कोरोना संक्रमण अब पूरे देश में बेकाबू हो चुका है. इस बीच लक्षणों पर ध्यान देने और सही इलाज के अलावा एक शब्द बार-बार सुना जा रहा है, वो है ऑक्सीमीटर. डॉक्टरों का कहना है कि हल्के लक्षण वाले कोरोना के मरीज घर पर रहते हुए ही प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ऑक्सीमीटर नामक इस उपकरण का इस्तेमाल करें. इसकी मदद से अनुमान लगाया जा सकता है कि कब, किस मरीज को अस्पताल लाने की जरूरत है. इससे अस्पतालों पर भी बोझ कब होगा, जिससे जरूरतमंदों को सही समय पर इलाज मिल सकेगा.
क्यों है ऑक्सीमीटर की जरूरत
ये खून में ऑक्सीजन की उपलब्धता जांचने वाला उपकरण है. यानी इससे ये पता चलता है कि लाल रक्त कणिकाएं (RBCs) कितना ऑक्सीजन यहां से वहां ले जा रही हैं. बता दें कि खून में ऑक्सीजन के प्रवाह से ही सारे अंग काम करते हैं और ये जीवित रहने के लिए जरूरी है.
" isDesktop="true" id="3562842" >
वायरस फेफड़ों पर सबसे गंभीर वार करता दिख रहा है
ये इस अंग को काफी चुपचाप नुकसान पहुंचाता जाता है और होता ये है कि एकाएक हल्के लक्षणों वाले मरीज का ऑक्सीजन स्तर कम हो जाता है और हालात बिगड़ जाते हैं. इस परिस्थिति तक न पहुंचने के लिए जरूरी है कि कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में रहते के दौरान खून में ऑक्सीजन को नियमित तौर पर देखते रहें. ऑक्सीमीटर यही संकेत देता है कि कब ऑक्सीजन का स्तर घट रहा है. इससे समय पर अस्पताल जाने से जान बचाई जा सकती है.

खून में ऑक्सीजन के प्रवाह से ही सारे अंग काम करते हैं- सांकेतिक फोटो (pixabay)
किनके लिए है जरूरी
वैसे तो डॉक्टर बच्चों और स्वस्थ वयस्कों के लिए इस उपकरण की जरूरत नहीं बताते हैं कि संक्रमित होने पर ये सबके लिए जरूरी बताया जा रहा है. खासतौर पर क्रॉनिक हेल्थ कंडीशन वाले लोगों, जैसे अस्थमा, हार्ट डिसीज और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (COPD) के मरीजों के लिए खून में ऑक्सीजन की जांच नियमित तौर पर जरूरी है.
अब समझते हैं कि ये उपकरण क्या है
ऑक्सीमीटर को पोर्टेबल पल्स ऑक्सीमीटर भी कहा जाता है क्योंकि ये काफी छोटी सी डिवाइस होती है जो यहां से वहां लाई- ले जाई जा सकती है. देखने में ये कपड़ों पर लगाने वाली क्लिप की तरह होता है, जिसे हाथ की अंगुली में फंसाया जाता है, लेकिन इससे पहले इसे ऑन करते हैं. चूंकि ये डिस्प्ले मशीन होती है तो तुरंत ही इसकी स्क्रीन पर ऑक्सीजन का स्तर दिखने लगता है. साथ में मरीज की पल्स यानी नब्ज का स्टेटस भी दिखता है. कोरोना के मरीज कुछेक घंटों पर लगातार ये लेते रहें, तो उन्हें पता रहता है कि उनके लंग्स ठीक तरह से काम कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: जानिए, किस तरह एक ब्लड टेस्ट से हो सकेगी Depression की पहचान
एक्युरेसी में थोड़ी कमी भी है
ऑक्सीमीटर की रीडिंग में 2 प्रतिशत की घट-बढ़ की संभावना भी होती है. इसे इरर विंडो कहा जाता है. इसका मतलब है कि स्क्रीन पर दिख रही रीडिंग मरीज के वास्तविक ब्लड ऑक्सीजन लेवल से 2 पॉइन्ट कम या ज्यादा हो सकती है. हालांकि कम एक्युरेसी के बाद भी तेजी से इससे रिजल्ट आने के कारण फिलहाल कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन के दौरान इसी से रिकॉर्ड रखने को कहा जा रहा है.

ऑक्सीमीटर की रीडिंग में 2 प्रतिशत की घट-बढ़ की संभावना भी होती है- सांकेतिक फोटो
कब और कैसे हो इस्तेमाल
पल्स ऑक्सीमीटर को वैसे तो इस्तेमाल करना एकदम आसान है लेकिन इसके लिए भी कुछ नियम हैं. जैसे अगर नाखूनों पर गहरे रंग की नेलपॉलिश लगी हो तो रीडिंग गलत आ सकती है. इसलिए जरूरी है कि नेलपॉलिश हटाकर ये डिवाइस अंगुली पर लगाएं. इसके अलावा काफी ठंडे तापमान में भी ऑक्सीमीटर की एक्युरेसी गड़बड़ा जाती है, इसलिए हाथ ठंडे न हों, ये ध्यान रखें.
कितना होना चाहिए खून में ऑक्सीजन का स्तर
इस्तेमाल से पहले ये जानना भी जरूरी है कि खून में ऑक्सीजन का सही स्तर कितना होता है या होना चाहिए. कोरोना संक्रमित लेकिन इसके अलावा स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल 95 से 100 फीसदी के बीच होता है. 95 फीसदी से कम ऑक्सीजन लेवल इस बात का संकेत है कि उसके फेफड़ों में परेशानी हो रही है. ऑक्सीजन का स्तर अगर 94 से नीचे जाने लगे तो सचेत हो जाना चाहिए और अगर ये स्तर 93 या इससे नीचे हो जाए तो मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए क्योंकि ये संकेत है कि उसके शरीर की 8 फीसदी तक कोशिकाएं ऑक्सीजन का प्रवाह नहीं कर पा रही हैं.
भी पढ़ें: Explained: कोरोना मरीजों पर कैसे काम करता है वेंटिलेटर?
कहां मिल सकता है
कोरोना के दौरान ऑक्सीमीटर हर घर में रखने की सलाह एक्सपर्ट दे रहे हैं ताकि होम आइसोलेशन में मरीज की हालत मॉनिटर हो सके. ये डिवाइस किसी भी बड़ी मेडिकल दुकान में मिल जाती है या इसे ऑनलाइन भी मंगवाया जा सकता है. ये कुछ सौ से लेकर कई हजार तक की मिलती है, जो अलग-अलग ब्रांड की बात है. हालांकि इससे खास फर्क नहीं पड़ता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Coronavirus Cases In India, Coronavirus vaccine update, Oxygen cylinder, Research on corona
FIRST PUBLISHED : April 19, 2021, 07:42 IST