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रिसर्च में सामने आई बात, एंटी-इंफ्लामेटरी डाइट से नहीं होगी भूलने की बीमारी, जानें क्या हैं ये

दिमाग में कोशिकाओं की शिथिलता के कारण डिमेंशिया की स्थिति आती है जिसे अल्जाइमर की बीमारी कहते है.Image: Canva

दिमाग में कोशिकाओं की शिथिलता के कारण डिमेंशिया की स्थिति आती है जिसे अल्जाइमर की बीमारी कहते है.Image: Canva

How to prevent memory loss: जीवन में याद न रहे तो जीवन का मतलब बेमानी लगने लगता है. इसलिए याददाश्त हमेशा बनी रहनी चाहिए ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

चाय, कॉफी और फल, सब्जियां में प्लांट कंपाउंड होता है जो डिमेंशिया के जोखिम को एक तिहाई तक कम कर देता है.
अध्ययन में एंटी-इंफ्लामेटरी डाइट से डिमेंशिया का जोखिम तीन गुना ज्यादा हो गया

How to reduce dementia risk: किसी भी इंसान के जीवन में याददाश्त सबसे बड़ी पूंजी होती है. अगर किसी को भूलने की बीमारी है तो इसका मतलब है कि उस व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता बहुत कमजोर हो चुकी है. भूलने की बीमारी को डिमेंशिया कहते हैं. पश्चिमी देशों में डिमेंशिया की बीमारी बहुत ज्यादा है. हालांकि अपने देश में डिमेंशिया के उतने मामले सामने नहीं आते लेकिन तेजी से भूलने की बीमारी लोगों में बढ़ रही है. दिमाग में कोशिकाओं की शिथिलता के कारण डिमेंशिया की स्थिति आती है जिसे अल्जाइमर की बीमारी कहते है. डिमेंशिया या अल्जाइमर आज भी वैज्ञानिकों के लिए पहेली बनी हुई है. हालांकि वैज्ञानिक इस बीमारी के कारणों का पता लगाने की कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन अब तक इसका कोई ठोस निदान नहीं निकला है. इस बीच कुछ अध्ययनों में डिमेंशिया से बचने के उपाय बताए जाते हैं. अब एक अध्ययन में दावा किया गया कि यदि जीवन की शुरुआत से ही डाइट में कुछ चीजों को जोड़ लिया जाए तो डिमेंशियां का जोखिम बहुत कम हो जाता है.

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एंटी-इंफ्लामेटरी डाइट, सब्जी, चाय और कॉफी से डिमेंशिया का जोखिम कम
डेली मेल की खबर के मुताबिक एक अध्ययन में दावा किया गया है कि अगर भोजन में एंटी-इंफ्लामेटरी डाइट, सब्जी, चाय और कॉफी को शामिल कर लिया जाए तो डिमेंशिया को जोखिम को बहुत हद तक कम किया जा सकता है. अध्ययन में पाया गया कि एक कप चाय, सुबह की कॉफी और फल, सब्जियां तथा दाल और छोलों में प्लांट कंपाउंड होता है जो डिमेंशिया के जोखिम को एक तिहाई तक कम कर देता है. ये फूड शरीर में उम्र से संबंधित इंफ्लामेशन को कम करने में मददगार है जिससे डिमेंशिया का रिस्क बहुत कम हो जाता है. इस अध्ययन में 1000 से ज्यादा बुजुर्ग लोगों को शामिल किया गया था और उन्हें एंटी-इंफ्लामेटरी फ्रूट दिया गया था. इसके बाद तीन सालों तक इनकी हेल्थ पर नजर रखी गई. इनमें से कुछ लोगों को डाइट में हर सप्ताह 20 बार फल के टुकड़े, 19 बार सब्जियां, चार बार फलीदार सब्जियां और 11 कप चाय या कॉफी दी गई. तीन साल के बाद जब इसका विश्लेषण किया गया तो अधिकांश लोगों की याददाश्त और बौद्धिक क्षमता पहले से बेहतर हो गई.

हेल्दी डाइट से हेल्दी लाइफ
अध्ययन में देखा गया कि जिन लोगों को एंटी इंफ्लामेटरी डाइट बहुत कम मात्रा में दी गई, उनमें प्रोपर एंटी-इंफ्लामेटरी डाइट वालों की तुलना में डिमेंशिया का जोखिम तीन गुना ज्यादा हो गया. यूनिवर्सिटी ऑफ एथेंस के प्रोफेसर और अध्ययन के लेखक डॉ निकोलस स्कारमेस ने बताया कि यह अध्ययन इस बात की ओर इशारा करता है कि लोग हेल्दी डाइट का सेवन कर अपने ब्रेन की रक्षा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि लोग अपनी डाइट में इस लिहाज से बदलाव कर सकते हैं कि उन्हें इंफ्लामेटरी डाइट यानी हाई कैलोरी वाली डाइट नहीं लेनी है. इसके बजाय वे हेल्दी डाइट जैसे कि सीजनल फ्रूट, हरी सब्जियां, दाल, फलीदार सब्जियां, बेरीज आदि का सेवन कर सकते हैं. इन फूड से न सिर्फ ब्रेन की हेल्थ सही रहती है बल्कि शरीर को सभी तरह के पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं जिससे शरीर हेल्दी रहता है. यानी हेल्दी फूड से हेल्दी लाइफ बनाई जा सकती है.

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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