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हार्ट को लेकर 5 अफवाहों पर कभी न करें यकीन, जान लें सच्चाई; हमेशा रहें सतर्क

अक्सर हार्ट की सेहत को लेकर अफवाहें फैलाई जाती रहती है जिससे और ज्यादा नुकसान होता है.

अक्सर हार्ट की सेहत को लेकर अफवाहें फैलाई जाती रहती है जिससे और ज्यादा नुकसान होता है.

Misconceptions about heart attack: 40 के बाद ही हार्ट अटैक आता है. हार्ट का इलाज कराने के बाद व्यक्ति बहुत स्लो हो जाता ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन कहता है कि 20 साल की उम्र से ही कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए.
हार्ट अटैक चाहे किसी भी तरह से आए उसका समाधान निकालना बहुत जरूरी है.

Misinformation about heart health: हार्ट शरीर का सबसे जरूरी अंग है. अगर शरीर में हार्ट न हो तो जीवन खत्म. हार्ट पूरे शरीर से अशुद्ध खून को शुद्ध करता है और शुद्ध खून को पंपिंग कर पूरे शरीर में पहुंचाता है. इसलिए हार्ट को पंपिंग मशीन कहा जाता है. हार्ट में धमनियों के माध्यम से खून पहुंचता है और फिर रक्त वाहनियों के माध्यम से यह शरीर के बाकी हिस्सों में पहुंचता है. धमनियों का हेल्दी होना बहुत जरूरी है लेकिन गतिहीन जीवनशैली और गलत खान-पान की वजह से आज अधिकांश लोगों के हार्ट में परेशानी आ जाती है. वास्तव में जब धमनियों में गंदा कोलेस्ट्रॉल या अन्य पदार्थ जमा होने लगता है तब यह धमनियों को ब्लॉकेज करने लगता है. इस ब्लॉकेज के कारण हार्ट को खून सही से पहुंच नहीं पाता है. इसका सबसे बुरा परिणाम हार्ट अटैक, कार्डिएक अरेस्ट, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक के रूप में सामने आता है. हार्ट को हेल्दी बनाने के लिए हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज बहुत जरूरी है लेकिन हमारे समाज में अक्सर हार्ट की सेहत को लेकर अफवाहें फैलाई जाती रहती है जिससे और ज्यादा नुकसान होता है.

हार्ट के बारे में अफवाहें

1. 40 के बाद ही करानी चाहिए हार्ट की जांचटीओआई की खबर में कहा गया है कि अक्सर लोगों से यह कहते हुए सुना होगा कि हार्ट की बीमारी 40 के बाद ही होती है. इसलिए इससे पहले हार्ट की जांच कराने का कोई मतलब नहीं है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन कहता है कि 20 साल की उम्र से ही कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए. हालांकि 9 साल की बच्चों को भी लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की जरूरत पड़ती है. ग्लोबल अस्पताल मुंबई के डॉ प्रवीण कुलकर्णी कहते हैं कि 9 साल की उम्र में एक बार लिपिट टेस्ट जरूर कराना चाहिए. इसके बाद 17 से 20 साल की उम्र में भी यह टेस्ट जरूरी है.

2. सिर्फ चेस्ट पेन ही हार्ट डिजीज का है संकेत-चेस्ट पेन हार्ट डिजीज का एकमात्र संकेत नहीं है. चेस्ट पेन के अलावा जबड़े और गर्दन में दर्द भी हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं. वहीं बिना किसी लक्षण भी हार्ट अटैक आ सकता है. इसलिए हमेशा सतर्क रहें.

3. डायबिटीज की दवा से हार्ट की रक्षा-डायबिटीज और हार्ट से संबंधित जटिलताएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं. डायबिटीज के बहुत से जोखिम हार्ट डिजीज के भी जोखिम हैं. डायबिटीज की दवा से ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है और हार्ट डिजीज के जोखिम को भी कम कर सकती है लेकिन यह पूरी तरह से हार्ट से संबंधित सभी तरह की स्थितियों से आपकी रक्षा नहीं करेगी.

4. हार्ट प्रोब्लम हो तो सिर्फ उबले हुए फूड खाएं-जैसे ही कोई व्यक्ति हार्ट की परेशानियों का इलाज कराता है उसे चारों ओर से यही कहा जाता है कि अब आप सिर्फ ब्यॉल्ड चीज ही खाएं. तेल, मसाला, नमक खाने से मना किया जाता है. हार्ट की परेशानियां होने के बाद सैचुरेटेड फैट, हाइड्रोजेनेटेड फैट और ट्रांस फैट का सेवन बंद सच में बंद कर देना चाहिए लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सिर्फ उबले हुए फूड खाना चाहिए.

5. छोटा हार्ट अटैक कोई गंभीर परेशानी नहीं- हार्ट अटैक को कभी भी छोटा या बड़ा से मापा नहीं जा सकता. हार्ट अटैक चाहे किसी भी तरह से आए उसका समाधान निकालना बहुत जरूरी है. हार्ट अटैक के बाद हमेशा डॉक्टरों की सलाह माननी चाहिए.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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