कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज है खतरनाक, Image-Canva
What Is Congenital Heart Defects: कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज असामान्य बीमारी है जो बच्चे को जन्म के साथ ही हो जाती है. इसमें बच्चे के हार्ट में छोटा सा छेद, हार्ट पंप में प्रॉब्लम और अन्य कई गंभीर समस्या हो सकती हैं. हालांकि कई समस्याओं का इलाज सर्जरी द्वारा किया जा सकता है. कुछ मामलों में डॉक्टर बच्चे के जन्म से पहले ही इन समस्याओं का पता लगा सकते हैं. वहीं कुछ हल्के मामलों का निदान बचपन में किया जाता है लेकिन ज्यादातर मामलों में बच्चे के व्यस्क होने पर ही सर्जरी या ट्रीटमेंट शुरू करते हैं.
कई बार इस समस्या के लक्षण दिखाई नहीं देते जिस वजह से समस्या बड़ी और गंभीर हो जाती है इसलिए जरूरी है कि बच्चे का जन्म के साथ ही रेग्यूलर बॉडी चेकअप कराएं. साथ ही बच्चे में दिखाई देने वाले लक्षणों पर ध्यान दें.
क्या है कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज
हेल्थलाइन के अनुसार कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज कुछ बच्चों के जन्म के साथ ही शुरू हो जाती है. इसमें बच्चे के हार्ट वॉल, हार्ट वॉल्व और ब्लड वैसल्स में समस्या आ सकती है. कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज कई प्रकार के होते हैं. इसमें बच्चे को साधारण स्थितियों से लेकर जटिल समस्याएं हो सकती हैं. कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज वाले लगभग सभी बच्चे वयस्क तक जीवित रहते हैं. वहीं कुछ को जीवनभर हार्ट समस्या के लिए निरंतर देखभाल की आवश्यकता हो सकती है.
कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज के लक्षण
प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले अल्ट्रासाउंड से कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज का पता लगाया जा सकता है. जैसे असामान्य हार्टबीट से समस्या की जांच की जा सकती है, वहीं छाती का एक्स-रे या एमआरआई स्कैन से भी हार्ट प्रॉब्लम का संकेत मिल सकता है. कुछ मामलों में कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज के लक्षण नजर नहीं आते हैं.
– होंठ, स्किन और उंगलियां नीली हो जाना.
– सांस फूलना या सांस लेने में परेशानी.
– बच्चे के वजन में कमी होना.
– छाती में दर्द.
– असामान्य हार्टबीट
– चक्कर आना
– सूजन की समस्या
कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज के कारण
कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज के कई कारण हो सकते हैं. हार्ट डेवलपमेंट के दौरान हार्ट से संबंधित समस्या हार्ट डिजीज हो सकती है. ये समस्या आमतौर पर हार्ट के माध्यम से ब्लड के सामान्य फ्लो में हस्तक्षेप करती है जो श्वास को प्रभावित कर सकती है.
– हार्ट डिजीज से संबंधित कोई फेलिमी हिस्ट्री.
– प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ दवाओं की वजह से भी हार्ट दोष होने का खतरा बढ़ जाता है.
– प्रेग्नेंसी के दौरान शराब या अवैध ड्रग्स का सेवन.
– प्रेग्नेंसी के दौरान वायरल इंफेक्शन होने से भी बच्चे में हार्ट प्रॉब्लम होने की संभावना बढ़ जाती है.
– ब्लड शुगर लेवल अधिक होना.
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कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज का ट्रीटमेंट
– मेडिकेशन
– इम्प्लांटेबल हार्ट डिवाइस
– कैथेटेराइजेशन
– ओपन हार्ट सर्जरी
– हार्ट ट्रांसप्लांट
कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज बच्चे को जन्म के दौरान ही हो सकता है. इसलिए हार्ट से संबंधित किसी भी लक्षण हो नजरअंदाज न करें और बच्चे का सही ट्रीटमेंट कराएं.
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