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भारत में लोग रोज नहाते हैं लेकिन क्यों कहा जा रहा कि ये सेहत के लिए नुकसानदायक

रोज नहाना शरीर के लिए नुकसानदायक है. (shutterstock)

रोज नहाना शरीर के लिए नुकसानदायक है. (shutterstock)

रोज नहाना नुकसान कर सकता है. ये निष्कर्ष और तथ्य साइंस के कई प्रयोगों और रिसर्च से जाहिर हुआ है. अगर रोज नहा रहे हैं तो ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

अगर रोज नहाते हैं तो इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है
रोज गर्म पानी से नहाने पर पहुंच सकता है नाखूनों को नुकसान
मानव शरीर के सुरक्षातंत्र को नुकसान पहुंचाता है रोज नहाना

भारत ऐसा देश है, जहां आमतौर पर लोग रोज नहाने पर विश्वास करते हैं. कड़ाके की ठंड में भी लोग नहाने से नहीं चूकते. ये हमारी आदत में है तो भारतीय कल्चर में भी नहाने को शुद्धता से जोड़कर इसे अलग और जरूरी नजरिये से जोड़ा गया है. स्नान हमारी संस्कृति पवित्र काम है. लेकिन ऐसे में अगर कोई ये कहे कि रोज मत नहाइए, इससे नुकसान भी हो सकता है तो आप क्या कहेंगे. कम से कम साइंस तो यही कहती है.

भारत के लोग दुनिया में सबसे ज्यादा नहाने वालों में शुमार किये जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के चलते औसत भारतीय लोग तकरीबन रोज नहाते हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करके उनका तन और मन ना केवल तरोताजगी से भर उठता है बल्कि ऐसा करके वो अपने शरीर को पवित्र कर लेते हैं. बहुत से भारतीय इसलिए रोज नहाते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि रोज पूजा-पाठ के लिए नहाना हर हाल में जरूरी है. लेकिन साइंस कुछ और ही कहती है.

साइंस मानती है कि अगर आप रोज नहाते हैं तो अपना नुकसान कर रहे हैं साथ ही प्रतिरोधक क्षमता का भी कम कर रहे हैं. दुनियाभर के स्किन स्पेशलिस्ट मानते हैं कि अगर ठंड में रोज नहीं नहा रहे हैं तो अच्छा ही कर रहे हैं. जरूरत से ज्यादा नहाना हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है. वैसे गर्मियों में रोजाना नहाना सभी को अच्छा लगता है लेकिन सर्दियो में बाथ किसी चुनौती से कम नहीं.

कई स्टडीज में साबित हो चुका है कि स्किन में खुद को साफ करने की बेहतर क्षमता होती है. अगर आप जिम नहीं जाते या रोजाना पसीना नहीं बहाते, धूल-मिट्टी में नहीं रहते तो आपके लिए रोजाना नहाना जरूरी नहीं है.

गरम पानी से भी नहाना करता है नुकसान
अगर सर्दियों में गरम पानी से देर तक नहाते हैं तो ये फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला है. इससे स्किन ड्राई हो सकती है. इससे शरीर का नेचुरल ऑयल निकल जाते हैं. शरीर का ये नेचुरल ऑयल हम सभी के लिए बहुत जरूरी है. ये प्रतिरोधक क्षमता का भी काम करता है. साइंस के अनुसार ये ऑयल आपको मॉइश्चराइज्ड और सुरक्षित रखने में सहायक होता है.

नहाने से स्किन के नेचुरल ऑयल निकल जाते हैं जिससे गुड बैक्टीरिया भी हट जाते हैं. इस वजह से आपकी त्वचा की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने  लगती है.

जॉर्ज वॉशिंग्टन यूनिवर्सिटी (वॉशिंगटन डीसी, यूएस) के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सी ब्रैंडन मिशेल का कहना है कि नहाने से स्किन के नेचुरल ऑयल निकल जाते हैं जिससे गुड बैक्टीरिया भी हट जाते हैं. ये बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम को भी सपॉर्ट करते हैं. इसलिए सर्दियों में हमें हफ्ते में दो या तीन दिन ही नहाना चाहिए.

अमेरिकी विश्वविद्यालय द यूनिवर्सिटी ऑफ उतह के जेनेटिक्स साइंस सेंटर के एक अध्ययन के अनुसार, “ज्यादा नहाना हमारे मानव शरीर के सुरक्षातंत्र को नुकसान पहुंचाता है. रोगाणुओं-विषाणुओं से लड़ने वाली क्षमताएं कमजोर पड़ जाती हैं. खाना पचाने और उसमें से विटमिन व अन्य पोषक तत्वों को अलग करने की क्षमता भी प्रभावित होती है.”

नाखूनों को भी पहुंचता है नुकसान
रोज गरम पानी से नहाने से आपके नाखूनों को भी नुकसान पहुंचता है. नहाते वक्त आपके नाखून पानी अवशोषित कर लेते हैं. फिर सॉफ्ट होकर टूट जाते हैं. इससे भी नेचुरल ऑयल निकल जाता है, जिससे ये रूखे और कमजोर हो जाते हैं.

हमारे शरीर में एक नेचुरल ऑयल होता है. जो शरीर को स्वस्थ रखने का काम भी करता है लेकिन रोज नहाने से ये निकल सकता है

नाखूनों को भी नुकसान-रोज गर्म पानी से स्नान आपके नाखूनों को नुकसान पहुंचा सकता है. स्नान के वक्त नाखून पानी सोखते हैं, इससे उनकी कुदरती चमक और चिकनाई कम हो सकती है. इससे नाखून के सूख जाने और कमजोर पड़ने की आशंका बढ़ जाती है.

कोलंबिया यूनिवर्सिटी की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एलाइन लारसन ने एक अध्ययन किया था, “रोजाना नहाने से स्‍कीन रूखी और कमजोर पड़ जाती है. इससे संक्रमण का खतरा बहुत तेजी से बढ़ता है. इसलिए रोज नहीं नहाना चाहिए.”

भारत, जापान और इंडोनेशिया के लोग दुनिया में सबसे ज्यादा नहाने वाले लोगों में शुमार किये जाते हैं

नहाना कई पहलू पर तय करता है
नहाने की आदत इंसान के मूड, तापमान, जलवायु, लिंग व सामाजिक दवाब पर ज्यादा निर्भर करती है. भारत में धार्मिक वजहों इसके अलावा एक बड़ा कारण पानी की उपलब्‍धता भी है. लेकिन ये भी सही है कि भारत में कई बार नहाने की वजह महज सामाजिक दवाब होता है.

भारत नहाने में सबसे आगे 
एक हालिया सर्वे में पता चला कि नहाने के मामले में दुनिया में शीर्ष देशों में भारत, जापान और इंडोनेशिया के लोग कहीं आगे हैं. अमेरिका व पश्च‌िम के देशों के कई शोधों में यह साबित होता है कि रोजाना नहाना महज पानी की बर्बादी नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक तौर पर भी हानिकारक है.

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