थायरॉइड ग्रंथि में थायरॉइड हार्मोन्स के असंतुलित उत्पादन की वजह से होने वाली थायरॉइड की समस्या दो प्रकार की होती है- हाइपोथायरॉइड और हाइपरथायरॉइड. दोनो ही समस्या अलग-अलग प्रकार की होती हैं, दोनो अवस्थाएं अलग होती हैं.
दोनों प्रकार के थायरॉइड के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं. इसकी वजह से शरीर में होने वाले बदलाव भी अलग होते हैं, जो आपके रहन-सहन का तरीका भी पूरी तरह बदल देते हैं. जैसे कुछ लोग थायरॉइड होने पर मोटे हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोग थायरॉइड होने पर पतले हो जाते हैं.
हाइपरथायरॉइड के लक्षण
हाइपर थायरॉइड के लक्षण को पहचान पाना बेहद मुश्किल हो जाता है, क्योंकि इससे कई बार आपके स्वभाव में परिवर्तन होते हैं और आप उसे यह सोचकर नजरअंदाज कर देते हैं कि शायद तनाव की वजह से आपका स्वभाव बदल रहा है. आइए जानते हैं हाइपरथायरॉइड के लक्षण.

हाइपरथायरॉइड में वजन घटने लगता है.
1. सांस लेने में समस्या होना, अचानक धड़कनों का बढ़ जाना
2. संतुलित आहार लेने के बाद भी तेजी से वजन घटना
3. सामान्य मौसम में भी तेज गर्मी लगना और हद से ज्यादा पसीना आना
4. दिन भर कमजोरी और थकान महसूस करना
5. हाथ-पैर के नाखूनों का हद से ज्यादा मुलायम या नर्म हो जाना
6. माहवारी की समस्या
7. बालों का झड़ना
8. त्वचा में खुजली और लाल धब्बे
हाइपोथायरॉइड के लक्षण

हाइपोथायरॉइड में वजन बढ़ता है.
1. अचानक वजन बढ़ना
2. शरीर और मांसपेशियों में दर्द
3. अनियमित माहवारी
4. प्रजनन की समस्या
5. हृदय गति का अचानक कम हो जाना
6. आई-ब्रो या भौहों के बाल झड़ना
7. रूखी और बेजान त्वचा
8. नाखूनों का खराब होना
9. कब्ज या पेट की समस्या
10. अचानक थकान होना, चिड़चिड़ापन आना, हांथों का कांपना
11. सामान्य ठंड भी बर्दाश्त ना कर पाना
12. चेहरे में सूजन
हाइपोथायरॉइड के कारण
1. शरीर में आयोडीन की मात्रा कम होना
2. अनुवांशिक कारण या परिवार का इतिहास
3. पिट्यूटरी ग्रंथि में दिक्कत होना
4. वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण
5. दवाओं के साइड इफेक्ट
हाइपरथायरॉइड के कारण
1. विनाइन थायरॉइड ट्यूमर इसकी बड़ी वजह है, जिसकी वजह से अनियंत्रित ढंग से थायरॉइड हार्मोन की बढ़ी हुई मात्रा को निकालता है.
2. कोई लंबा रोग इस प्रकार के थायरॉइड की सबसे बड़ी वजह है. इसकी वजह से थायरॉयड ग्रंथि से थायरॉयड हॉर्मोन का स्राव अत्यधिक मात्रा में होने लगता है.
3. विषाक्त मल्टीनोडूलर गंडमाला एक ऐसी अवस्था है, जिसके कारण थायरॉइड ग्रंथि, विनाइन थायरॉइडड ट्यूमर की वजह से बड़ी हो जाती है और हार्मोन स्राव की मात्रा बढ़ जाती है.
हाइपोथायरॉइड और हाइपर थायरॉइड में अंतर
1. हाइपर थाइरॉइड में थायरॉइड ग्रंथि से निकलने वाले हॉर्मोन के स्तर में वृद्धि होती है, जबकि हाइपोथायरॉइड में थायरॉइड में हॉर्मोन की मात्रा कम हो जाती है.
2. हाइपरथायरॉइड में ग्रेव्स रोग हो सकता है, जबकि हाइपोथायरॉयड कि वजह से ये बीमारी नहीं होती है.undefined
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FIRST PUBLISHED : June 20, 2017, 14:02 IST