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कितना होता है हवाई जहाज का माइलेज और क्यों खास होता है उनका ईंधन?

हवाई जहाजों (Aeroplane) के ईधन की खपत सामान्य सड़क वाहनों के तुलना में बहुत ही अलग तरह की होती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

हवाई जहाजों (Aeroplane) के ईधन की खपत सामान्य सड़क वाहनों के तुलना में बहुत ही अलग तरह की होती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

हवाई जहाजों (Aeroplane) का ईधन (Aviation Fuel) ना केवल बहुत अलग और खास होता है, बल्कि उनकी खपत भी बहत अलग तरह की होती ह ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाला ईंधन सड़क वाहनों के ईंधन से बहुत अलग होता है.
हवाई जहाज में ईंधन की खपत बहुत ज्यादा मात्रा में होती है, उनका माइलेज कम होता है.
हवाई जहाज के लिए वैकल्पिक ईंधन बनाना आसान काम नहीं है.

पिछले एक साल में कच्चे तेल के बाजार में बहुत तेजी देखने को मिली है. रूस यूक्रेन युद्ध इसकी सबसे बड़ी वजह रही. लेकिन इससे दुनिया के लगभग सभी देशों ने ऊर्जा के मामले में बाहरी स्रोतों पर निर्भरता के खतरे को पहचाना है और जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) के विकल्पों पर तेजी से काम भी करने लगे हैं. आलम यह है कि अब दुनिया के देश अक्षय ऊर्जा में तेजी से निवेश कर रहे हैं जिससे वे इसके बाजार के दोहन में आगे रह सकें. लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि जीवाश्म ईंधन खत्म हो जाएगा? इस सवाल के जवाब की में अहम पहलू हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन (Fuel of Aeroplanes) और उसकी खपत है. आइए जानते हैं कि आखिर हवाई जहाज कितने ईंधन की खपत करते हैं और उनका माइलेज (Mileage of Aeroplanes) क्या है.

क्या है बोइंग विमान की खपत
विमानों के संसार में बोइंग विमान सबसे बड़े विमानों में से एक माना जाता है और दुनिया में इसकी संख्या भी कम नहीं है. दुनिया के विमानन उद्योग में इसकी खासी भागीदारी भी है. एक बोइंग 747 विमान केवल एक ही सेकंड की उड़ान में ही करीब एक गैलन यानि चार लीटर का ईंधन खा जाता है.

किलोमीटर और खपत
बोइंग 747 विमान प्रति मील लगभग 5 गैलन ईंधन खर्च करते हैं जो कि करीब 12 लीटर प्रति किलोमीटर का खर्च है. ऐसे विमान एक लीटर ईंधन में करीब 0.8 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं या एक किलोमीटर के सफर में करीब 12 लीटर के ईंधन की खपत करते है. एक बोइंग विमान प्रति घंटे 14400 लीटर इंधन की खपत करता है.

अलग तरह का सफर
बोइंग 747 विमान टोक्यो से न्यूयॉर्क शहर के बीच करीब 13 घंटे की उड़ान के लिए लगभग 187,200 लीटर ईंधन की खपत करता है इस प्लेन में 568 लोग सफर कर सकते हैं. इस विमान की औसत स्पीड करीब 900 किलोमीटर प्रति घंटे होती है. विमानों में जेट ए या जेटए-1 तरह के ईंधन मिट्टी के तेल पर आधारित ईंधन होते हैं जो टरबाइन इंजन वाले विमानों में उपयोग में लाए जाते हैं.

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हवाई जहाजों (Aeroplane) में ईंधन की खपत बहुत ही ज्यादा मात्रा में होती है और उनका माइलेज भी कम होता है. (तस्वीर: Wikimedia Commons)

बड़ा लेकिन महंगा सफर
वहीं अलग अलग देशों में विमान की ईंधन की भी अलग होती है. लकिन सच यह की हवाई जहाज का सफर यूं ही महंगा नहीं होता है और यही वजह है कि विमान में ज्यादा से ज्यादा मुसाफिरों की संख्या बढ़ाने के लिए विमानन कंपनियां इतना ज्यादा दिमाग लगाती है. वहीं यात्राओं की लागत यात्री भाड़े और सामान ढुलाई से निकाली जाती है.

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जीवाश्म ईंधन में कितना हिस्सा
आज विमानन उद्योग दुनिया के जीवाश्म ईंधन का 2 से 3 फीसद उपयोग करता है जो तुलनात्मक रूप से भले ही कम लगे, लेकिन मात्रा में कम नहीं है. इसमें से भी इस ईंधन का 80 फीसद हिस्सा व्यवसायिक उड़ानों में खर्च हो जाता है. अभी दुनिया भले ही ईलेक्ट्रिक वाहनों पर खर्च कर रही हो, लेकिन विमानन में भी वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों की पड़ताल हो रही है.

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हवाई जहाजों (Aeroplane) के इंजन को बहुत ही ज्यादा ऊर्जा लगती है, इसलिए उनका विकल्प बहुत मुश्किल है. (तस्वीर:weflywrightdotcom)

ज्यादा ऊर्जा की जरूरत
विमानों को उड़ाने के लिए ऊर्जा की बहुत ज्यादा जरूरत होती है. ऐसे में उनकी उड़ानों के लिए बहुत ही शक्तिशाली बैटरी की जरूरत होगी. वे हवा में उड़ते हैं इसलिए रेलवे की तरह उन्हें बिजली के तारों पर भी नहीं चलाया जा सकता है. पवन ऊर्जा उनके लिए उपयोगी नहीं होती है इसके अलावा सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए बहुत ज्यादा बैटरी लगेगी.

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फिलहाल उड़ान में खर्च होने की ऊर्जा के अलावा विमान के बाकी कार्यों को बैटरी पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. चुनौती विमान के लिए वैकल्पिक इंजन की होगी, लेकिन फिलहाल दुनिया का ध्यान कारों पर हैं जो दुनिया का सबसे ज्यादा जीवाश्म ईंधन खा रही हैं. वहीं हवाई जहाजों के मामलेमे अभी तो केवल हाइड्रोजन ऊर्जा ही एक हरित ऊर्जा का विकल्प लगता है.

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