इस साल भारत (India) के उत्तरी प्रदेशों में ठंड (Cold) का खासा कहर है. इतना ही नहीं इस बार का सर्दियों (Winter) का मौसम पिछले सालों की तुलना में काफी असामान्य है. उत्तर भारत पिछले कई दिनों से लगातार ठिठुर रहा है. वहीं मध्य भारत में भी ठंडक के तीखे झोंकों के उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से तो जैसे ठंडक ने कपंकपाहट कुछ ज्यादा है फैला रखी है. मौसम विभाग के अनुमान भी राहत भरी खबर नहीं दे रहे हैं. भारतीय मौसम विभाग ने अगले दो दिन और ज्यादा ठंडक रहने का अनुमान लगाया है.
अधिकतम तापमान में बहुत कम
इस साल की सर्दी ज्यादा ठंडी और लंबी तो रही है. कोहरा भी देर से देखने को मिला. वहीं इस बार बादल भी ज्यादा छाए और कई बार बारिश भी हुई. राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत में भी ठंड का प्रकोप है. दिल्ली में मंगलवार को अधिकतम तापमान 12.2 डिग्री सेल्सियस पाया गया. यह पिछले आठ दिन में सबसे कम था.
2003 में थी दिल्ली में ऐसी ठंड
इस तरह के ठंडे दिन दिल्ली में पिछली बार साल 2003 में देखे गए थे. उस साल 19 कोल्ड डे हुए थे. इसके बाद 2010 में 11 दिन, 2004 में 9 दिन कोल्ड डे थे. इस साल अभी तक 8 दिन से ज्यादा दिनों में लोगों को सूरज देखने को नहीं मिला है. मौसम विभाग का कहना है कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिम उत्तर प्रदेश में अगले दो दिन और भी ज्यादा ठंडक होगी.
इन इलाकों में भी ऐसा ही हाल
इस बार कोहरे की दस्तक अब शुरू हुई है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिन बहुत घना कोहरा भी देखने को मिलेगा. विभाग ने यह भी कहा है क गहरा कोहरा और ठंडक में तेजी राजस्थान, ओडिशा, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, महाराष्ट्र और गुजरात में भी देखने को मिलेगी.
एक प्रमुख कारक
भारत में सर्दी का मौसम पश्चिमी विक्षोभ से बहुत ज्यादा प्रभावित होता है. इसकी तीव्रता और आवृत्ती बार बार उत्तर भारत में सर्दी में तेजी लाने का काम करती है. इसकी वजह से हवाओं का चक्रवाती प्रवाह पश्चिम से उत्तर भारत में प्रवेश करता है. जिससे बारिश, हिमपात, और ठंडक पाकिस्तान और उत्तर भारत में होने लगते हैं.
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ला निया का प्रभाव
मौसम विभाग के अनुसार 11 से 20 जनवरी तक लागातार दो पश्चिमी विक्षोभों के कारण जम्मू कश्मीर, पंजाब हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बिहार में लगातर ज्यादा ठंडक महसूस की गई. इसकी वजह ला निया प्रभाव था जो इस असर में ज्यादा तीव्रता दिखाई दे रही है.
पहले ही लगाया जा चुका था अनुमान
ला निया की वजह से प्रशांत भूमध्यरेखीय इलाकों में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से ठंडा हो जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार यह अब तक का सबसे लंबा और सबसे तीव्र ठंड का मौसम देखने को मिला है. उल्लेखनीय है कि सर्दी का मौसम शुरू होने से पहले ही मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि ला निया की वजह से इस साल उत्तर भारत में ज्यादा लंबा सर्दी का मौसम होगा.
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इतना ही नहीं इस साल उत्तर भारत सर्दी के मौसम में सामान्य से ज्यादा बारिश देखने भी मिली. इसके अलावा दिल्ली और उत्तर भारत में जितना कोहरा देखने को मिलता है वह इस साल भी बहुत ही कम रहा. कई इलाकों में कोहरे का समय बहुत ही कम हो गया. दिल्ली में दो दिन पहले ही घना कोहरा देखने को मिला है. मौसम की ऐसी मार अगले दो दिन तक तो जारी ही रहेगी. यह असामान्यता भी जारी ही रहेगी.
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