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क्या आपका भी बार-बार होता है मूड स्विंग तो डाइट में शामिल करें ये चीजें, एक्सपर्ट ने दी बड़ी सलाह

हमारे खाने का हमारे दिमाग पर भी असर पड़ता है. (फाइल फोटो)

हमारे खाने का हमारे दिमाग पर भी असर पड़ता है. (फाइल फोटो)

Mood Swings Diet: हम जो भी खाते हैं उसका हमारे शरीर और दिमाग दोनों पर गहरा असर पड़ता है. कई लोग ऐसे होते हैं जो कभी खुश ...अधिक पढ़ें

Mood Swings Diet: हमारी लाइफस्टाइल का हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ता है. इन दोनों में से अगर किसी का भी स्वास्थ्य खराब है तो आप समझ लीजिए कि आपको अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करने की बहुत जरूरत है. बड़े बुजर्गों से हमेशा सुना जाता है जैसा खाओगे वैसा सोचोगे. हमारी डाइट हमारे मन और दिमाग को सीधे प्रभावित करती है. इसलिए मेंटल हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है कि संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट ली जाए. एक बैलेंस डाइट से आप हेल्दी और खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं.

बहुत से लोगों को लगता है कि हम जो खाना खाते हैं उसका असर शरीर पर ही पड़ता है लेकिन, ऐसा नहीं है. कई ऐसे लोग होते हैं जो पीएमएसिंग यानी प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से परेशान होते हैं. यह एक ऐसी दिमागी समस्या है जिसमें मूड बार बार स्विंग होता है. इसके पीछे कई बड़े कारण हो सकते हैं लेकिन हमारे द्वारा शरीर को दिया गया भोजन भी इसका एक कारक हो सकता है. न्यूट्रिशनिस्ट नमामी अग्रवाल ने इस बारे में एक पोस्ट साझा किया है जिसमें उन्होंने बताया कि हमें किस तरह के फूड पीएमएसिंग से बचा सकते हैं और ये फूड शरीर में हैप्पी हार्मोन को रिलीज करते हैं….

पालक: पालक एक प्रकार की हरी सब्जी है. इसमें कई तरह के विटामिन, खनिज और मिनरल्स पाए जाते हैं. अगर आपके शरीर में खून की कमी है तो एक्सपर्ट पालक खाने की सलाह देते हैं क्योंकि इसमें आयरन की मात्रा भरपूर होती है. इसके साथ ही इसमें मैग्नीन्शियम की मात्रा भी उच्च होती है. पालक हमारे शरीर में एंटी डिप्रेसेंट का काम करती है.

फर्मेंटेड फूड्स: अगर आप बार बार मूड स्विंग होने की समस्या से परेशान हैं तो आपको फर्मेंटेड फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. फर्मेंटेड फूड्स में दही, कीवी, किमची या कांची जैसे खाद्य पदार्थ आते हैं. ये सभी फूड्स प्रोबायोटिक्स भी हैं और ये गाउट की समस्या में बहुत अधिक प्रभावी होते हैं. ये फूड आपके मूड को भी बेहतर बनाते हैं.

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प्रोटीन: किसी बीमारी या फिर कमजोरी आने पर हेल्थ एक्सपर्ट प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने की सलाह देते हैं. प्रोटीन में अमीनो एसिड एक प्रकार के न्यूरोट्रांसमीटर की तरह काम करता है और यह आपके मूड को स्टेबल रखता है.

एंटीऑक्सीडेंट: एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर के लिए बहुत अधिक उपयोगी होते हैं. अगर आपको शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा को बढ़ाना है तो शहतूत, ब्लूबेरी या फिर स्ट्रॉबेरी को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए.

मूड स्विंग के लक्षण

-बेचैनी बनी रहना

-नींद का कम हो जाना

-घबराहट रहना

-आत्मविश्वास में कमी आना

– अकेले रहने में असहज महसूस करना

-बार बार भ्रम पैदा होना

-अकेले रहना और उदास रहना

– थोड़ी सी मेहनत पर थक जाना

-चिड़चिड़ापन होना

Tags: Health, Health tips, Mental health

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