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Myasthenia Gravis: क्या है मायस्थेनिया ग्रेविस? इसी बीमारी की वजह से हुई एक्टर अरुण बाली की मौत

अरुण बाली लंबे समय से बीमार चल रहे थे.

अरुण बाली लंबे समय से बीमार चल रहे थे.

What is Myasthenia Gravis: मायस्थेनिया ग्रेविस के मामले काफी दुर्लभ हैं. इसमें हमारे शरीर की मांसपेशियां बुरी तरह से प् ...अधिक पढ़ें

What is Myasthenia Gravis: टेलीविजन से लेकर बड़े पर्दे तक अपनी कलाकारी का लोहा मनवा चुके एक्टर अरुण बाली (Arun Bali) ने शुक्रवार को इस दुनिया को अलविदा (Arun Bali Death) कह दिया. अरुण बाली लंबे समय से बीमार चल रहे थे और 79 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल में अंतिम सांस ली. रिपोर्ट के अनुसार अरुण बाली मायस्थेनिया ग्रेविस डिसीज से पीड़ित थे जो कि न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर पैदा करती है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार अरुण बाली के बेटे ने बताया कि उनके पापा मायस्थेनिया ग्रेविस से पीड़ित थे और उनकी नसों और मांसपेशियों के बीच में सही से संचार नहीं हो पा रहा था. दो-तीन दिन से उनका मूड भी बार बार बदल रहा था. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है यह बीमारी और यह हमारे शरीर को किस तरह से प्रभावित करती है….

क्या है मायस्थेनिया ग्रेविस
मायस्थेनिया ग्रेविस के मामले काफी दुर्लभ हैं. इसमें हमारे शरीर की मांसपेशियां बुरी तरह से प्रभावित होती हैं. इसमें हमारे नर्वस सिस्टम की कोशिकाओं और शरीर की मांसपेशियों के बीच में संचार खत्म होने लगता है. एक्सपर्ट की मानें तो यह शरीर के लिए उपयोगी कुछ रासायनों की कमी की वजह से होता है. इसमें सामान्यतौर पर आंखें, चेहरा, गला और हांथ-पैर की मसल्स कमजोर हो जाती हैं और व्यक्ति हमेशा अपने आप को थका हुआ महसूस करता है.

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किन्हें है इसका ज्यादा खतरा
इस बीमारी से पीड़ित लोगों को अपनी बॉडी को मूव करने में सबसे ज्यादा दिक्कत होती है. इससे पीड़ित मरीज को आमतौर पर सबसे ज्यादा कमजोरी बीमारी के शुरुआती 3 वर्षों के दौरान होती है. इस बीमारी के होने से डेली लाइफ पूरी तरह से डिस्टर्ब हो जाती है. यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है. एक शिशु से लेकर वयस्क और बुजुर्ग कोई भी इससे पीड़ित हो सकता है. इससे महिला और पुरुष कोई भी पिड़ित हो सकता है.

बीमारी के दौरान क्या करना चाहिए?
आमतौर पर इस बीमारी में कमजोरी सबसे ज्यादा महसूस होती है इसलिए यह जरूरी है कि इससे पीड़ित लोग जितना संभव हो सके आराम करें. मायस्थेनिया ग्रेविस होने पर मरीज को फिजिकल एक्टीविटी बंद कर देनी चाहिए. ऐसे मरीज के साथ एक साथी होना जरूरी है ताकि वह पीड़ित मरीज की मदद कर सके.

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मायस्थेनिया ग्रेविस के लक्षण
यह बीमारी आमतौर पर ऑटो इम्यून प्रॉब्लम की वजह से होती है. यह हमारे हेल्दी इम्यून सिस्टम को बुरी तरह से प्रभावित करता है. इसके कई लक्षण हमें शुरुआत में ही नजर आने लगते हैं…

मायस्थेनिया ग्रेविस के शुरुआती लक्षणों में सीने की मसल्स में कमजोरी के कारण दर्द होता है.
किसी चीज को खाने और चबाने में दिक्कत होती है.
सीढ़िया चढ़ने में दिक्कत होना
बात करने में कठिनाई होना
सांस लेने में कठिनाई
हमेशा थकान महसूस करना
आवाज का बदल जाना
मनुष्य किसी चीज पर फोकस नहीं कर पाता

बच्चों में मायस्थेनिया के लक्षण
शिशु ठीक से दूध नहीं पी पाता
बच्चों को आखें खोलने में दिक्कत होती है
सांस लेने में भी काफी समस्या होती है.

क्या है इसका इलाज
मायस्थेनिया एक जटिल बीमारी है और फिलहाल अभी इसका कोई कारगर इलाज नहीं है. कुछ उपायों से इसे कुछ हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. अगर आपको सांस लेने में दिक्कत होती है तो आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है. इस बीमारी का एक उपाय प्लास्माफेरेसिस और इम्युनोग्लोबुलिन इनफ्यूजन हैं. प्लास्माफेरेसिस डायलिसिस की तरह एक फिल्टरिंग प्रक्रिया है जिसमें ब्लड को एक मशीन के माध्यम से रूट किया जाता है जिसमें एंटीबॉडी को हटाया जाता है. इस प्रक्रिया का असर कुछ दिनों तक ही रहता है इस वजह से इसे बार बार दोहराना पड़ता है.

Tags: Health, Lifestyle

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