कार्डियक अरेस्ट अचानक होता है और व्यक्ति बेहोश होकर गिर जाता है.
Heart Attack & Cardiac Arrest: देश में हार्ट अटैक (Heart Attack) से जुड़े मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बीते कुछ महीनों में कई ऐसे वीडियो वायरल हो चुके हैं, जिनमें लोगों को घूमते-फिरते, नाचते-गाते अचानक हार्ट अटैक आया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई. बीते 4 दिसंबर को यूपी के मेरठ में तीन दोस्त घूम रहे थे, तभी एक युवक को हार्ट अटैक आया. वह अचानक गिर गया और मौत हो गई. इससे पूर्व भी 3 दिसंबर को लखनऊ में दूल्हे को वरमाला पहनाते वक्त दुल्हन गिर पड़ी और हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई. कुछ महीने पहले बरेली में एक शख्स की नाचते वक्त और गाजियाबाद में जिम ट्रेनर की हेयर सैलून में बैठे हुए अचानक मौत हो गई थी.
इसी साल कई सेलिब्रिटीज की मौत भी हार्ट अटैक की वजह से हो गई. मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को जिम में ही अटैक आया था तो सिंगर केके म्यूजिक कंसर्ट के दौरान गाना गा रहे थे, तभी कार्डियक अरेस्ट ने उनकी जान चली गई थी. इनके अलावा भी कई सेलिब्रिटीज ने पिछले कुछ महीनों में अपनी जान गंवा दी है. इन सभी घटनाओं ने लोगों को चिंता में डाल दिया है. अब सवाल उठता है कि आखिर कम उम्र में लोग कुछ ही मिनट में मौत के मुंह में कैसे समा रहे हैं? इन सभी सवालों के जवाब कार्डियोलॉजिस्ट से जान लेते हैं.
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वनीता अरोरा के मुताबिक सबसे पहले तो हमें यह जानने की जरूरत है कि हार्ट अटैक की वजह से अचानक मौत नहीं होती है. हार्ट अटैक आने के बाद जल्द इलाज हो जाए, तो अधिकतर मामलों में लोगों की जान बच जाती है. आजकल नाचते-गाते और एक्सरसाइज करते वक्त अचानक मौत के मामले सामने आ रहे हैं, उनकी वजह सडन कार्डियक अरेस्ट (SCA) हो सकता है. कार्डियक अरेस्ट अचानक होता है और कुछ ही मिनट में व्यक्ति जान गंवा देता है. इसमें पहले से लक्षण भी नजर नहीं आते. हार्ट अटैक आने से पहले व्यक्ति के सीने में तेज दर्द होने लगता है. इसके अलावा भी हार्ट अटैक आने पर कुछ लक्षण नजर आते हैं, जबकि कार्डियक अरेस्ट में सब कुछ अचानक होता है.
डॉ. वनीता अरोरा कहती हैं कि सडन कार्डियक (Sudden Cardiac Arrest) अरेस्ट के दौरान व्यक्ति का हार्ट ब्लड को पंप करना बंद कर देता है और हार्ट स्टैंड स्टिल (Stand Still) पोजीशन में चला जाता है. इससे ब्रेन व शरीर के अन्य हिस्सों में खून की सप्लाई रुक जाती है और व्यक्ति अचानक बेहोश होकर गिर जाता है. इस दौरान हार्टबीट अबनॉर्मल हो जाती है. नॉर्मल हार्ट बीट 60-90 bpm होती है, जो कार्डियक अरेस्ट में 250-350 bpm तक हो जाती है. कार्डियक अरेस्ट के बाद कुछ ही मिनट में इलाज न मिले तो व्यक्ति की मौत हो जाती है. ऐसे मामलों में हॉस्पिटल तक पहुंचने से पहले ही अधिकतर लोग जान गंवा देते हैं.
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कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वनीता अरोरा के अनुसार आज के दौर में युवाओं को सडन कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा है. इसकी सबसे बड़ी वजह बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल, गलत खान-पान की आदतें, ज्यादा तनाव और स्मोकिंग है. कोविड-19 के बाद लोगों की कोरोनरी आर्टरीज (Coronary Arteries) में क्लॉट फॉर्मेशन के मामले बढ़े हैं, जिससे सडन कार्डियक अरेस्ट और अन्य हार्ट डिजीज का खतरा काफी बढ़ गया है. आज के दौर में लोगों को पता भी नहीं चलता और उनकी हार्ट हेल्थ काफी खराब हो जाती है.
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कार्डियोलॉजिस्ट के मुताबिक आज के दौर में स्ट्रेस हार्ट हेल्थ के लिए सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर बनता जा रहा है. अगर आपकी मेंटल हेल्थ सही रहेगी तो हार्ट डिजीज का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा. ज्यादा स्ट्रेस की वजह से शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन रिलीज होते हैं जो हमारे हार्ट को नुकसान पहुंचाते हैं. स्ट्रेस की वजह से ब्लड की सप्लाई करने वाली आर्टरीज डैमेज होती हैं और हार्ट का इलेक्ट्रिकल नेटवर्क शॉर्ट सर्किट हो जाता है. ऐसे में सभी को फिजिकल हेल्थ के साथ मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखना चाहिए ताकि हार्ट को हेल्दी रखा जा सके.
– हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
– हर दिन एक्सरसाइज करें
– हेल्दी डाइट लेनी चाहिए
– स्मोकिंग से तुरंत दूरी बनाएं
– खुद को फिजिकली एक्टिव रखें
– समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराएं
– अपने वजन को कंट्रोल रखें
– डायबिटीज, बीपी, कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करें
– परेशानी होने पर तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से मिलें
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