Akshaya tritiya 2019: आज इस खास विधि से करें अक्षय तृतीया की पूजा, जानिए महत्व!

special puja vidhi for akshaya tritiya
मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन अगर किसान पूजा के समय भगवान के सामने इमली अर्पित करते हैं तो सालभर उनके खेतों में अच्छी पैदावार होती है और फसलों का मुनाफा भी अच्छा होता है.
- News18Hindi
- Last Updated: May 7, 2019, 8:23 AM IST
Akshaya tritiya 2019: आज बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का महापर्व मनाया जा रहा है. आज ये दिन इसलिए भी ख़ास है क्योंकि आज रवि योग और रोहिणी नक्षत्र का अद्भुत संयोग बन रहा है, साथ ही सूर्य, शुक्र और चंद्र अपनी उच्च राशि में गोचर रहेंगे. आज के दिन पूरे-विधान के साथ मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन सोने के गहने खरीदने और कुछ विशेष उपाय करने से साल भर सौभाग्य बना रहता है और घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है. आइए जानते हैं अक्षय तृतीया की पूजा विधि:
अक्षय तृतीया की पूजा विधि:
आज अक्षय तृतीया के दिन व्रत रखने वाले भक्तों को सुबह उठकर नित्यकर्म निपटाने के बाद किसी पवित्र जलाशय या नदी में स्नान करना चाहिए. स्नान करने के पश्चात पीले रंग के वस्त्र धारण करें. इसके बाद मंदिर में या पूजाघर में विष्णु भगवान की प्रतिमा को पवित्र गंगा जल से स्नान कराएं. इसके बाद उनके चरणों में पीले रंग के फूल अर्पित करें और उन्हें पीले रंग के फूलों की ही माला भी पहनाएं. इसके साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी की भी पूजा करने का प्रचलन है. मां लक्ष्मी को कमल का फूल बहुत प्रिय है. इसलिए पूजा के समय मां लक्ष्मी के चरणों में कमल के 2 फूल अर्पित करें. इस दिन पूजा के समय अक्षय तृतीया के लिए खरीदे गए गहने और सोने का सामान भी भगवान के सामने रखें.
नाश्ता नहीं करते हैं, तो हो सकती है आपकी मौत: रिसर्चआज माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को मानने वाले भक्तों ने अक्षय तृतीया का उपवास भी रखा है. आज के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन अगर किसान पूजा के समय भगवान के सामने इमली अर्पित करते हैं तो सालभर उनके खेतों में अच्छी पैदावार होती है और फसलों का मुनाफा भी अच्छा होता है.
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इस दिन का महत्व:
अक्षय तृतीया माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भागवान विष्णु के अवतार परशुराम ने पृथ्वी पर जन्म लिया था. साथ ही ये भी माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही ऋषि भागीरथ की तपस्या के फलस्वरूप भगवान शिव की जटा में विराजमान मां गंगा पहली बार धरती पर अवतरित हुई थीं. ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन मां अन्नपूर्णा का भी जन्म हुआ था. मां अन्नपूर्णा रसोई की देवी मानी जाती हैं.
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अक्षय तृतीया की पूजा विधि:
आज अक्षय तृतीया के दिन व्रत रखने वाले भक्तों को सुबह उठकर नित्यकर्म निपटाने के बाद किसी पवित्र जलाशय या नदी में स्नान करना चाहिए. स्नान करने के पश्चात पीले रंग के वस्त्र धारण करें. इसके बाद मंदिर में या पूजाघर में विष्णु भगवान की प्रतिमा को पवित्र गंगा जल से स्नान कराएं. इसके बाद उनके चरणों में पीले रंग के फूल अर्पित करें और उन्हें पीले रंग के फूलों की ही माला भी पहनाएं. इसके साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी की भी पूजा करने का प्रचलन है. मां लक्ष्मी को कमल का फूल बहुत प्रिय है. इसलिए पूजा के समय मां लक्ष्मी के चरणों में कमल के 2 फूल अर्पित करें. इस दिन पूजा के समय अक्षय तृतीया के लिए खरीदे गए गहने और सोने का सामान भी भगवान के सामने रखें.
नाश्ता नहीं करते हैं, तो हो सकती है आपकी मौत: रिसर्चआज माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को मानने वाले भक्तों ने अक्षय तृतीया का उपवास भी रखा है. आज के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन अगर किसान पूजा के समय भगवान के सामने इमली अर्पित करते हैं तो सालभर उनके खेतों में अच्छी पैदावार होती है और फसलों का मुनाफा भी अच्छा होता है.
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इस दिन का महत्व:
अक्षय तृतीया माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भागवान विष्णु के अवतार परशुराम ने पृथ्वी पर जन्म लिया था. साथ ही ये भी माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही ऋषि भागीरथ की तपस्या के फलस्वरूप भगवान शिव की जटा में विराजमान मां गंगा पहली बार धरती पर अवतरित हुई थीं. ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन मां अन्नपूर्णा का भी जन्म हुआ था. मां अन्नपूर्णा रसोई की देवी मानी जाती हैं.
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