बवासीर यानी पाइल्स (Piles) काफी तकलीफदेह होता है. इस बीमारी को लेकर आमतौर पर लोग बताने से हिचकिचाते हैं और शर्मिंदगी महसूस करते हैं. मलाशय (रेक्टम) और गुदा (एनस) वाले हिस्से में रक्त वाहिकाएं को हेमरॉइड्स कहते हैं. इन्हीं रक्त वाहिकाओं में सूजन आने की स्थिति को बवासीर कहा जाता है. इसमें गुदा के अंदर और बाहरी भाग की रक्त वाहिकाओं में सूजन आने के अलावा कुछ मस्सा जैसा बनने लगता है, जिसमें मूवमेंट करने पर दर्द होता है और कई बार खून (Blood) भी निकलता है.
myUpchar के अनुसार, बवासीर कई वजहों से हो सकता है. यह मल त्याग के दौरान अधिक जोर लगाने, कब्ज या गर्भावस्था के दौरान गुदा की नसों में दबाव बढ़ने के कारण भी हो सकता है. यही नहीं, मोटापा भी इसका कारण बन सकता है क्योंकि पेट के अंदर का दबाव बढ़ने से गुदा की मांसपेशियों पर भी दबाव बढ़ जाता है. इनके लक्षणों में मल त्याग के दौरान दर्द, मल त्याग के दौरान खून निकलना, गुदा से बलगम जैसा डिस्चार्ज, गुदा के पास दर्द व सूजन या गांठ या मस्सा बनना, गुदा वाले हिस्से में खुजली आदि शामिल है. ज्यादातर मामलों में बिना किसी इलाज के बवासीर अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन इससे राहत पाने के लिए मलहम, क्रीम, पैड्स या दर्द निवारक दवाइयां ली जा सकती हैं. वहीं सही खानपान के जरिए इस परेशानी को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
myUpchar के अनुसार, बवासीर से पीड़ित रोगियों को तेजी से, बेहतर और प्रभावी नतीजों के लिए घरेलू उपचार अपनाना चाहिए. यहां 5 घरेलू उपायों के बारे में बताया जा रहा है, जो बवासीर से होने वाले दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं-
पपीता
पपीता में शक्तिशाली पाचन एंजाइम 'पपैन' होता है, जो कि कब्ज और खूनी बवासीर का इलाज करने में काफी मददगार है. पपीता विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है, इसे नाश्ते में भी लिया जा सकता है. यही नहीं इसके जूस को गुदा वाले हिस्से में लगाने से भी फर्क महसूस होगा.
अरंड का तेल
रोजाना रात में दूध के साथ एक चम्मच अरंड का तेल लेने से सुबह के समय दर्द कम महसूस होगा. यह तेल मल को नरम करने में मदद करता है. इससे गुदा वाले हिस्से में नसों पर दबाव कम पड़ता है और दर्द कम होता है.
छाछ
बवासीर से राहत पाने का अच्छा उपाय है छाछ का सेवन. एक गिलास छाछ में एक चुटकी नमक और एक चौथाई चम्मच अजवाइन मिलाकर रोजाना पिएं. इससे बवासीर की वजह से होने वाली परेशानी दूर होती है.
ईसबगोल
ईसबगोल एक घुलनशील डाइटरी फाइबर का बेहतरीन स्रोत है. एक गिलास गर्म पानी या दूध में एक चम्मच ईसबगोल भूसी मिलाएं और सोते समय इसे पिएं. इससे मल त्याग करते समय दर्द कम हो जाएगा. यह एक रामबाण इलाज के तौर पर जाना जाता है.
हरीतकी
आयुर्वेदिक उपचार में हरीतकी एक शानदार जड़ी-बूटी है, जो कि सूखी और खूनी बवासीर में फायदेमंद है. हरीतकी पाउडर का एक चम्मच रोजाना तीन बार दिन में दूध के साथ लिया जा सकता है. यह कब्ज से राहत देती है और दर्द व सूजन को कम करती है.
अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, बवासीर क्या है पढ़ें. न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं. सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है. myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 13, 2020, 14:28 IST