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असम के बागानों की चाय से बढ़ेगी इम्यूनिटी, वायरल इंफेक्शन से भी हो सकता है बचाव

काली पत्तियों से तैयार लाल चाय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है. Image-shutterstock.com

काली पत्तियों से तैयार लाल चाय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है. Image-shutterstock.com

कई स्टडीज में सामने आया है कि लाल चाय शरीर को सूजन, फ्लू, फेफड़ों और श्वसनतंत्र को वायरस और बैक्टीरिया से बचाती है. असम ...अधिक पढ़ें

    कोरोना वायरस (Coronavirus) जैसी महामारी ने इस समय देश के करोड़ों लोगों को चिंता में डाल रखा है. कोरोना के बढ़ते मामलों को दखते हुए सरकार ने लोगों से घर से बाहर न निकलने की अपील की है. वहीं डॉक्टरों ने अनिवार्य रूप से मास्क पहनना, हाथों को बार-बार सैनिटाइज करना और सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए कहा है. वहीं संक्रमण से बचने के लिए लोगों को इम्यूनिटी सिस्टम (Immunity System) को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए कहा जा रहा है. इम्यूनिटी बढ़ाने के संबंध में असम के बागानों की चाय (Tea Of Assam) आपकी मदद कर सकती है. असम के बागानों की हरी पत्तियां आपका कुछ हद तक बचाव कर सकती हैं.

    काली पत्तियों से तैयार लाल चाय
    भारत में काली चाय का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है. ग्रीन टी में दूध का उपयोग नहीं किया जाता है लेकिन काली चाय में दूध डालकर तैयार किए जाने पर यह हल्के लाल रंग की हो जाती है, इस कारण इसे लाल चाय भी कहते हैं. कई स्टडीज में सामने आया है कि लाल चाय शरीर को सूजन, फ्लू, फेफड़ों और श्वसनतंत्र को वायरस और बैक्टीरिया से बचाती है. दरअसल, असम के चाय बागानों में उत्पन्न होने वाली काली चाय इम्युनिटी बूस्टर के रूप में काम करती है. इस चाय में थिफ्लेविन्स नामक तत्व मौजूद होता है, जो इंफ्लुएंजा और सांस संबंधी रोगों से बचने में शरीर की मदद करता है. असम स्थित चाय अनुसंधान ने भी दावा किया है कि काली पत्तियों से तैयार लाल चाय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है.

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    आयुष मंत्रालय की मान्यता
    कोरोना वायरस से बचने के लिए शरीर की इम्युनिटी बढ़ाना जरूरी है. पिछले काफी समय से ही आयुष मंत्रालय द्वारा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय जनहित में जारी किए जा रहे हैं ताकि बड़ी संख्या में लोग इनका फायदा उठा सकें. अपने सुझावों में आयुष मंत्रालय ने काढ़ा, तुलसी की चाय, गर्म पानी का सेवन जैसे घरेलू उपायों को आम लोगों के साथ साझा किया है. यदि नियमित रूप से सीमित मात्रा में इस लाल चाय का उपयोग किया जाए तो सांस से संबंधित बीमारी जल्दी से शरीर पर अटैक नहीं कर पाती है. आपको बता दें कि कोरोना भी सबसे पहले सांस नली पर ही हमला करता है. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

    Tags: Corona, Corona Health and Fitness, Coronavirus, Health, Health tips, Healthy Foods, Lifestyle

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