जब 2016 में डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) बनने के लिए आक्रामक प्रचार कर रहे थे, तब उनके सबसे बड़े एजेंडे और वादों में से एक था अमेरिका और मेक्सिको की सरहद पर एक बड़ी दीवार (US-Mexico Border Wall) खड़ी करना. 'मैं राष्ट्रपति बना तो मीलों लंबी एक बड़ी और सुंदर दीवार खड़ी कर दूंगा, कीमत मेक्सिको अदा करेगा.' ट्रंप के इस दावे पर तब भी मेक्सिको ने कहा था कि वो तो इसके लिए रकम नहीं देगा. अब ट्रंप जब राष्ट्रपति पद पर हफ्ते भर के मेहमान रह गए हैं, तो अपने उस वादे को निहार रहे हैं कि वो कितनी दीवार खड़ी कर सके!
जानकारों का एक खेमा कह रहा है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन इस दीवार के खिलाफ रहे हैं इसलिए ट्रंप इसे पूरा करने के लिए उतावले रहे. दूसरी तरफ, इस दीवार से अमेरिका को नुकसान ज़्यादा होगा या फ़ायदा? इसे लेकर भी बहस चल रही है, विरोध तो ख़ैर शुरूआत से ही रहा. जाते-जाते कितनी बड़ी दीवार ट्रंप ने खड़ी कर दी है और इसके क्या मायने हैं?
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ट्रंप की इमिग्रेशन नीति या ज़िद?
सैकड़ों किलोमीटर लंबी दीवार संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण बॉर्डर पर खड़ी हो चुकी है. इसे ट्रंप अपने कार्यकाल की सबसे मज़बूत उपलब्धि और इमिग्रेशन सिस्टम में मील का पत्थर मानते रहे हैं कि उन्होंने गैर कानूनी आवागमन और प्रवासियों का आना-जाना प्रतिबंधित करने का काम कर दिया. इसे कई जानकारों ने ट्रंप की ज़िद तक करार दिया क्योंकि इस दीवार के निर्माण के लिए आदेश से लेकर एक एक्ट तक पास कराने की नौबत आई.

अमेरिका व मेक्सिको के बॉर्डर पर 725 किमी से ज़्यादा लंबी दीवार खींची जा चुकी है.
तो क्या है यह दीवार और कितनी बनी?
अमेरिका और मेक्सिको के बीच 3,145 किलोमीटर की सरहद है और ट्रंप ने 2016 में यहां 1600 किमी से ज़्यादा लंबी दीवार बनवाने के वादे किए थे. यानी अभी इस दीवार का करीब दो तिहाई निर्माण होना बाकी है. खबरों की मानें तो 8 जनवरी की स्थिति में 729 किलोमीटर लंबी दीवार खड़ी की जा चुकी और निर्माण जारी है.
इसे बॉर्डर वॉल के अलावा ट्रंप वॉल के नाम से भी प्रचारित किया गया. यह लगातार बनी हुई दीवार नहीं, बल्कि बीच-बीच में जगह छोड़कर बनाई गई दीवार है, जिसमें वर्चुअल निगरानी के लिए सेंसर और कैमरे आदि की व्यवस्था है. यह दीवार वास्तव में बॉर्डर पार करने वाले लोगों पर नज़र रखने और चुनिंदा पॉइंट्स पर प्रतिबंधित करने के मकसद से बनाई गई.
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किसने उठाया खर्च?
ट्रंप ने हालांकि यही वादे किए थे कि मेक्सिको को इसका खर्च उठाना होगा, लेकिन मेक्सिको के साफ इनकार के बाद अमेरिका ने ही इसका खर्च उठाया क्योंकि ट्रंप को वादा निभाना था. इसके लिए कुछ विभागों ने करीब 15 अरब डॉलर की फंडिंग हुई. इस खर्चीली दीवार के बजट को लेकर कई बार सवाल खड़े होते रहे. फिर, यह बहस भी शुरू हुई कि क्या खर्च से ज़्यादा फायदा इस दीवार से हुआ या नहीं?
2020 की एक स्टडी में माना गया कि बॉर्डर वॉल से अनुमानित फायदा खर्च से कम ही होगा. दूसरी तरफ, इसकी उपयोगिता और पर्यावरण पर इसके असर को लेकर भी ट्रंप की नीति आलोचना की शिकार हुई.

बीच-बीच में कहीं-कहीं जगह छोड़कर बनाई गई है यूएस मेक्सिको बॉर्डर वॉल.
कितना बड़ा है इस दीवार से खतरा?
विशेषज्ञ मान रहे हैं कि उत्तरी अमेरिका की ज़्यादातर जैव विविधता पर लंबे समय में इसके बहुत खराब असर हो सकते हैं. कम से कम 93 दुर्लभ प्रजातियां इस दीवार के निर्माण से खतरे में आ गई हैं. जो अनछुए इलाके थे, वहां भी कंस्ट्रक्शन हुआ है. जबसे यहां बॉर्डर वॉल का निर्माण शुरू हुआ तबसे अब तक यहां वन्य जीवन करीब 90 फीसदी तक घटा हुआ देखा जा चुका है.
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प्रवासी पक्षियों, जीवों के साथ ही दुर्लभ मछलियों की प्रजातियां भी इस दीवार से खतरे में मानी जा रही हैं क्योंकि जानवरों के लिए भी यह एक सरहद बन गई है. अनछुए जंगलों में पहली बार इतनी हलचल, डायनामाइट के धमाके और आवाजाही हुई कि यहां वन्य जीवन तकरीबन तबाह होने जैसे हालात हैं.
क्या होगा बाइडन का रुख?
इस दीवार के निर्माण को रोकने के लिए पहले ही बाइडन निश्चय ज़ाहिर कर चुके हैं. बाइडन का मानना है कि बॉर्डर पर निगरानी का जो काम तकनीक से संभव है, उसके लिए इतना बड़ा निर्माण बेहद फिज़ूलखर्ची है. पिछले साल अगस्त में चुनाव प्रचार के समय बाइडन ने साफ कहा था कि उनके हाथ में सत्ता आते ही 'और एक भी फुट दीवार नहीं बनेगी'.

अमेरिका और मेक्सिको के बीच बनाई जा रही दीवार.
हालांकि अब इस दीवार के लिए कानूनी और व्यावसायिक व्यवस्थाएं हो चुकी हैं इसलिए ठेकों और आदेशों को निरस्त करने के प्रति बाइडन प्रशासन किस तरह अप्रोच करेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है. एक कमेटी ज़रूर बन गई है जो इन तमाम मामलों के साथ यह भी देख रही है कि दीवार के निर्माण के लिए जिन लोगों की ज़मीन छीन ली गई, उन्हें किस तरह मुआवज़ा दिया जाए.
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स्थिति यह है कि ट्रंप ने 'बड़ी और सुंदर' बॉर्डर वॉल खींचने के नाम पर अंदर ही अंदर पर्यावरण नीति, व्यवस्था, कानून, भूमि अधिग्रहण जैसी कई और दीवारें खड़ी कर गए हैं, जिन्हें बाइडन प्रशासन को खासी मेहनत से इस तरह गिराना होगा, जिससे नुकसान और ज़्यादा न हो.
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FIRST PUBLISHED : January 13, 2021, 08:38 IST