इंसुलिन बढ़ जाना भी नुकसानदेह हो सकता है. -(Image Canva)
How To Improve Insulin Sensitivity: इंसुलिन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है. इंसुलिन का निर्माण पैनक्रियाज में होता है और ये ब्लड से शुगर को अलग कर बॉडी सेल्स में ले जाने का काम करता है. जब सेल्स इंसुलिन रेसिस्टेंट हो जाती हैं, तब वे इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाती हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल हाई हो जाता है. हाई ब्लड शुगर होने पर पैनक्रियाज अधिक मात्रा में इंसुलिन बनाता है और ब्लड शुगर लेवल को कम करता है. एक समय बाद पैनक्रियाज में इंसुलिन को बनाने वाली सेल्स कमजोर पड़ने लगती हैं, जो टाइप 2 डायबिटीज में सामान्य है. लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर लेवल रहने से नर्वस और ऑर्गन्स डैमेज हो सकते हैं. प्रीडायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों में इंसुलिन रेसिसटैंस का खतरा सबसे ज्यादा होता है. ओवरवेट या ओबेसिटी वाले लोगों को भी इसका खतरा होता है. इसे इंप्रूव करने के लिए हेल्दी तरीके अपनाए जा सकते हैं.
लें पर्याप्त नींद
हेल्थलाइन के मुताबिक, एक अच्छी हेल्थ के लिए रात में अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है. पर्याप्त नींद न लेने से इनफेक्शन, हार्ट डिसीज और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है. खराब नींद से इंसुलिन सेंसटिविटी भी बढ़ सकती है. कम से कम 7 घंटे की अच्छी नींद लेने से इस इफेक्ट को रिवर्स करने में मदद मिल सकती है.
ज्यादा एक्सरसाइज करें
इंसुलिन सेंसटिविटी को बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है रेग्यूलर एक्सरसाइज. 60 मिनट की साइकलिंग करने से इंसुलिन सेंसटिविटी बढ़ती है जो 48 घंटे तक रहती है. एरोबिक और रेसिसटेंस ट्रेनिंग दोनों इंसुलिन सेंसटिविटी को बढ़ाते हैं. रूटीन में इन दोनों को शामिल करने से ये और भी ज्यादा प्रभावी हो सकता है.
स्ट्रेस को करें कम
स्ट्रेस से बॉडी की ब्लड शुगर को रेगुलेट करने की क्षमता प्रभावित होती है. स्ट्रेस से कोर्टीसोल और ग्लूकागोन नाम के स्ट्रेस हार्मोन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है. ये हार्मोंस ग्लायकोजेन को ग्लूकोज में तोड़ता है, जो एनर्जी के लिए बॉडी से ब्लडस्ट्रीम में एंटर करते हैं. ज्यादा स्ट्रेस से ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ता है. स्ट्रेस हार्मोंस बॉडी को अधिक इंसुलिन रेसिसटेंस बनाते हैं. मेडिटेशन, एक्सरसाइज और अच्छी नींद से स्ट्रेस को कम किया जा सकता है जिससे इंसुलिन सेंसटिविटी भी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
ज्यादा खाएं सॉल्युबल फाइबर
सॉल्युबल फाइबर में कई बेनिफिट्स होते हैं जैसे कोलेस्ट्रॉल को घटाता है और एपेटाइट को कम करता है. हाई सॉल्युबल फाइबर खाने से इंसुलिन सेंसटिविटी इनक्रीज होती है. ओटमील, फ्लेक्ससीड, ब्रूसेल्स स्प्राउट्स जैसी सब्जी और ओरेंज जैसे फ्रूट्स सॉल्युबल फाइबर रिच फूड हैं. सॉल्युबल फाइबर गट में फ्रेंडली बैक्टीरिया को भोजन उपलब्ध कराने में भी मदद करते हैं.
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कार्ब को करें कम
कार्ब एक ऐसा मुख्य भोजन है जो इंसुलिन ब्लड लेवल को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाता है. जब बॉडी कार्ब को शुगर में कन्वर्ट करती है और इसे ब्लड में रिलीज करती है, तब पैनक्रियाज शुगर को ब्लड से सेल्स में ले जाने के लिए इंसुलिन को रिलीज करता है. कार्ब इनटेक कम करने से इंसुलिन सेंसटिविटी इनक्रीज करने में मदद मिलेगी क्योंकि हाई कार्ब डाइट से ब्लड शुगर लेवल हाई होता है, जिससे पैनक्रियाज पर अधिक प्रेशर पड़ता है. लो-जीआई वाले कार्ब के लिए स्वीड पोटेटो, ब्राउन राइस, क्विनोआ और ओटमील का सेवन किया जा सकता है.
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Tags: Diabetes, Health, Lifestyle
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