होम /न्यूज /जीवन शैली /छोले के साथ 'बड़ा समोसा' खाना है तो जाएं पीतमपुरा, तिलक मुंजाल-आर में मिलेगा पुश्तैनी स्वाद

छोले के साथ 'बड़ा समोसा' खाना है तो जाएं पीतमपुरा, तिलक मुंजाल-आर में मिलेगा पुश्तैनी स्वाद

छोले के साथ यहां के बड़े समोसे काफी मशहूर हैं.

छोले के साथ यहां के बड़े समोसे काफी मशहूर हैं.

Food Joints of Delhi: दिल्ली के पीतमपुरा में स्थित तिलक मुंजाल-आर दुकान पर पाकिस्तान के मुलतान में बनने वाले समोसों का ...अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated :

    Food Joints of Delhi: (डॉ. रामेश्वर दयाल) जब भी दिल्ली के खानपान की बात होगी तो छोले-भठूरे और समोसों का जिक्र जरूर आएगा. राजधानी में कहीं भी जाइए, ये दोनों डिश आपको जरूर
    मिलेगी. छोले-भठूरे (Chole Bhature) खाते वक्त पहले हम छोलों का स्वाद चखते हैं और अगर समोसा खा रहे हैं तो उसकी ऊपर की लेयर (मोटी पपड़ी) का पहले स्वाद चेक करते हैं. हम मानकर चलते हैं कि बाकी स्वाद तो एक जैसा ही होगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी दुकान पर ले जा रहे हैं, जिसके समोसे का साइज आम समोसे से तो बड़ा होगा ही, साथ में दिए जाने वाले गाढ़े तरीदार छोले भी लाजवाब और स्वाद में बिल्कुल निराले होंगे.

    असल में ये समोसे और छोले पाकिस्तान के मुलतान शहर में मिलते थे. अब वही स्वाद से लिपटे दिल्ली में बिक रहे हैं. इन छोलों और समोसों को बनाने की विधि मुलतान में ही एक डायरी में लिखी गई थी. आज उसी डायरी में लिखी विधि के आधार पर ही उसी स्वाद को आज भी बरकरार रखा जा रहा है.

    बड़े आकार का समोसा है फेमस
    पहले आपको इस दुकान की जानकारी देते हैं, उसके बाद इसके खानपान का जायका भी हम आपको बताएंगे. वजीरपुर से आप मधुबन चौक की ओर चलेंगे तो कोहाट एन्क्लेव मेट्रो स्टेशन के आगे आशियाना चौक पर ‘तिलक-मुंजाल-आर’ नाम की एक छोटी सी दुकान दिखेगी, जो हमारा आज का ठिकाना है. इस छोटी सी दुकान पर खड़ा मजमा बता देगा कि यहां कुछ खास बिक रहा है. वो है बड़े साइज का समोसा, जो गाढ़ी तरीदार छोलों की सब्जी के साथ मिलता है. यहां दो प्रकार के ही समोसे मिलते हैं. इनमें आलू समोसा के अलावा दाल समोसा शामिल है. इन छोलों में जब कटी हरी मिर्च डालकर समोसे के साथ पेश किया जाता है तो वह दर्शनीय लगता है.

    यहां पाकिस्तान के मुतलान शहर के समोसों जैसा स्वाद मिलता है.

    छोले की सब्जी गजब है. उसका स्वाद लाजवाब होगा ही, आपको यह भी महसूस होगा कि यार इस स्वाद के छोले तो पहले खाए ही नहीं है. ऐसा लगता है एक नाक में गरम मसाले की खुशबू घुस रही है तो दूसरी नाक में कुछ खटाई का सा आभास मिल रहा है. एक आलू समोसा 25 रुपये का है तो दाल समोसा 35 रुपये का. हमारा सुझाव है दुकान पर पहुंचे तो दाल समोसा जरूर खाकर देखें.

    मुलतान से आए थे चार पारंपरिक व्यजंन 

    इस दुकान पर बहुत पहले तक वही व्यंजन बेचे जा रहे थे जो मुलतान में मिलते थे. इनमें समोसा, कचोरी, गुलाब जामुन और जलेबी शामिल है. खानदान की परंपरा कायम रखते हुए ये आज भी बिक रहे हैं, लेकिन
    पीढ़ी के नए लोगों ने दिल्ली की खानपान की नब्ज पहचानते हुए कुछ और आइटम भी शामिल कर लिए. इनमें छोले-चावल, कुलचे-छोले, आलू चाट के अलावा पूरी और आलू की सब्जी भी शामिल की गई है. एक नई डिश भी ईजाद की गई हे. इसका नाम है सेम्बर्गर. अब आप पूछेगे कि यह क्या बला है.

    यहां सब व्यजंनों की कीमत 25 रुपये से लेकर 60 रुपये के बीच है.

    असल में बर्गर के बीच में आलू की टिक्की के बजाय समोसा रखा जाता है और मेयोनीज आदि लपेटकर पेश कर दिया जाता है. अनूठा ही स्वाद है इस सेम्बर्गर का. इन सब व्यजंनों की कीमत 25 रुपये से लेकर 60 रुपये के बीच है. मीठा खाने का मन है तो यहां परंपरा से चली आ रहे गुलाब जामुन और कुरकुरी जलेबी भी मिलेगी. इनका स्वाद भी लाजवाब है.

    ‘डायरी’में लिखी है रेसिपी की कहानी

    अब इस ‘तिलक-मुंजाल-आर’ परिवार की कहानी भी सुन लीजिए. वह भी इनके व्यजंनों की तरह लाजवाब है. आजादी से पहले यह दुकान पाकिस्तान के मुलतान शहर में थी. वहीं परिवार के मुखिया ने एक डायरी
    में इन व्यजंनों को बनाने की विधि नोट कर ली. देश का बंटवारा हुआ तो परिवार समेत यह डायरी दिल्ली के पंचकुइयां रोड की दुकान ‘फ्रटियर समोसे वाले’ में अपने जलवे दिखाने लगी. गिरधारी लाल गुंजाल ने
    सालों वहां अपने पिता के हाथ से लिखी इसी डायरी के हिसाब से लोगों को मुलतान का स्वाद चखवाया.

    करीब 15 साल पहले यह दुकान पीतमपुरा आई और उनके बेटे तिलकराज ने जिम्मेदारी संभाल ली. आज उनकेबेटे राजेश मुंजाल अब उसी पुरानी डायरी में लिखी विधि के अनुसार व्यजंन तैयार कर लोगों तक अलग ही स्वाद पहुंचवा रहे हैं. उनका कहना है कि सेम्बर्गर हमारी नई खोज है. अभी हाल ही में तीन चटखदार चटनियों के साथ ‘ज्ञान वडा पाव’ शुरू किया गया है. दुकान सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक चलती है. कोई अवकाश नहीं है. हम बस इतना ही कहेंगे कि कभी पीतमपुरा की ओर आएं तो इस दुकान का खानपान भी एक बार चख लें.

    नजदीकी मेट्रो स्टेशन: कोहाट एंकलेव व पीतमपुरा

    Tags: Food, Food Recipe, Lifestyle

    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें