कोलकाता का कटलेट दिल्ली में, खाकर आप भी पहुंच जाएंगे बंगाल की गलियों में

कोलकाता का कटलेट दिल्ली में खाइए (pic credit: instagram/dhur_bhallagena_chai)
दिल्ली में सीआर पार्क (CR Park), कोलकाता से बाहर बिल्कुल 'दूसरा कोलकाता' है. दद्दू के कटलेट इतने ऑथेंटिक हैं कि कोलकाता में भी हर स्थान पर ऐसे खाने नहीं मिलते.
- News18Hindi
- Last Updated: January 23, 2021, 12:19 PM IST
(विवेक कुमार पांडेय)
बात कर अगर 'कटलेट' की चले तो कोलकाता (Kolkata) का जिक्र आ जी जाता है. बंगाल में कटलेट का काफी चलन है साथ ही 'चॉप' तो लगभग एक स्टेपल फूड ही है. कोलकाता की गलियों में घूमते हुए आपको कई ठेले और स्टॉल मिल जाएंगे जहां अलग-अलग चॉप तले जा रहे हों. लेकिन, अगर आप दिल्ली में तो भी आपको निराश होने की जरूरत नहीं है.
जी हां ! दिल्ली में सीआर पार्क (CR Park), कोलकाता से बाहर बिल्कुल 'दूसरा कोलकाता' है. यहां कुछ देर ही समय बिताने के बाद आप वास्तव में कोलकाता की यादों में घुल मिल जाएंगे. यहां की दुकानें, यहां का खाना और बातचीत...ये सबकुछ कोलकाता की यादें ताजा कर देता है. मैं बात कर रहा था चॉप की, तो अगर 'कोलकाता खुद दिल्ली में मौजूद है तो मैं आपको बताने जा रहा हूं एक राज...
Also Read: खौलते तेल में हाथ डाल कर निकाल लेते हैं 'पकौड़े', सालों से जारी है स्वाद का सफरसीआर पार्क में मुख्य रूप से दो पुराने मार्केट हैं. और, जिस दुकान की मैं बात करने जा रहा हूं वह मार्केट नंबर दो में है. दद्दू कटलेट/चॉप ( DadduCutlet) शाप. मार्केट में घुसते ही कोने में एक छोटी सी दुकान है यह. यहां आपको अलग-अलग तरह के कई कटलेट/चॉप मिल जाएंगे. इसमें फिश, चिकन, मटन और एग शामिल है. आप कच्चे भी ले जाकर घर पर तल सकते हैं और यहां भी तलवाकर खा सकते हैं.
वैसे तो सभी के स्वाद एक से बढ़कर एक होते हैं लेकिन दद्दू के मटन चॉप की बात ही अलग है. शाम को ही यहां लंबी कतारें लग जाती हैं. देर शाम तक अगर आप पहुंचेंगे तो शायद आपको खाली हाथ ही लौटना पड़े. हाइजीन यहां का मुख्य आकर्षण मुझे लगा. कटलेट/चॉप (Cutlet/Chop) के अलावा भी कई आइटम ये देने लगे हैं लेकिन लोग मुख्य रूप से यहां कटलेट/चॉप के लिए ही आते हैं.
मधुपर्णा दास कोलकाता से अपनी पीसी यानि बुआ के यहां आई हैं. उनकी कंपनी उन्हें दिल्ली ट्रांसफर दे रही है लेकिन वो कोलकाता छोड़ना नहीं चाहती थी. लेकिन, जैसे ही उन्होंने सीआर पार्क में कुछ दिन बिताएं उन्हें लग गया कि कोलकाता की यादें यहां ताजा होती रहेंगी और बंगाली जायका भी बना रहेगा.
वो बताती हैं कि दद्दू के कटलेट इतने ऑथेंटिक हैं कि कोलकाता में भी हर स्थान पर ऐसे खाने नहीं मिलते. उनके साथ आई उनकी चचेरी बहन मधुरिमा का कहना था कि वे बचपन से यहां आ रही हैं. उन्हें यहां के मटन और फिश दोनों चॉप बहुत पसंद हैं.
बात कर अगर 'कटलेट' की चले तो कोलकाता (Kolkata) का जिक्र आ जी जाता है. बंगाल में कटलेट का काफी चलन है साथ ही 'चॉप' तो लगभग एक स्टेपल फूड ही है. कोलकाता की गलियों में घूमते हुए आपको कई ठेले और स्टॉल मिल जाएंगे जहां अलग-अलग चॉप तले जा रहे हों. लेकिन, अगर आप दिल्ली में तो भी आपको निराश होने की जरूरत नहीं है.
जी हां ! दिल्ली में सीआर पार्क (CR Park), कोलकाता से बाहर बिल्कुल 'दूसरा कोलकाता' है. यहां कुछ देर ही समय बिताने के बाद आप वास्तव में कोलकाता की यादों में घुल मिल जाएंगे. यहां की दुकानें, यहां का खाना और बातचीत...ये सबकुछ कोलकाता की यादें ताजा कर देता है. मैं बात कर रहा था चॉप की, तो अगर 'कोलकाता खुद दिल्ली में मौजूद है तो मैं आपको बताने जा रहा हूं एक राज...
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वैसे तो सभी के स्वाद एक से बढ़कर एक होते हैं लेकिन दद्दू के मटन चॉप की बात ही अलग है. शाम को ही यहां लंबी कतारें लग जाती हैं. देर शाम तक अगर आप पहुंचेंगे तो शायद आपको खाली हाथ ही लौटना पड़े. हाइजीन यहां का मुख्य आकर्षण मुझे लगा. कटलेट/चॉप (Cutlet/Chop) के अलावा भी कई आइटम ये देने लगे हैं लेकिन लोग मुख्य रूप से यहां कटलेट/चॉप के लिए ही आते हैं.
मधुपर्णा दास कोलकाता से अपनी पीसी यानि बुआ के यहां आई हैं. उनकी कंपनी उन्हें दिल्ली ट्रांसफर दे रही है लेकिन वो कोलकाता छोड़ना नहीं चाहती थी. लेकिन, जैसे ही उन्होंने सीआर पार्क में कुछ दिन बिताएं उन्हें लग गया कि कोलकाता की यादें यहां ताजा होती रहेंगी और बंगाली जायका भी बना रहेगा.
वो बताती हैं कि दद्दू के कटलेट इतने ऑथेंटिक हैं कि कोलकाता में भी हर स्थान पर ऐसे खाने नहीं मिलते. उनके साथ आई उनकी चचेरी बहन मधुरिमा का कहना था कि वे बचपन से यहां आ रही हैं. उन्हें यहां के मटन और फिश दोनों चॉप बहुत पसंद हैं.