Dengue Fever: डेंगू बुखार (Dengue Fever) के मामले पिछले कुछ वक्त में काफी तेजी से बढ़े हैं. देश के कई राज्यों में बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज अब तक मिल चुके हैं. देश की राजधानी दिल्ली से लेकर मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में डेंगू (Dengue) के काफी मरीज सामने आ चुके हैं. डेंगू की बीमारी मच्छरों के काटने से फैलती है. आमतौर पर डेंगू का लार्वा बारिश के बाद जमा हुए साफ पानी, घर के कूलर सहित अन्य ऐसी जगहों पर पनपता है. मादा एडीज मच्छर के काटने पर डेंगू वायरस हमारे शरीर में रक्त में प्रवाहित होते हैं और हमारी बॉ़डी को प्रभावित करने लगते हैं.
मादा एडीज मच्छर के काटने के बाद लगभग 5 दिनों के भीतर डेंगू बुखार के लक्षण नजर आने लगते हैं. इसके साथ ही शरीर में इस बीमारी के पनपने का वक्त 3 दिनों से लेकर 10 दिनों तक का भी हो सकता है. डेंगू के मच्छर दिन के वक्त ही काटते हैं. दै
ये हैं डेंगू बुखार के प्रकार
1. क्लासिकल डेंगू बुखार (CDF) – साधारण डेंगू बुखार मरीज को 5 से 7 दिन तक रह सकता है. इसके बाद मरीज दवाइयों से ही ठीक हो जाता है. दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार ज्यादातर केस में मरीजों में साधारण डेंगू बुखार ही पाया जाता है. इस बुखार के निम्न लक्षण हैं:
– ठंड लगकर बुखार आना.
– जोड़ों, मांसपेशियों में दर्द, सिर का दुखना.मम
– ज्यादा कमजोरी महसूस होना, भूख न लगना, जी मितलाना.
– आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना.
– गले में हल्का सा दर्द महसूस होना.
– शरीर के कुछ अंगों पर रेशेज होना.
इसे भी पढ़ें: अगर दर्द से संबंधित ये दिक्कते हैं, तो यह साइटिका हो सकता है, इसे नजरअंदाज न करें
2. डेंगू हेमरेजिक बुखार (DHF) – डेंगू के बुखार का एक प्रकार हेमरेजिक फीवर भी है. इसमें साधारण डेंगू के बुखार के लक्षणों के साथ कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं. इसका पता ब्लड टेस्ट कराने से लग सकता है. अगर निम्न लक्षण नजर आए तो डेंगू हेमरेजिक बुखार हो सकता है.
– शौच या उल्टी में खून आना.
– नाक एवं मसूढ़ों से खून का आना.
– त्वचा पर गहरे नीले काले रंग के निशान पड़ना.
3. डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) – डेंगू शॉक सिंड्रोम फीवर में डेंगू हेमरेजिक बुखार के लक्षणों के अलावा ‘शॉक’ की स्थिति जैसे कुछ लक्षण भी नजर आते हैं. इन लक्षणों पर तत्काल डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए. डेंगू के इन तीनों लक्षणों में DHF और DSS ज्यादा खतरनाक होते हैं. अगर निम्न लक्षण नजर आए तो ये डेंगू शॉक सिंड्रोम हो सकता है.
– तेज बुखार होने पर भी स्किन का ठंडा होना.
– मरीज को लगातार बैचेनी बनी रहना.
– मरीज का धीरे-धीरे बेहोश हो जाना.
इसे भी पढ़ें: आंखों में खुजली और जलन की समस्या को इन आसान तरीकों से दूर करें
डेंगू की पहचान के लिए होते हैं ये टेस्ट
1. एनएस1 (NS1) – मरीज में अगर डेंगू के लक्षण नजर आ रहे हैं तो 5 दिनों के भीतर इस टेस्ट को कराना सही माना जाता है. अगर पांच दिन से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद इस टेस्ट को कराया जाता है तो इस जांच के परिणाम गलत भी आ सकते हैं.
2. एलाइज़ा टेस्ट – डेंगू की ये जांच ज्यादा भरोसेमंद मानी जाती है. आमतौर पर इस जांच में डेंगू का परिणाम लगभग सौ फीसदी सही आता है. एलाइज़ा टेस्ट दो तरह के होते हैं जो कि आईजीएम और आईजीजी कहलाते हैं. डेंगू के लक्षण नजर आने पर आईजीएम टे्सट को 3 से 5 दिन के भीतर कराना सही रहता है, वहीं आईजीजी को 5 से 10 दिन के अंदर कराना ज्यादा सही माना जाता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Health, Health News, Lifestyle
'रक्षा बंधन' का प्रमोशन कर परेशान हुए अक्षय कुमार, कहा- 'फिल्म बनाना आसान है, पर प्रमोशन बच्चे की जान ले लेते हैं'
राजस्थान के इस गांव में अनोखे अंदाज में मनाते हैं रक्षाबंधन, पेड़ों को बांधी जाती है राखी, देखें PHOTOS
PHOTOS: 'Gandi Baat' फेम एक्ट्रेस महिमा गुप्ता ने शेयर कीं बोल्ड तस्वीरें, मचाया इंटरनेट पर तहलका!