फंगल इंफेक्शन का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है.
Fungal Infection Disease In India: भारत में फंगल डिजीज (Fungal Disease) महामारी की तरह फैल चुकी हैं. करोड़ों की तादाद में लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. तमाम लोगों की इसकी वजह से मौत भी हो चुकी है. एक हालिया स्टडी में पता चला है कि भारत की करीब 4.4 प्रतिशत से ज्यादा आबादी फंगल डिजीज का शिकार हो चुकी है. इसकी वजह से बीमारियों का बोझ बढ़ता जा रहा है. कोविड के दौर में फंगल इंफेक्शन ने भी खूब कहर बरपाया और हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया. आज आपको बताएंगे कि इस स्टडी में कौन सी बातें सामने आई हैं. साथ ही फंगल डिजीज से बचने के तरीके भी जानेंगे.
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक एक हालिया स्टडी में पता चला है कि भारत में 5.7 करोड़ से ज्यादा लोग अलग-अलग फंगल डिजीज से जूझ रहे हैं. इनमें से 10 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनमें कोविड महामारी के दौरान फंगल डिजीज खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी हैं. हालांकि सबसे हैरानी की बात यह है कि डिजीज की सटीक वजह और विस्तार के बारे में पता नहीं चल सका है. इस स्टडी के शोधकर्ताओं ने 400 से ज्यादा रिसर्च आर्टिकल की समीक्षा के बाद यह आंकड़े बताए हैं. यह स्टडी जर्नल ओपन फोरम इनफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित हुई है. इसमें बताया गया है कि फंगल इंफेक्शन पब्लिक हेल्थ के लिए बड़ा खतरा बन गया है.
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यह स्टडी दिल्ली एम्स, पश्चिम बंगाल के कल्याणी एम्स, चंडीगढ़ के PIGMER और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के शोधकर्ताओं ने मिलकर की है. इसमें बताया गया है कि भारत की करीब 4.4 प्रतिशत आबादी फंगल डिजीज की चपेट में आ चुकी है.फेफड़ों और साइनस के फंगल इंफेक्शन ने 2.5 लाख लोगों को प्रभावित किया है, जबकि 17 लाख से ज्यादा लोग श्वसन प्रणाली से संबंधित इन्फेक्शन क्रॉनिक एस्पेरगिलोसिस की चपेट में आए हैं. इसके अलावा करीब 35 लाख लोग गंभीर एलर्जी वाली फेफड़ों की मोल्ड डिजीज से संक्रमित हुए. भारत में हर साल 30 लाख से ज्यादा टीबी के मरीज मिलते हैं, लेकिन यह तादाद 10 गुना ज्यादा है.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इंसानों की हेल्थ के लिए 19 कवक (Fungi) सबसे बड़ा खतरा हैं और ये गंभीर फंगल डिजीज की वजह बन सकते हैं. इनमें से कुछ इंफेक्शन दवाओं को बेअसर साबित कर सकते हैं और लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. फंगल इंफेक्शन से बचने का कोई सटीक तरीका नहीं है, लेकिन इन्फेक्शन से बचने के लिए सभी प्रिकॉशन के बारे में जानना चाहिए और उन्हें अपनी डेली लाइफ में अपनाना चाहिए. सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करनी चाहिए, खुद की हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए. इससे बचने के लिए समय समय पर अपना चेकअप कराते रहना चाहिए. किसी भी तरह का इंफेक्शन होने पर एक्सपर्ट से संपर्क कर इलाज करवाना चाहिए.
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