भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) का जितना फैलाव है, उसकी शुरूआत करने वालों में सबसे बड़ा और अहम नाम फकीरचंद कोहली (Faquir Chand Kohli) का रहा, जो टाटा कंसल्टेंसी सर्विस (TCS) के संस्थापक थे और पहले सीईओ भी. टाटा समूह (Tata Group) के साथ कई कंपनियों में अहम सेवाएं देने वाले और जेआरडी टाटा (JRD Tata) के करीबी माने जाने वाले कोहली ने भारत में आईटी क्षेत्र (IT Industry of India) के तमाम बड़े उद्यमियों को न केवल प्रेरणा दी बल्कि उनके लिए रास्ते तैयार करने का भी काम किया.
96 साल की उम्र 26 नवंबर को दुनिया को अलविदा कहने वाले कोहली के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर आईटी क्षेत्र के तकरीबन हर दिग्गज ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. नारायण मूर्ति, साइरस मिस्त्री और अज़ीम प्रेमजी आदि कई मशहूर उद्यमियों ने उन्हें एक विज़नरी और प्रेरणास्रोत बताया. आइए जानते हैं कि कोहली ने किस तरह नए भारत की तस्वीर को जीवंत करने का बड़ा काम किया था.
ये भी पढ़ें :- हिन्द महासागर में वो छोटा सा द्वीप, जहां भारत-चीन-अमेरिका के बीच दबदबे की जंग
कोहली क्यों हैं फादर ऑफ इंडियन आईटी?
टीसीएस की स्थापना से पहले टाटा बिजली कंपनी में कोहली ही पहले प्रशिक्षित इंजीनियर थे, जिन्होंने भारत की किसी पावर कंपनी में 1960 के दशक में कंप्यूटर का इस्तेमाल शुरू किया था. शुरूआती दिनों में टीसीएस में उस ज़माने के हिसाब से भी पुराने या आउटडेटेड कंप्यूटरों का इस्तेमाल किया जाता था. इसकी वजह यह थी कि उस समय सरकार की प्राथमिकता फॉरेन एक्सचेंज था, कंप्यूटर नहीं.
ये भी याद रखने लायक फैक्ट है कि जेआरडी टाटा की गुज़ारिश पर कोहली ने 1969 में टीसीएस की स्थापना का बीड़ा उठाया था. इसकी ज़रूरत या वजह यह थी कि टाटा बिजली कंपनी में मुंबई और पुणे के बीच पावर लाइनों के कंट्रोल के लिए कंप्यूटर सिस्टम शुरू किया गया था. तो आने वाले समय के लिए आईटी के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशनी और तैयार करनी थीं. यहां से शुरू हुआ सफर भारत के 'तकनीकी आंदोलन' का प्रवर्तक बना.

प्रधानमंत्री समेत आईटी दिग्गजों ने एफसी कोहली को श्रद्धांजलि दी.
कोहली ने भारत के दिमागों को पोसा
कनाडा और
अमेरिका के एमआईटी से इंजीनियरिंग की शिक्षा लेकर भारत लौटने वाले कोहली को भारतीय इंजीनियरों की बुद्धिमत्ता और उनकी काबिलियत पर पूरा भरोसा रहा. उन्होंने अपने विज़न और मिशन के लिए देश के बेहतरीन इंजीनियर छांटे. खुद गोल्ड मेडलिस्ट तकनीकी छात्र रह चुके कोहली ने भारत सरकार के सामने यह दावा कर दिया था कि अगर टीसीएस को कंप्यूटर आयात करने की इजाज़त दी जाए तो जल्द ही आयात से बहुत ज़्यादा निर्यात यह कंपनी करेगी.
ये भी पढ़ें :- संविधान दिवस क्या है और 26 नवंबर को क्यों मनाया जाता है?
कोहली के ही विज़न का नतीजा था कि यूनिवर्सिटियों में कंप्यूटर साइंस विभाग शुरू हुए ताकि भविष्य में देश को जो कंप्यूटर विशेषज्ञ चाहिए होंगे, उन्हें तैयार किया जा सके. वो खुद छात्रों को ट्रेनिंग दिया करते थे. देखते ही देखते उन्होंने भारत की आईटी कंपनी को यूके, यूरोप, अमेरिका और एशिया के कई देशों तक फैला दिया. और यह सब कारनामे कोहली 70 के दशक में कर रहे थे.
ये भी पढ़ें :- अपने लक्ष्य के पक्के थे देश में दूध की नदियां बहाने वाले कुरियन
रिसर्च पर रहा फोकस
कोहली को शुरू से ही विश्वास था कि टीसीएस को और अतिरिक्त वैल्यू के लिए सोचना होगा. इसी विज़न के चलते उन्होंने पुणे में 80 के दशक की शुरूआत में रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर शुरू करवाए, जहां दुनिया भर के प्रतिभाशाली रिसर्चरों को जुटाया गया. यह सॉफ्टवेयर बनाने की दिशा में काफी अहम निवेश था. हालांकि टीसीएस बेहतरीन सॉफ्टवेयर बनाने के लिए कभी नहीं जाना गया लेकिन देश के लिए तकनीकी विशेषज्ञता के लिहाज़ से यह कदम बहुत कामयाब रहा.
जब नई सदी की आमद के साथ ही सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में Y2K का समय आया, तब यही आरएंडडी सेंटर एक तरह से आईटी का गढ़ बन गया था और चेन्नई में कोहली ने सॉफ्टवेयर फैक्ट्री भी खोल दी थी. कुल मिलाकर, कोहली हमेशा मुनाफे के बारे में न सोचकर भारत को आईटी के क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर बल्कि अग्रणी बनाना चाहते रहे.
ये भी पढ़ें :- क्या है IPC सेक्शन 124A, जिसे कंगना रनौत केस में लगाने से हाई कोर्ट हुआ नाराज़
ब्रिटिश भारत में पेशावर में 1924 को जन्मे और अपने योगदान के लिए पद्मभूषण से नवाज़े जा चुके कोहली ने कंपनियों से ज़्यादा पेशेवरों को विकसित किया, दिमागों को पाला पोसा और भारत के भविष्य को रचा. रामादुरई, चंद्रशेखरन जैसे आईटी दिग्गजों के मेंटर कोहली रहे. साल 2000 में रिटायरमेंट के बाद भी कोहली हमेशा आईटी की नई फौज के साथ बातें करते थे और इस तरह कि उनके लिए बहुत सा काम बाकी रह गया हो.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Tata, Technology
FIRST PUBLISHED : November 27, 2020, 10:10 IST