क्या है अमेरिका का 25वां संविधान संशोधन, जिससे ट्रंप को हटाना मुमकिन है

कैपिटल हिल पर ट्रंप समर्थकों ने उत्पात मचाया.
समर्थकों के उपद्रव के बाद उपद्रव का समर्थन करना ट्रंप (Donald Trump) को भारी पड़ सकता है. कैपिटल हिल हिंसा (Capitol Hill Violence) के बाद कई तरफ से मांग उठ रही है कि उप राष्ट्रपति माइक पेंस (US Vice-President) 25वें संविधान संशोधन को अमल में लाने की कवायद करें.
- News18Hindi
- Last Updated: January 10, 2021, 9:54 AM IST
अमेरिका की राजधानी वॉशिंग्टन (Washington D.C.) स्थित कैपिटल हिल पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों (Donald Trump Supporters) के उपद्रव के बाद अमेरिका में कई तरफ से ट्रंप को हटाए जाने की मांग पुरज़ोर हुई है. एक वर्ग है जो मान रहा है कि सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव के ऐतिहासिक स्थान कैपिटल हिल पर उत्पात (Capitol Hill Violence) के बाद ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाया जा सकता है, तो एक और वर्ग है जिसका तकाज़ा है कि अमेरिकी संविधान (Constitution of US) में किए गए 25वें संशोधन को लागू कर दिया जाए. क्या आप जानते हैं कि ये कैसा हथियार साबित हो सकता है?
डेमोक्रेट नेता जो बाइडन (Joe Biden) अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जा चुके हैं और ट्रंप के सत्ता से हटने में 10 दिनों का वक्त और बाकी है. माना जा रहा है कि इतने कम वक्त में महाभियोग की प्रक्रिया चला पाना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है इसलिए अब 25वें संविधान संशोधन वाली मांग ज़्यादा असरदार विकल्प के तौर पर उभर रही है.
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क्या है यूएस संविधान का 25वां संशोधन?अमेरिकी राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति को इस व्यवस्था से तहत बदला जा सकता है. कॉर्नेल लॉ स्कूल के मुताबिक 'अगर राष्ट्रपति कार्यालय में कुछ विवाद की स्थितियां हों तो इस 25वें संशोधन से उन्हें हल करने की कोशिश की जाती है. प्रेसिडेंट की मृत्यु, इस्तीफे या फिर बर्खास्तगी पर क्या होता है और अगर कोई प्रेसिडेंट अपने कर्तव्य निभाने में सक्षम न हो तो इस प्रोसीजर को कैसे लागू किया जाता है, यह संशोधन इस बारे में है.' इस संशोधन के तहत चार सेक्शनों का उल्लेख है.

पहले सेक्शन में प्रेसिडेंट की मौत की स्थिति में पारंपरिक तौर पर जो प्रोसीजर अपनाया जाता है, उसका उल्लेख है. यानी इस स्थिति में कैसे उप राष्ट्रपति ऑफिस संभाल सकता है. इसी सेक्शन में प्रेसिडेंट के इस्तीफे की स्थिति में उप राष्ट्रपति को कैसे इस पद पर लाया जा सकता है, इसका भी उल्लेख है. ब्रिटानिका के एनसाइक्लोपीडिया में इस बारे में बताया गया है.
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इसके मुताबिक इस्तीफे की स्थिति में उप राष्ट्रपति को राष्ट्रपति के पद पर लाया जा सकता है और जा रहे प्रेसिडेंट की पद पर वापसी को भी रोका जा सकता है. इस संशोधन के दूसरे सेक्शन में उप राष्ट्रपति के पद पर वैकैंसी के बारे में चर्चा की गई है.
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संशोधन का तीसरा सेक्शन मौजूदा हालात में महत्वपूर्ण है. इसमें बताया गया है कि किस तरह प्रेसिडेंट को उसकी शक्तियों और सत्ता से हटाया जा सकता है यानी किन स्थितियों और किस प्रक्रिया के तहत यह संभव है.
ताज़ा स्थितियों के चलते कई लोग 25वें संविधान संशोधन के इसी चौथे सेक्शन को लागू किए जाने और उप राष्ट्रपति माइक पेंस से ट्रंप की जगह लेने की मांग कर रहे हैं.
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क्या पहले हुआ है इस संशोधन का इस्तेमाल?
अमेरिकी लोकतंत्र के इतिहास में अहम तारीख थी 6 जुलाई 1965. तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या के बाद कांग्रेस ने इस 25वें संशोधन का प्रस्ताव इस तारीख को रखा था और इसे 10 फरवरी 1967 को राज्यों में मंज़ूर कर दिया था. अब रही बात कि पहले किस तरह इस संशोधन को अमल में लाया गया. कॉर्नेल स्कूल के मुताबिक इसका जवाब इस तरह है :
अमेरिका में 1970 के दशक में चर्चित रहे वॉटरगेट घोटाले के चलते इस संशोधन को अमल में लाए जाने की मांग उठी थी. पहली बार यह संशोधन तब अमल में लाया गया जब गेराल्ड फोर्ड ने स्पायरो एगन्यू को उप राष्ट्रपति के तौर पर रीप्लेस किया और तब भी जब उन्होंने रिचर्ड निक्सन को राष्ट्रपति के तौर पर रीप्लेस किया. यह संशोधन तब भी चर्चा में था जब नेल्सन रॉकफेलर उप राष्ट्रपति बने थे.
यहां सबसे खास और गौर करने की बात यह है कि इस 25वें संशोधन के चौथे सेक्शन को अब तक कभी भी लागू करने की स्थिति नहीं बनी है. अगर इस बार ऐसा होता है, तो यह एक इतिहास होगा.
डेमोक्रेट नेता जो बाइडन (Joe Biden) अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जा चुके हैं और ट्रंप के सत्ता से हटने में 10 दिनों का वक्त और बाकी है. माना जा रहा है कि इतने कम वक्त में महाभियोग की प्रक्रिया चला पाना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है इसलिए अब 25वें संविधान संशोधन वाली मांग ज़्यादा असरदार विकल्प के तौर पर उभर रही है.
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क्या है यूएस संविधान का 25वां संशोधन?अमेरिकी राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति को इस व्यवस्था से तहत बदला जा सकता है. कॉर्नेल लॉ स्कूल के मुताबिक 'अगर राष्ट्रपति कार्यालय में कुछ विवाद की स्थितियां हों तो इस 25वें संशोधन से उन्हें हल करने की कोशिश की जाती है. प्रेसिडेंट की मृत्यु, इस्तीफे या फिर बर्खास्तगी पर क्या होता है और अगर कोई प्रेसिडेंट अपने कर्तव्य निभाने में सक्षम न हो तो इस प्रोसीजर को कैसे लागू किया जाता है, यह संशोधन इस बारे में है.' इस संशोधन के तहत चार सेक्शनों का उल्लेख है.

25वें संशोधन के ड्राफ्ट की यह इमेज विकिकॉमन्स से साभार.
पहले सेक्शन में प्रेसिडेंट की मौत की स्थिति में पारंपरिक तौर पर जो प्रोसीजर अपनाया जाता है, उसका उल्लेख है. यानी इस स्थिति में कैसे उप राष्ट्रपति ऑफिस संभाल सकता है. इसी सेक्शन में प्रेसिडेंट के इस्तीफे की स्थिति में उप राष्ट्रपति को कैसे इस पद पर लाया जा सकता है, इसका भी उल्लेख है. ब्रिटानिका के एनसाइक्लोपीडिया में इस बारे में बताया गया है.
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इसके मुताबिक इस्तीफे की स्थिति में उप राष्ट्रपति को राष्ट्रपति के पद पर लाया जा सकता है और जा रहे प्रेसिडेंट की पद पर वापसी को भी रोका जा सकता है. इस संशोधन के दूसरे सेक्शन में उप राष्ट्रपति के पद पर वैकैंसी के बारे में चर्चा की गई है.
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संशोधन का तीसरा सेक्शन मौजूदा हालात में महत्वपूर्ण है. इसमें बताया गया है कि किस तरह प्रेसिडेंट को उसकी शक्तियों और सत्ता से हटाया जा सकता है यानी किन स्थितियों और किस प्रक्रिया के तहत यह संभव है.
सार यह है कि अगर प्रेसिडेंट किन्हीं कारणों से अपने पद की ज़िम्मेदारी उठा नहीं सके तो उप राष्ट्रपति को उसके पद पर लाया जा सकता है. मौजूदा स्थितियों के संदर्भ में चौथा सेक्शन ध्यान देने लायक है. इसके मुताबिक अगर प्रेसिडेंट खुद अपनी अक्षमता को ज़ाहिर नहीं करता है तो ऐसे में उप राष्ट्रपति और कैबिनेट संयुक्त रूप से यह सुनिश्चित कर सकते हैं और तत्काल उप राष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर ज़िम्मेदारी अपने हाथ में ले सकता है.
ताज़ा स्थितियों के चलते कई लोग 25वें संविधान संशोधन के इसी चौथे सेक्शन को लागू किए जाने और उप राष्ट्रपति माइक पेंस से ट्रंप की जगह लेने की मांग कर रहे हैं.
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हिंसा का समर्थन करने वाले ट्विटर के बाद एफबी ने भी ट्रंप के अकाउंट लॉक कर दिए थे. (न्यूज़18 कार्टून)
क्या पहले हुआ है इस संशोधन का इस्तेमाल?
अमेरिकी लोकतंत्र के इतिहास में अहम तारीख थी 6 जुलाई 1965. तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या के बाद कांग्रेस ने इस 25वें संशोधन का प्रस्ताव इस तारीख को रखा था और इसे 10 फरवरी 1967 को राज्यों में मंज़ूर कर दिया था. अब रही बात कि पहले किस तरह इस संशोधन को अमल में लाया गया. कॉर्नेल स्कूल के मुताबिक इसका जवाब इस तरह है :

यहां सबसे खास और गौर करने की बात यह है कि इस 25वें संशोधन के चौथे सेक्शन को अब तक कभी भी लागू करने की स्थिति नहीं बनी है. अगर इस बार ऐसा होता है, तो यह एक इतिहास होगा.