Chronic Hepatitis B: बार-बार थकते हैं तो इग्नोर न करें, जान लें क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी के लक्षण

लिवर को इफेक्ट करने वाली इस जानलेवा बीमारी को बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी (Chronic Hepatitis B) एक ऐसी बीमारी है जो एकाएक सामने नहीं आती. हमें लगता है कि हम यूंं हीं परेशान हो रहे हैं, लेकिन तब तक आप जानलेवा बीमारी के संक्रमण में आ चुके होते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 24, 2021, 3:56 PM IST
अगर आप अपने बार बार थकने से परेशान हो रहे हैं तो इसे इग्नोर बिलकुल भी ना करें. हो सकता है कि आप क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी (Chronic Hepatitis B) के संक्रमण में आ चुके हों. यह एक जानलेवा बीमारी है जिसका लक्षण पता लगाना मुश्किल होता है. दरअसल यह एक ऐसी बीमारी है जो एकाएक सामने नहीं आती. हमें लगता है कि हम यूंं हीं परेशान हो रहे हैं, लेकिन तब तक आप जानलेवा बीमारी (Life-Threatening Illness) के संक्रमण में आ चुके होते हैं. ऐसे में अगर आप भी कई दिनों से थकान महसूस कर रहे हैं तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं.
क्या है क्रोनिक हेपेटाइटिस बी
Mayoclinic.org के अनुसार क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी (Chronic Hepatitis B) यानी कि पीलिया एक ऐसी बीमारी है जो हमारी बॉडी को धीरे-धीरे खोखला कर डालती है और हमें पता भी नहीं चलता. लिवर (Liver) को इफेक्ट करने वाली यह बीमारी दरअसल जानलेवा है जिसे बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
इसे भी पढ़ेंः सर्दियों में जरूर खाएं ड्रैगन फ्रूट, इम्यूनिटी होती है मजबूतक्या हैंं लक्षण
बार-बार थकान महसूस होना, फ्लू जैसे बुखार का होना, उल्टी होना, स्किन पीला होना यह इसके लक्षण हैं. इसका लक्षण इतना नॉर्मल होता है कि यह सामान्य बुखार जैसा ही लगता है, लेकिन यह धीरे धीरे भयानक रूप लेते हुए लिवर (liver) सेल्स को खराब करने लगती है और खून की उल्टियां होने लगती हैं.
संक्रमण से बढ़ता है हेपेटाइटिस बी
आम तौर पर यह खून और सलाइवा से फैलता है. अगर संक्रमित बच्चों को इंजेक्शन लगाने के बाद उसी इंजेक्शन से किसी दूसरे बच्चों को इंजेक्शन लगा दिया जाए तो यह फैल सकता है. जैसे ही यह वायरस ब्लड के संपर्क में आता है सबसे पहले यह लिवर को नुकसान पहुंचाता है. यहीं से वह अपने वायरस को बढ़ाना शुरू करता है और वायरस पैदा करता है.
बड़ों को करता है ज्यादा संक्रमित
बच्चों की तुलना में यह वायरस वयस्कों में तेजी से फैलता है. हालांकि वायरस के संपर्क में आए वयस्कों में भी 40 प्रतिशत मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखाई पड़ता, जो सबसे खतरनाक बात है. यह कई कारणों से हो सकता है जिसमें हाइजिन भी मुख्य कारण है.
इसे भी पढ़ेंः क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग, जानें इस उपवास में क्या खाएं और क्या नहीं
कई टाइप हैं इस बिमारी के
हेपेटाइटिस होने के लिए 5 तरह के वायरस जिम्मेदार होते हैं. इन्हें A,B,C,D,E के नाम से जाना जाता है. इनमें से A वायरस का हमला छोटे बच्चों पर होता है जो जल्दी ठीक भी हो जाता है. हिपेटाइटिस E का वायरस वयस्कों पर हमला करता है जो 95 प्रतिशत मामलों में ठीक होता है. हमारे देश में इन वायरसों का संक्रमण गंदगी और व्यक्तिगत साफ-सफाई के अभाव में भी होता है.
क्या है उपाय
अपने आस पास साफ सफाई रखें. बिना साफ किए पानी को ना पिएं. अगर आप बाहर ज्यादा रहते हैं तो घर से पानी कैरी करें. अगर हो सके तो घर में सभी लोग इससे बचाव के लिए वैक्सीन लगवा सकते हैं.
क्या है क्रोनिक हेपेटाइटिस बी
Mayoclinic.org के अनुसार क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी (Chronic Hepatitis B) यानी कि पीलिया एक ऐसी बीमारी है जो हमारी बॉडी को धीरे-धीरे खोखला कर डालती है और हमें पता भी नहीं चलता. लिवर (Liver) को इफेक्ट करने वाली यह बीमारी दरअसल जानलेवा है जिसे बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
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बार-बार थकान महसूस होना, फ्लू जैसे बुखार का होना, उल्टी होना, स्किन पीला होना यह इसके लक्षण हैं. इसका लक्षण इतना नॉर्मल होता है कि यह सामान्य बुखार जैसा ही लगता है, लेकिन यह धीरे धीरे भयानक रूप लेते हुए लिवर (liver) सेल्स को खराब करने लगती है और खून की उल्टियां होने लगती हैं.
संक्रमण से बढ़ता है हेपेटाइटिस बी
आम तौर पर यह खून और सलाइवा से फैलता है. अगर संक्रमित बच्चों को इंजेक्शन लगाने के बाद उसी इंजेक्शन से किसी दूसरे बच्चों को इंजेक्शन लगा दिया जाए तो यह फैल सकता है. जैसे ही यह वायरस ब्लड के संपर्क में आता है सबसे पहले यह लिवर को नुकसान पहुंचाता है. यहीं से वह अपने वायरस को बढ़ाना शुरू करता है और वायरस पैदा करता है.
बड़ों को करता है ज्यादा संक्रमित
बच्चों की तुलना में यह वायरस वयस्कों में तेजी से फैलता है. हालांकि वायरस के संपर्क में आए वयस्कों में भी 40 प्रतिशत मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखाई पड़ता, जो सबसे खतरनाक बात है. यह कई कारणों से हो सकता है जिसमें हाइजिन भी मुख्य कारण है.
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कई टाइप हैं इस बिमारी के
हेपेटाइटिस होने के लिए 5 तरह के वायरस जिम्मेदार होते हैं. इन्हें A,B,C,D,E के नाम से जाना जाता है. इनमें से A वायरस का हमला छोटे बच्चों पर होता है जो जल्दी ठीक भी हो जाता है. हिपेटाइटिस E का वायरस वयस्कों पर हमला करता है जो 95 प्रतिशत मामलों में ठीक होता है. हमारे देश में इन वायरसों का संक्रमण गंदगी और व्यक्तिगत साफ-सफाई के अभाव में भी होता है.
क्या है उपाय
अपने आस पास साफ सफाई रखें. बिना साफ किए पानी को ना पिएं. अगर आप बाहर ज्यादा रहते हैं तो घर से पानी कैरी करें. अगर हो सके तो घर में सभी लोग इससे बचाव के लिए वैक्सीन लगवा सकते हैं.