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भारत में डेल्टा वेरिएंट के कहर के दौरान भी कारगर रही Covishield- लैंसेट स्टडी

रिसर्च के मुताबिक दोनों डोज लेने वाले लोगों पर कोविशील्ड 63% असरदार रही. (प्रतीकात्मक फोटो-shutterstock.com)

रिसर्च के मुताबिक दोनों डोज लेने वाले लोगों पर कोविशील्ड 63% असरदार रही. (प्रतीकात्मक फोटो-shutterstock.com)

Covishield Impact During Delta Surge: स्टडी के मुताबिक जिस वक्त कोरोना का डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) उफान पर था, उस ...अधिक पढ़ें

    Covishield Impact During Delta Surge: कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ भारत में बनी वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield Vaccine) से जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आई है. एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में छपी स्टडी (Study) के मुताबिक जिस वक्त कोरोना के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) का कहर पीक पर था, उस वक्त कोविशील्ड वायरस के खिलाफ काफी प्रभावी पाई गई और इसने लोगों को सुरक्षा कवच देने का काम किया. अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल द लैंसेट इनफेक्शियस डिसीसेज (The Lancet Infectious Diseases) में इस स्टडी के नतीजों को प्रकाशित किया गया है. ये स्टडी  भारतीय रिसर्चस ने अप्रैल-मई 2021 के बीच तब की थी, जब देश में डेल्टा वेरिएंट ने कहर मचा रखा था.

    ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट (Translational health science and technology institute) की अगुवाई में हुई रिसर्च के मुताबिक दोनों डोज लेने वाले लोगों पर कोविशील्ड 63% असरदार रही. वहीं मध्यम से गंभीर बीमारी में यह 81% असरदार पाई गई. स्टडी के दौरान संक्रमण के 2379 केस के बीच तुलना की गई. इसमें पाया गया कि वैक्सीन से मिला इम्यून प्रोटेक्शन (immune protection) विभिन्न वेरिएंट के खिलाफ कमजोर इम्यूनिटी (weak immunity) की भरपाई कर सकता है. यही नहीं, ये वैक्सीन (Vaccine) मीडियम से गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत को रोकती है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि स्टडी वास्तविक दुनिया के टीके की प्रभावकारिता पर व्यापक डाटा देती है.

    ऑमीक्रॉन की दस्तक 
    इस स्टडी के नतीजे ऐसे समय में सामने आए हैं, जब दुनिया के सामने कोरोना के नए ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron variant) या बी.1.1.529 ने दस्तक दे दी है. सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में समाने आए इस नए वेरिएंट के अब तक 19 देशों में केस मिल चुके हैं. सबसे ज्यादा 77 मामले साउथ अफ्रीका में ही मिले हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने इसे “चिंता के प्रकार” के रूप में नामित किया है. इसके बाद से ही विश्वभर में खतरे की घंटी बज चुकी है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमीक्रॉन वेरिएंट विश्व स्तर पर “बहुत अधिक” जोखिम वाला संस्करण है.

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    डब्ल्यूएचओ (WHO) ने इस बात पर जोर दिया कि अभी यह बताना मुश्किल होगा कि यह कितना संक्रामक और खतरनाक हो सकता है. हालांकि, भारत में ओमीक्रॉन का एक भी मामला सामने नहीं आया है. भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने राज्यसभा में बताया कि देश में ओमीक्रॉन का भारत में अभी एक भी केस नहीं मिला है.

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    6 महीने में बूस्टर डोज संभव 
    भारत में कोविशील्ड (Covishield) का प्रोडक्शन कर रही कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के प्रमुख पूनावाला (Adar Poonawalla) ने कहा कि ऑक्सफोर्ड में वैज्ञानिक ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron variant) पर कोविशील्ड की प्रभावकारिता का विश्लेषण कर रहे हैं. हम 6 माह में नई वैक्सीन ला सकते हैं, जो बूस्टर डोज की तरह काम करेगी.

    Tags: Corona Virus, Covishield, Delta Variant, Health, Health News

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