विविध डायनासोरों के इकोसिस्टम को बचा कर रखा है. अभी तक पाए गए अवशेषों से पता चलता है कि यहां किलगी रहित बतख की चोंच वाले डायनासोर, सींग वाले डायनासोर रहा करते थे.
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लंबे समय तक पैरासॉरोलोफस को दो लंबी सीधी किलकीदार प्रजातियो, अलबेर्टा के पी वाल्केरी और न्यूमैक्सिको कीपी ट्यूबिसेन का नजदीकी संबंधी माना जाता था. इनमें 25 लाख सालों का और 1600 किमी का अंतर भी था. लेकिन अब नई खोजों से पता चलता है कि सभी दक्षिणी प्रजातियां आपस में नजदीकी तौर पर संबंधी थीं और उत्तरी अमेरिका की प्रजातियों से थोड़ी ही अलग थी.
विवाद था आकृति के पर
ये अवशेष एक बहुत ही दुर्लभ पाए जाने वाले जीवाशम डायनासोर के हैं जिसके बारे में अभी तक विशेषज्ञ एकमत नहीं हो सके थे. अब इस जीव की लगभग पूरी तरह से संरक्षित खोपड़ी मिलने से वैज्ञानिकों के ये मतभेद सुलझ जाएंगे जो दशकों से एक पहेली बने हुए थे. अब वैज्ञानिक इस डायनासोर की आकृति की जानकारी स्पष्ट हो सकी है.
उम्मीद से अलग ही निकाल यह डायनासोरइस शोध के मुताबिक बहुत से बतख की चोंच जैसे डायनासोर की तरह इस डायनासोर की भी आकृति हुआ करती थी. डेनवर म्यूजियम ऑफ नेचर एंड साइंस के क्यूरेटर जो सेर्टिच का कहना है कि यह नमूना एक ही पूर्वज से इस शानदार जीव के विकसित होने की बेहतरीन मिसाल है.
क्या अनोखापन था आकृति में
जीवाश्म विज्ञानी टैरी गेट्स ने बताया, “मान लीजिए की आपनी नाक आपके चेहरे पर बढ़ जाए और सिर के तीन फुट पीछे से निकल कर घूमती हुई आपकी आंखों तक आ जाए. इस जीव के साथ ही ऐसा ही कुछ हुआ था. पैरासॉरोसोफस में ऑक्सीजन उनके सिर में जाने से पहले आठ फुट लंबे पाइप से सांस के रूप में गुजरती थी.

पैरासॉरोलोफस (Parasaurolophus) का केवल एक ही पूर्वज हुआ करता था. (तस्वीर: Andrey Atuchin)
हैरान हुए जीवाश्म विज्ञानी भी
गेट्स ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार इस जीवाश्म को देखा तो वे तो बिलकुल हैरान ही रह गए, जबकि इस तरह के नमूने का वे 20 साल से इंतजार कर रहे थे. जीवाश्मविज्ञानियों में इस तरह के पाइप की तरह की कलगी होने के उद्देश्य जीवाश्म विज्ञान में बहस का विषय बना हुआ है.
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यह उपयोग था इसका
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह पाइप उस नली की तरह थी जो गोतखोरों को तैरते समय सांस लेने में मदद करती है. इससे यह डायनासोर पानी के अंदर सांस ले पाता होगा. वहीं कुछ अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह पाइप एक प्रकार का सुपर स्निफर की तरह काम करता होगा. लेकिन अब शोधकर्ताओं का पता चल गया है कि यह संरचना प्रतिध्वनि के लिए उपयोग में आती थी जिससे ये डायनासोर अपनी ही प्रजातियों के जीवों में संचार करते थे.

डायनासोर (Dinosaurs) की खोपड़ी के लगभग पूरी तरह से सुरक्षित जीवाश्म (Fossils) ने यह रहस्य सुलझाया. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
किस इलाके में मिला था जीवाश्म
ये अवशेष न्यूमैक्सिको के बैडलैंड्स इलाके में पाए गए थे. यह इलाका कई फिल्मों में दिखाया गया है, लेकिन 7.5 करोड़ साल पहले यह बाढ़ का मैदान था. इस इलाके में बने पहाड़ों में विविध डायनासोरों के इकोसिस्टम को बचा कर रखा है. अभी तक पाए गए अवशेषों से पता चलता है कि यहां किलगी रहित बतख की चोंच वाले डायनासोर, सींग वाले डायनासोर रहा करते थे.
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लंबे समय तक पैरासॉरोलोफस को दो लंबी सीधी किलकीदार प्रजातियो, अलबेर्टा के पी वाल्केरी और न्यूमैक्सिको कीपी ट्यूबिसेन का नजदीकी संबंधी माना जाता था. इनमें 25 लाख सालों का और 1600 किमी का अंतर भी था. लेकिन अब नई खोजों से पता चलता है कि सभी दक्षिणी प्रजातियां आपस में नजदीकी तौर पर संबंधी थीं और उत्तरी अमेरिका की प्रजातियों से थोड़ी ही अलग थी.