शोधकर्ताओं ने उस प्रक्रिया (Process) को समझ लिया है जिससे दिमाग (Brain) यादों को लंबे समय तक रख पाता है. (तस्वीर: Pixabay)
इंसान (Humans) को कई बातें अपने आप हमेशा के लिए याद (Memorise) रह जाती है. लेकिन कुछ बातों वह चाहकर भी याद नहीं रख पाता है तो कई बातों को याद रखने के लिए उससे कोशिश करना पड़ता है. वैज्ञानिकों के लिए यह हमेशा से ही शोध का विषय रहा है कि इंसान का दिमाग (Brain) किसी बात को याद कैसे रखता है. हाल ही में हुए एक शोध से हुई बड़ी खोज के तहत पता चला है कि कुछ यादें बिना किसी कोशिश के खास (Distinct) और लंबे समय तक टिकने वाली (long lasting) कैसे हो जाती हैं.
जान ली यह प्रक्रिया
बहुत अहम खोज करने वाला यह शोध नेचर कम्यूनिकेशन्स में प्रकाशित हुआ है. इस अध्ययन में दिमाग के सीखने या याद करने की प्रक्रिया को समझाते हुए बताया गया है कि कैसे यह प्रक्रिया याद्दाश्त को स्थायी रूप देती है और यादों में दखलंदाजी भी कम करती है. इस पड़ताल से इस बारे में रोशनी डाली जा सकी है कि कैसे इंसान उम्मीदें पालता है और भविष्य में होने वाली घटनाओं का सटीक पूर्वानुमान लगा पाता है.
नर्व सेल के बीच कड़ियां
यादें तब बन जाती है जब दिमाग में संकेत भेजने और प्राप्त करने वाले नर्व सेल के बीच आपस में कड़ियां (Connections) मजबूत बन जाती हैं. यह प्रक्रिया लंबे समय से याद्दाश्त के लिए जिम्मेदार दिमाग के अहम इलाके हिप्पोकैम्पस में पास की नर्व सेल्स को उत्तेजित करने वाले कड़ियों में बदलाव से संबंधित मानी जाती थी.
इन दो तरह की कड़ियों के बीच
दिमाग के स्वस्थ्य रूप से काम करने के लिये इन उत्तेजना पैदा करने वाली कड़ियों (excitatory connections) को दमनकारी कड़ियों (inhibitory connections) के साथ सामन्जस्य स्थापित करना होता है. दमनकारी कड़ियां नर्व से की गतिविधि को मंदा करती हैं. दमनकारी कड़ियों (inhibitory connections) की मजबूती में बदलावों की भूमिका को पहले ध्यान नहीं दिया गया था और शोधकर्ताओं ने पाया कि नर्व सेल में दमनकारी कड़ियों (inhibitory connections) जिन्हें न्यूरोन (Neuron) कहा जाता है, को भी मजबूत किया जा सकता है.
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