यूरोपआखिर यूरोपीय संघ का सदस्य क्यों बनना चाहता है यूक्रेन?अगर पूछा जाए कि रूस ने यूक्रेन (Ukraine) पर हमला क्यों किया तो इसका जवाब यही होगी कि उसे यूक्रेन के नाटो का सदस्य बनने पर ऐतराज था. इससे पहले की यूक्रेन ऐसा कुछ करता रूस ने उस पर हमला कर दिया. रूस का मानना है कि नाटो रूस के लिए खतरा है और यूक्रेन नाटो का हिस्सा बनकर रूस का खतरा बढ़ाने वाला था. उसके बाद 24 फरवरी से अब तक रूस यूक्रेन ‘युद्ध’ जारी है जिसमें नाटो (NATO) के सभी यूरोपीय देश रूस के खिलाफ यूक्रेन की मदद कर रहे हैं. इस बीच यूक्रेन ने यूरोपीय संघ में शामिल होने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है. आइए जानते है कि कोई देश यूरोपीय संघ में कैसे शामिल (European Union Membership) होता है.
यूरोपीय संघ में कौन
यूक्रेन के मामले में यूरोपीय संघ की सदस्यता एक तरह से नाटो के और करीब जाना कहा जा सकता है. यूरोपीय संघ 27 देशों का मुख्य रूप से आर्थिक संगठन है जिसमें यूरोप के अधिकांश देश हैं इनमें प्रमुख रूप से ब्रिटेन संघ से बाहर है. इसे 1993 में आर्थिक और राजनैतिक सहयोग के लिए बनाया गया था. इसका एक खुद का मंत्रिमंडल भी है जिसकी अध्यक्षता हर छह महीने में काउंसिल में बदलती रहती है.
फायदा होगा यक्रेन को
यूरोपीय संघ के 19 सदस्य यूरो को अपनी आधिकारिक मुद्रा साझा करते हैं. इसका लक्ष्य लोकतांत्रिक मूल्यों को सदस्य देशों में बढ़ावा देना है. इसके सदस्य देशों के नागरिक संघ में कहीं भी आसानी से आ जा सकते हैं इसके अलावा सामान सेवाएं और पूंजी की भी प्रवाह सुगम रहता है. जिसमें समान बाजार नियम लागू होते हैं. यूक्रेन की संघ की सदस्यता लेने की एक वजह यह भी है कि उसे इसका बहुत फायदा होगा.
शर्तों की लंबी फेहरिस्त
दुनिया का हर देश यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं बन सकता है. इसके लिए आवेदन करने वाले देशो को कोपनहेगन की शर्तों को पूरा करना होगा जिसमें मुक्त बाजार समाज, एक सक्रिय विधि तंत्र, लाकतांत्रिक व्यवस्था, मानव अधिकार और संघ के नियमों की अनुकूलता जैसी शर्तें शामिल हैं. इसमें आर्थिक और कानूनी रूप से भी कई नियमों और मानकों का पालन जरूरी है. सदस्य बनने के लिए आवेदक देश को 35 “अध्यायों” को पूरा करना होगा.
एक बड़ी और बहुत लंबी प्रक्रिया
अभी यूक्रेन केवल उम्मीदवार देश का दर्जा हासिल कर सका है जिसमें ज्यादा समय नहीं लगता है. इसके बाद एक्सेशन की प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया में यूक्रेन या नए उम्मीदवार को कई तरह के नियम, व्यवस्थाएं और कानून अपने देश में लागू करने करने होंगे. जब सभी वांछनीय सुधारों के लागू होने को लेकर दोनों पक्षों की संतुष्टि हो जाएगी, तब आवेदक देश को औपचारिक रूस से सदस्यता का दर्जा मिलेगा. इसमें कई सालों का समय लग जाता है.
यह भी पढ़ें: वो कार जो सोलर पावर से चलेगी, इसी साल होगी सामने
यूरोपीय संघ और नाटो
दरअसल यूक्रेन के साथ कई यूरोपीय देश हैं जो यूरोपीय संघ और नाटो दोनों के सदस्य हैं. रूस चाहता है कि यूक्रेन दोनों से ही दूरी रखे इसलिए वह यूक्रेन की नाटो की सदस्यता के साथ यूरोपीय संघ से भी यूक्रेन के जुड़ने पर ऐतराज जताता रहा है. यूरोपीय संघ का सदस्य बनना यानि यूक्रेन का नाटो के और करीब जाना होगा.
आर्थिक रूप से बहुत लाभ होगा यूक्रेन को
यूरोपीय संघ की सदस्यता आर्थिक रूप से बहुत फायदा पहुंचाती है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण रोमानिया है जिसकी अर्थव्यवस्था 2015 में संघ का सदस्य बनने के बाद से तीन गुना बेहतर हो गई है. वहीं बुल्गारिया की सदस्य बनने का बाद अर्थव्यवस्था में दोगुना सुधार देखने को मिला है. इसमें कोई शक नहीं यूक्रेन के संघ में जाने से उसे भी आर्थिक रूप से बहुत फायदा होने वाला है.
यह भी पढ़ें: World Drug Day 2022: मानवीय संकटों ने कठिन बना दिया है नशा विरोधी अभियान
इसके अलावा यूक्रेन को सैन्य रूप से सबसे बड़ा फायदा होगा जिससे उसे रूस से मुकाबला करने में मदद मिलेगी. वहीं सदस्यता के बाद रूस यूक्रेन युद्ध रूस संघ युद्ध में बदल जाएगा. यूक्रेन के लोग यूरोपीय संघ के दूसरे देशों आना जाना करने लगेंगे. युद्ध खत्म होने का बाद संघ से उसे पुनर्निर्माण में भी सहायता मिलेगी. वहीं रूस भी यूक्रेन पर ज्यादा दबाव डालने की स्थिति में नहीं रह जाएगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Europe, European union, Research, Russia ukraine war, World