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गलत भी हो सकती है फास्टिंग शुगर की रिपोर्ट, मैक्स अस्पताल के डॉक्टर से जानें कैसे कराएं सही जांच, ये रहा तरीका

कुछ स्थितियों में फास्टिंग ब्लड शुगर की रिपोर्ट गलत भी आ सकती है.

कुछ स्थितियों में फास्टिंग ब्लड शुगर की रिपोर्ट गलत भी आ सकती है.

How Measured Accurate Blood Sugar Level: डायबिटीज बहुत ही खराब बीमारी है. इससे कई अन्य बीमारियां हो जाती है. डायबिटीज क ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

जिस दिन आपको टेस्ट कराने जाना है, उस दिन आप जल्दी रात में सो जाएं.
याद रहें किसी भी तरह का तनाव रिपोर्ट को गलत साबित कर सकता है.

How To Measured Accurate Fasting Blood Sugar Level: डायबिटीज ऐसी बीमारी है जिसमें खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है. इसके लिए ब्लड शुगर टेस्ट कराई जाती है. ब्लड शुगर की जांच तीन बार कराई जाती है. इसमें सबसे पहला है फास्टिंग ब्लड शुगर. इसके बाद खाकर ब्लड टेस्ट दिया जाता है. फिर उसी समय तीन महीने वाला HB1ac टेस्ट के लिए भी सैंपल ले लिया जाता है. लेकिन फास्टिंग ब्लड शुगर की जांच कुछ स्थितियों में गलत भी हो सकती है. अगर किसी व्यक्ति का खाली पेट ब्लड शुगर लेवल 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम है या 5.6 एमएमओल प्रति लीटर से कम है, तो यह तय मान लिया जाता है कि उस व्यक्ति को डायबिटीज नहीं है. 100 से 125 के बीच की रीडिंग को प्री-डायबेटिक कंडीशन में माना जाता है. लेकिन कई बार खाली पेट ब्लड शुगर 125 के आस-पास रहता है लेकिन तीन महीने वाला और खाने के बाद ब्लड शुगर की रिपोर्ट नॉर्मल आती है. ऐसे में यह कंफ्यूजन बना रहता है कि उसे डायबिटीज है या नहीं.

मैक्स हेल्थकेयर गुड़गांव में कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और डायबिटीज के एक्सपर्ट डॉ. पारस अग्रवाल इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझाते हुए कहते हैं कि कुछ स्थितियों में फास्टिंग ब्लड शुगर की रिपोर्ट गलत भी आ सकती है. इन स्थितियों में जरूरी यह है कि व्यक्ति टेस्ट कराने से पहले की कुछ बातों को ध्यान से समझ लें और दोबारा ब्लड शुगर की जांच कराएं. अगर स्टैंडर्ड मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए दोबारा टेस्ट कराया जाता है और तब भी शुगर रिपोर्ट वही आती है तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए.

किन स्थितियों में गलत आती है शुगर रिपोर्ट

डॉ. पारस अग्रवाल कहते हैं कि खाली पेट ब्लड शुगर टेस्ट कराने के लिए यह जरूरी है कि आप रात में बिना तनाव लिए सुकून की कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लें. यदि इससे कम नींद आती है तो टेस्ट रिपोर्ट गलत आ सकती है. वहीं रात में खाना खाने के बाद टेस्ट कराने तक 10 घंटे खाली पेट होना चाहिए. अगर इससे कम या ज्यादा समय के बाद टेस्ट कराते हैं तो रिपोर्ट गलत आ सकती है. वहीं अगर आप देर रात खाना खाते हैं और देर रात सोते हैं तो भी रिपोर्ट के गलत आने की आशंका होती है. इसके साथ ही रात में दूध पीकर सोना भी टेस्ट रिपोर्ट को गलत कर सकता है. वहीं सुबह में उठकर आप सैर पर निकल जाते हैं और उसके बाद टेस्ट कराते हैं तो भी रिपोर्ट सही नहीं आएगी. रात में अच्छी नींद नहीं सोएंगे और सुबह तनाव में रहेंगे तो भी फास्टिंग ब्लड शुगर की रिपोर्ट सही नहीं आएगी.

सही टेस्ट कराने का क्या है तरीका

डॉ. पारस अग्रवाल ने बताया कि ऐसे मामले में सबसे पहले हमें टेस्ट का सही तरीका जानना होगा क्योंकि कई बार विभिन्न कारणों से सही टेस्ट निकलकर सामने नहीं आता है. इसके लिए जरूरी है कि जिस दिन आपको टेस्ट कराने जाना है, उस दिन आप जल्दी रात में सो जाएं. याद रहें किसी भी तरह का तनाव रिपोर्ट को गलत साबित कर सकता है. वहीं रात में सोने से पहले दूध या चाय पीकर नहीं सोएं. सुबह जब उठे तो सीधे टेस्ट सेंटर जाएं. सुबह 8 बजे के करीब आपकी ब्लड जांच सही आ सकती है. खाली पेट का मतलब है कि सुबह में भी कुछ न खाएं. चाय भी न पीएं. सीधे टेस्ट सेंटर जाएं या घर पर सैंपल के लिए बुला लें. यानी सुबह में बिना कोई काम किए सीधे ब्लड सैंपल दे दें. ऐसा करने पर आपकी टेस्ट रिपोर्ट सही आएगी.

फास्टिंग ब्लड शुगर के मायने

डॉ पारस अग्रवाल ने बताया कि अगर फास्टिंग ब्लड शुगर 100 से कम है तो निश्चित रूप से आपको डायबिटीज नहीं है. लेकिन यदि 100 से 125 के बीच है और एहतियात के साथ अगर आपने सुबह में फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट कराया है तो यह प्री-डायबेटिक कंडीशन हैं. इसका मतलब है कि आपको अभी से सचेत हो जाना होगा. हां, यह भी देखना होगा कि फास्टिंग शुगर टेस्ट के अलावा खाने के बाद और तीन महीने वाली टेस्ट रिपोर्ट का रिजल्ट क्या है. यदि मेटाबोलिक मेमरी टेस्ट यानी एचबी1एसी रिपोर्ट नॉर्मल है तो अभी आपको चिंता करने की जरूरत नहीं लेकिन अगर परिवार में डायबिटीज का इतिहास है तो आपको अभी से सतर्क हो जाना होगा क्योंकि आप बॉर्डरलाइन पर हैं और भविष्य में आपको डायबिटीज हो सकता है. इसलिए अभी से आपको परहेज करना होगा.



शुगर अगर 100 से थोड़ा ज्यादा है तो क्या करें

डॉ पारस अग्रवाल ने कहा, “अगर आप डायबिटीज के बॉर्डरलाइन पर हैं तो आपको कई काम अपने डेली रूटीन में शामिल करना होगा. चूंकि डायबिटीज की बीमारी खराब लाइफस्टाइल से संबंधित है, इसलिए अपने लाइफस्टाइल को सही कीजिए. रोजाना एक्सरसाइज, वॉकिंग कीजिए. तनाव न लीजिए. खुद को व्यस्त रखिए और सबसे बड़ी बात कि अपने खान-पान को सुधारिए. प्री डायबेटिक कंडीशन में खान-पान पर ध्यान देना सबसे ज्यादा जरूरी है. अगर आपका फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल बढ़ा है तो आप तली-भुनी चीजें, प्रोसेस्ड फूड, सिगरेट, शराब आदि को छोड़ दें. मीठा खाना कम कर दें.हरी साग सब्जियों का सेवन ज्यादा करें. जो सीजनल फल सब्जियां हो, उसे अपनी आदत में शुमार कर लें. रोजाना एक्सरसाइज करें. करेला, आंवला, जामुन, ड्राई फ्रूट, पालक, आदि का सेवन बढ़ा दे.

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Tags: Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle

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