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स्वाद का सफ़रनामा: गर्मी में शरीर में ठंडक घोल देता है गोंद कतीरा, इसमें गुणों का है खज़ाना, दिलचस्प है इतिहास

स्वाद का सफ़रनामा (Swad Ka Safarnama).

स्वाद का सफ़रनामा (Swad Ka Safarnama).

Swad Ka Safarnama: गोंद कतीरा शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है. खासतौर पर गर्मी के मौसम में गोंद कतीरा शरीर में ठंडक घ ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

गोंद कतीरा गर्म होता है लेकिन पानी में डालने से इसकी तासीर बदल जाती है.
गर्मी के मौसम में गोंद कतीरा का सेवन हीट स्ट्रोक, सन स्ट्रोक से बचाता है.

Swad Ka Safarnama: गोंद कतीरा एक विशेष् प्रकार का आहार है. यह एक प्राकृतिक भोज्य है जो शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. यह गुणों से भरपूर है. इसके सेवन से शरीर को ठंडक तो प्रदान होती ही है, साथ ही यह ‘ताकत’ का संचार भी करता है. भारत के अलावा आसपास के देशों में इसकी खूब डिमांड है. यह पेड़ों से प्राप्त एक रस है जो सूखकर गोंद में बदल जाता है. बेहद रोचक है इसका इतिहास.

गंधहीन और स्वादहीन होता है

गोंद कतीरा (Tragacanth Gum/Gond Katira) असल में न तो फल है और न ही मसाला या सब्जी. अगर सामान्य बोली में कहें तो यह बूटी है और ड्राईफ्रूट भी. असल में कुछ खास पेड़ों से खाने योग्य दो प्रकार की गोंद निकलती है और दोनों की तासीर अलग है. इनमें से एक गोंद है, जिसके सर्दियों में विशेष प्रकार के लड्डू आदि बनते हैं और गुणों में इसे खासा गरम माना जाता है. इस गोंद को अगर पानी में डाला जाए तो यह पूरी तरह घुल जाती है. गोंद कतीरा को अगर पानी में घोलेंगे तो यह जैली में बदल जाता है और इसकी तासीर ठंडी होती है और इसका सेवन गर्मियों में ही किया जाता है, ताकि शरीर को लू, हीट स्ट्रोक आदि से बचाया जा सके.

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गोंद कतीरा को पानी में मिलाने के बाद इसकी तासीर में बदलाव हो जाता है. Image-canva

वैसे यह यह गंधहीन और स्वादहीन है लेकिन इसमें गुणों का खजाना है. गर्मियों में ड्राईफ्रूट्स या इसके बिना भी इसका शरबत खूब पिया जाता है. पनीर बनाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है और पुडिंग बनाने में भी यह काम आता है. मीठे पान में जिस गुलकंद को डाला जाता है, उसको तैयार करने में भी गोंद कतीरा अपनी भूमिका निभाता है.

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‘हरि अनंत, हरि कथा अनंता’ जैसा है इतिहास

गोंद कतीरा का इतिहास ‘हरि अनंत, हरि कथा अनंता’ जैसा है. यानी यह हजारों वर्षों से दुनिया में पैदा हो रहा है. यह विशेष प्रकार के पेड़ों (भारत में बबूल और कीकर के पेड़ भी शामिल है) के तनों या मोटी जड़ों पर चीरा लगाकर निकाला गया रस है, जो सूखने के बाद गोंद में बदल जाता है. इसकी सबसे अधिक पैदावार इराक और ईरान में होती है. यह अफगानिस्तान में भी खूब निकाला जाता है. यूनानी चिकित्सा में शक्तिवर्धक दवाओं के लिए इसका प्रयोग आज भी किया जा रहा है. भारत में इसकी उपज राजस्थान और भारत में अधिक होती है.

पुरानी दिल्ली स्थित किराना बाजार खारी बावली के कारोबारी वीरेंद्र गुप्ता के अनुसार सफेद से पीले भूरे रंग का गोंद कतीरा ईरान और अफगानिस्तान से भी मंगाया जाता है. क्वॉलिटी के हिसाब से इसका थोक का रेट अधिकतम 400 रुपये किलो है. गर्मी में इसकी डिमांड बहुत बढ़ जाती है, क्योंकि इसे शीतकारी माना जाता है. खाने के अलावा इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन उद्योग, अगरबत्ती और कागज निर्माण जैसे कई उद्योगों में एक घटक के रूप में किया जाता है.

शरीर का तापमान कम कर देता है

गोंद कतीरा एक प्राकृतिक आहार है, इसलिए इसमें गुण भी विशेष है. यह शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, शरीर को ठंडक तो प्रदान करता ही है, साथ ही यह ‘ताकत’ का संचार भी करता है. पोषक तत्वों की बात करें तो आधुनिक वनस्पतीय विज्ञान के अनुसार 100 ग्राम गोंद कतीरा में कैलोरी 70, कार्बोहाइड्रेट 35 ग्राम, फाइबर 30 ग्राम, हाइड्रेट (तरलता) 5 ग्राम, वसा 0 ग्राम, सोडियम 9 ग्राम व अन्य अवयव पाए जाते हैं.

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गोंद हरीरा हीटस्ट्रोक और सन स्ट्रोक से भी बचाव करता है. Image-Canva

मुंबई यूनिवर्सिटी के पूर्व डीन व वैद्यराज दीनानाथ उपाध्याय के अनुसार अब तो शरीर को गर्मी से बचाने के लिए कई प्रकार के आहार व डिश मौजूद हैं, लेकिन कभी वह वक्त भी था जब गर्मियों में इसके जलवे होते थे. जो लोग इसकी विशेषताएं जानते हैं, गर्मियों में आज भी इसका उपयोग करते हैं. इसमें पाए जाने वाले गजब के प्राकृतिक द्रव्य गर्मी में लू से बचाने में बेहद कारगर हैं. इसका सेवन शरीर का तापमान कम कर शरीर को अंदर से ठंडा कर देता है. इसी शीतलता के कारण शरीर हीटस्ट्रोक और सन स्ट्रोक से बचा रहता है, साथ ही नकसीर और पसीने से भी छुटकारा मिलता है.

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नर्वस सिस्टम को भी कूल रखता है

गोंद कतीरा में फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है, जिसके चलते पेट का पाचन सिस्टम दुरुस्त रखता है. यह आंतों को सूखने भी नहीं देता है, जिससे पेट संबंधी बीमारी दूर रहती है. इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी है, इसलिए सामान्य रोग जैसे खांसी, जुकाम और कई तरह के वायरस के संक्रमण से बचाव रहता है. इसका सेवन शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकाल देता है. यह शरीर के जोड़ों को भी लुब्रिकेट करता है और मजबूत हड्डियों को विकसित करने में मदद करता है. विशेष बात यह है कि गोंद कतीरा दिमाग के नर्वस सिस्टम को भी शीतलता प्रदान करता है. सामान्य मात्रा में लेने से गोंद कतीरा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. लेकिन इसका सेवन करते वक्त पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए, उसका कारण कि यह बहुत सारा पानी सोख लेता है, अगर पानी नहीं पीएंगे तो कब्ज की समस्या हो सकती है. अधिक सेवन से यह आंतों को भी ब्लॉक कर सकता है.

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