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एंग्जायटी को हल्के में न लें, यह पूरे शारीरिक स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती है, अपनाएं ये नेचुरल तरीके

एंग्जायटी हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालती है.

एंग्जायटी हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालती है.

How to Deal With Anxiety: लोग अपने शारीरिक परेशानियों पर तो बात कर लेतें है लेकिन जब मानसिक रूप से परेशान रहते हैं तो इ ...अधिक पढ़ें

How to Deal With Anxiety: एंग्जायटी एक ऐसी बीमाीर है जो मनुष्य के पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है. यह सीधे तौर पर मानसिक स्वास्थ्य को ट्रिगर करती है और अगर समय रहते इसका इलाज न तलाशा गया तो धीरे धीरे मरीज कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो सकता है. इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में वर्क लोड और दूसरी परेशानियों के चलते एंग्जायटी होना आम बात है लेकिन कई बार यह इतनी गंभीर हो जाती है कि यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने लगती है.

एंग्जायटी होने का असर आपके दैनिक जीवन पर भी पड़ता है. लोग अपने शारीरिक परेशानियों पर तो बात कर लेतें है लेकिन जब मानसिक रूप से परेशान रहते हैं तो इस हमेशा ही चुप्पी साध लेते हैं. मानसिक स्वास्थ्य पर आज भी कोई खुलकर बात नहीं कर पाता और यही कारण है धीरे धीरे यह एक बड़ी समस्या बन जाती है.

एंग्जायटी एक तरह का मानसिक परेशानी है जिसमें पीड़ित अपने पुराने अनुभव को लेकर परेशान और चिंतित रहता है. एंग्जायटी की स्थिति में आप किसी न किसी चीज से लगातार डरे सहमे रहते हैं और वे हर समय चिंतित रहते हैं. हेल्थलाइन की खबर के अनुसार कुछ ऐसे प्राकृतिक उपाय हैं जिनसे आप एंग्जायटी पर कंट्रोल पा सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि वे कौन से उपाय हैं….

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कैमोमाइल: शोध के मुताबिक कैमोमाइल का नियमित उपयोग करने से मध्यम से लेकर गंभीर एंग्जायटी वाले मामलों में राहत मिलती है, यह लक्षणों को कम करने में मददगार है. एंग्जायटी वाले लोग इस तरह से चिंता करते हैं कि यह चिंता उनके दैनिक कार्यों में भी अवरोध उत्पन्न करने लगती है. एक स्टडी के मुताबिक अगर लंबे समय तक प्रतिदिन कैमोमाइल का सेवन किया जाए तो इससे निजात मिल सकती है.

लैवेंडर: एंग्जायटी को लेकर हुए अब तक के शोध में यह सामने आया है कि लैवेंडर के सेवन या फिर उसे सूंघने से चिंता या फिर उसके लक्षणों में सुधार होता है. यहां ध्यान रखें कि अगर चाय में लैवेंडर का सेवन करते हैं तो सिर दर्द और कब्ज जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं.

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ओमेगा-3 फैटी एसिड: शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत जरूरी है. एक रिसर्च के मुताबिक ओमेगा-3 का रोजाना सेवन करने से मतिष्क की क्षमता में विकास होता है. यह हमारे मानिसक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है. मछली, अंडा, ब्लूबेरी, अखरोड, सोयाबीन ओमेगा-3 के प्रमुख स्रोत हैं. ओमेगा-3 हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं के निर्माण में अहम किरदार निभाता है. फैटी एसिड का चिंता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. 16 शोध से पता चलता है कि ओमेगा -3 पूरकता चिंता के लक्षणों को कम करने और रोकने में मदद कर सकती है.

बिटामिन बी: विटामिन बी 12 हमारे शरीर के एक अति आवश्यक तत्व है. इसकी कमी होने पर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. दशकों से यह माना गया है कि विटामिन बी 12 और एंग्जायटी के बीच एक गहरा संबंध है. हाल ही में हुए कुछ शोधों में यह बात सामने आई है कि एंग्जायटी से ग्रसित लोगों में विटामिन बी 12 की कमी पाई गई है. इसका सेवन एंग्जायटी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है. इसके अतिरिक्त यह हमारे इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है, हार्ट के लिए फायदेमंद है, आंखों की रोशनी को बढ़ाता है. एनीमिया के लक्षण में भी यह कारगर है.

Tags: Anxiety, Health, Lifestyle, Mental health

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