Guru Arjan Dev Jayanti: सिख धर्म के इन 5वें धर्मगुरु ने रखवाई थी स्वर्ण मंदिर की नींव, जानिए खास बातें

guru arjan dev jayanti know history and about golden temple
Guru Arjan Dev Jayanti: गुरु ग्रन्थ साहिब के गुरु अर्जुन देव के कई उपदेश संकलित हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: April 26, 2019, 7:13 AM IST
Guru Arjan Dev Jayanti: आज 26 अप्रैल शुक्रवार को सिखों के 5वें धर्मगुरु गुरु अर्जुन देव की जयंती है. सिखों के पवित्र धर्म ग्रन्थ गुरु ग्रन्थ साहिब में उनके कई उपदेश संकलित किए गए हैं. उन्होंने सुखमनी साहिब में चौबीस अष्टपदी की रचना ब्रज भाषा में की. आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें.
गुरु अर्जुन देव का जन्म 15 अप्रैल 1563 को गोइंदवाल साहिब में गुरु रामदास के घर हुआ. उनकी मां का नाम बीवी भानी जी था. उन्होंने सिख धर्म के लिए काफी योगदान दिया.
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उस समय कुछ लोगों ने गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर अकबर के कान भरे कि इसमें इस्लाम के बारे में कई गलत बातें लिखी हैं. लेकिन जब अकबर को इस अमृत वाणी के बारे में पता चला तब उसने आदरपूर्वक उनके भाई गुरुदास को दरबार में बुलाकर स्वर्ण मुद्राएं भेंट कीं.Pavagadh Mata: वोट डालने से पहले PM मोदी की मां ने उन्हें भेंट की मां के शक्तिपीठ की चुनरी, जानिए खास बातें
करवाया स्वर्ण मंदिर का निर्माण:
गुरु अर्जुन देव जी सन 1588 के दिसंबर माह में लाहौर के एक सूफी संत साईं मिया मीर के हाथों हरमंदर साहिब यानी कि स्वर्ण मंदिर (golden temple) की नींव रखवाई थी.

गोल्डन टेम्पल में के लंगर हॉल में प्रतिदिन लगभग 75,000 लोग निःशुल्क खाना खाते हैं. धार्मिक त्योहारों पर लंगर छकने वालों की संख्या बढ़कर एक लाख से ऊपर हो जाती है.
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गुरु अर्जुन देव का जन्म 15 अप्रैल 1563 को गोइंदवाल साहिब में गुरु रामदास के घर हुआ. उनकी मां का नाम बीवी भानी जी था. उन्होंने सिख धर्म के लिए काफी योगदान दिया.
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गुरु अर्जुन देव जी सन 1588 के दिसंबर माह में लाहौर के एक सूफी संत साईं मिया मीर के हाथों हरमंदर साहिब यानी कि स्वर्ण मंदिर (golden temple) की नींव रखवाई थी.

गोल्डन टेम्पल में के लंगर हॉल में प्रतिदिन लगभग 75,000 लोग निःशुल्क खाना खाते हैं. धार्मिक त्योहारों पर लंगर छकने वालों की संख्या बढ़कर एक लाख से ऊपर हो जाती है.
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