Fluvoxamine can save the lives in Corona : कोरोना के इलाज को लेकर दुनियाभर में शोध जारी है. अब एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि डिप्रेशन की बीमारी में काम आने वाली सस्ती दवा फ्लूवोक्जामिन (Fluvoxamine) से कोविड-19 के मरीजों की जान बचाई जा सकती है. कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी (McMaster University) के नेतृत्व में रिसर्चर्स की एक टीम ने दावा किया है कि अगर समय रहते ही किसी कोरोना पीड़ित का इस दवा से इलाज किया जाए, तो उसके अस्पताल में भर्ती होने के आसार 30 फीसद तक कम हो जाते हैं. लैंसट ग्लोबल हेल्थ (Lancet Global Health) में प्रकाशित इस शोध में बताया गया है कि यह दवा फ्लूवोक्जामिन (Fluvoxamine) गरीब देशों के कोरोना संक्रमण के शिकार मरीजों के लिए रामबाण हो सकती है. आपको बता दें कि फ्लूवोक्जामिन (Fluvoxamine) में सेरोटोनिन रीअपटेक इनहेबिटर (Serotonin Reuptake Inhibitor) होता है, जो फिलहाल मेंटल हेल्थ के मरीजों खासकर अवसाद (Depression) के मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसकी ज्वलनशीलता रोधी खूबियों (anti-flammability properties) के चलते इसे कोरोना संक्रमण के इलाज में वैकल्पिक दवा के रूप में देखा जाने लगा है.
रिसर्चर्स का कहना है कि फ्लूवोक्जामिन (Fluvoxamine) को अगर कोरोना संक्रमित मरीजों को शुरुआती समय में ही दे दिया जाए, तो इससे जान के खतरे को आसानी से टाला जा सकता है. यह दवा इस वैश्विक महामारी के खिलाफ सबसे प्रभावशाली हथियार के रूप में सामने आनेवाली है.
क्या कहते हैं जानकार
मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के हेल्थ रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एडवर्ड मिल्स (Edward Mills) ने बताया कि फ्लूवोक्जामिन (Fluvoxamine) से साइटोकिन्स (cytokines) कहलाने वाले ज्वलनशील अणुओं (Flammable Molecules) का उत्सर्जन कम हो सकता है.
यह भी पढ़ें- दूध से बने प्रोडक्ट्स डाइट में शामिल करने से कम होता है फ्रैक्चर का रिस्क – स्टडी
रिसर्च के लिए कोरोना के 739 ब्राजीलियाई मरीजों का 4 हफ्ते तक इलाज किया गया. जिन्हें यह दवा नहीं दी गई, उनकी तुलना में फ्लूवोक्जामिन (Fluvoxamine) लेने वालों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या 30 प्रतिशत तक कम थी.
मौत का खतरा होता है कम
वहीं, दूसरी ओर पिछले दिनों हुई एक अन्य स्टडी में पाया गया कि सामान्य तौर पर कॉलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली स्टैटिन उपचार पद्धति (statin treatment method) कोविड-19 से मौत के खतरे को कम करने में मददगार साबित हो सकती है. स्टैटिन दवाओं का एक समूह है, जिनका सामान्य रूप से दिल की बीमारियों से बचाव और ब्लड में लिपोप्रोटीन के स्तर को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
यह भी पढ़ें- सर्दियों में हेल्थ के लिए फायदेमंद है ये 20:30:40 का फार्मूला
कोविड-19 पर स्टैटिन ट्रीटमेंट के प्रभाव को समझने के लिए स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के रिसर्चर्स ने मार्च से नवंबर 2020 के बीच स्टॉकहोम में रहने वाले 45 वर्ष से अधिक उम्र के 9,63,876 लोगों पर एक अध्ययन किया.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Health, Health News