बड़े बच्चे में ऐसे लक्षण आना सामान्य है,image-canva
What is Oldest Child Syndrome – बर्थ ऑर्डर केवल ये बताता है कि उस व्यक्ति का जन्म भाई-बहनों में किस क्रम में हुआ है. यानी की वह बड़ा है, बीच का है या फिर घर में सबसे छोटा है. लेकिन कई बार बच्चे खासकर बड़े बच्चे भाई-बहनों पर हुकुम चलाते या उनसे नफरत करते पाए जाते हैं. इन लक्षणों को ओल्डेस्ट चाइल्ड सिंड्रोम कहा जाता है, जो अक्सर घर के बड़े बच्चे में देखा जा सकता है. अल्फ्रेड एडलर की बर्थ ऑर्डर थ्योरी के अनुसार, एक व्यक्ति के बर्थ ऑर्डर का प्रभाव उसके व्यक्तित्व पर दिखाई देता है. कई बार पेरेंट्स इस बात पर गौर नहीं करते लेकिन दूसरे बच्चे के आने के बाद बड़े बच्चे के व्यवहार और डिमांड में अक्सर बदलाव आ जाता है. कई बच्चे काफी आक्रमक भी हो जाते हैं. चलिए जानते हैं आखिर ये सिंड्रोम क्यों होता है और इसके क्या लक्षण हैं.
क्या है ओल्डेस्ट चाइल्ड सिंड्रोम
क्या आपने कभी नोटिस किया है कि घर का बड़ा बच्चा छोटे भाई-बहनों के साथ कॉम्पिटीशन कर रहा है या जिद्द मनवाने के लिए टैंट्रम कर रहा है. मॉम जंक्शन डॉट कॉम के अनुसार यदि बच्चा ऐसा व्यवहार बार-बार करता है तो ये ओल्डेस्ट चाइल्ड सिंड्रोम के लक्षण के संकेत हो सकते हैं.
ये स्थिति अक्सर तब होती है जब घर में कोई सिबलिंग आ जाता है और लाइफ में परिवर्तन आने शुरू हो जाते हैं. पेरेंट्स का ध्यान बड़े से हटकर छोटे बच्चे पर अधिक होता है. कई बार ये स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है और बच्चों में विकार संबंधी रुकावट बनने लगती है. सामान्यतौर पर इस सिंड्रोम का मुख्य कारण ईर्ष्या हो सकता है.
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ओल्डेस्ट चाइल्ड सिंड्रोम के लक्षण
जब घर का बड़ा बच्चा प्यार और अपनेपन का अभाव अनुभव करता है तो उसके व्यवहार में ऐसे लक्षण शामिल हो सकते हैं.
– नेतृत्व करना या भाई-बहन पर हावी होना
– हमेशा परफेक्ट बनने की चाह
– माता-पिता की अपेक्षाओं का दबाव
– खुद के बारे में सोचना
– अनहेल्दी कॉम्पटेटिव एटीट्यूट
– ऑब्सेसिव पर्सनेलिटी
– पेरेंट्स का दूसरे बच्चे को इनकरेज करना
– पेरेंट्स द्वारा अधिक कंट्रोल करना
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कैसे करें इन्हें डील
– पेरेंट्स बड़े बच्चे से अधिक एक्सपेक्टेशन न करें. उसे उम्र के अनुसार बड़ा होने दें.
– दोनों बच्चों को समान जिम्मेदारियां दें ताकि उसके मन में कोई शंका न आए.
– पेरेंट्स कुछ वक्त बड़े बच्चे के साथ अकेले गुजारें.
– बच्चों को विशेष अधिकार प्रदान करें.
– सभी बच्चों को बराबर का प्यार और सम्मान दें.
– बड़े बच्चे की बात को इग्नोर न करें.
घर में दूसरा बच्चा आने के बाद बड़े बच्चे के व्यवहार में परिवर्तन आना सामान्य है लेकिन ऐसी स्थिति में पेरेंट्स को धैर्य के साथ बच्चे को संभालना होगा. इसके लिए पेरेंट्स चिकित्सक से भी परामर्श ले सकते हैं.
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