कम सोने का सबसे ज्यादा असर आंखों पर ही पड़ता है.
Lack of Sleep Health Effects: अच्छी हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में नींद ली जाए. हेल्थ एक्सपर्ट भी सभी लोगों को कम से कम 7 से 8 घंटे सोने की सलाह देते हैं. नींद न पूरी होने का हमारे शरीर में गहरा असर पड़ता है और यह हमारे स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है. नींद न पूरी होने से आंखों के नीचे डार्क घेरे, सूजन और थकान जैसी समस्याएं दिखाई देती हैं. इसके साथ ही नींद न पूरी होने से पूरे दिन सुस्ती बनी रहती है जिससे हमारे घर और ऑफिस के काम पर भी असर पड़ता है.
ओनली माय हेल्थ की खबर के अनुसार नींद न पूरी होने से सिर्फ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि हमारी आंखों पर भी असर पड़ता है. एक्सपर्ट की मानें तो नींद न पूरी होने की वजह से हमारी रोशनी भी कम होने लगती है. इसलिए आई साइट को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लेना बेहद आवश्यक है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार, नींद के घंटों के दौरान हमारी आंखें ठीक हो जाती हैं। यही कारण है कि जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आंखें लाल, सूजी हुई, सूखी, और खुजली के साथ जलन होने लगती है.
आंसू निकलना है बहुत जरूरी
अच्छी हेल्दी आंखों के लिए आंसू निकलना एक जरूरी प्रक्रिया है. आंसू आंख को हाइड्रेट रखने का काम करते हैं. आंसुओं के कम होने से आंखों में सूजन आने लगती है और इससे संक्रमण होने का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है. इसके अतिरिक्त आंसू न निकलने से आंखें धुंधली होने लगती हैं और प्रकाश के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं. जर्नल स्पील में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार पेशेवर ड्राइवरों में दृष्टि संबंधी शिकायतों के मामले अधिक सामने आते हैं क्योंकि वे कई घंटों तक जागते हैं जिससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती. पर्याप्त नींद न लेने की वजह से वे ड्राइव करते समय कई गंभीर गलतियां भी करते हैं.
स्मार्ट डिवाइसेज से पहुंच रहा नुकसान
आंख हमारे शरीर का सबसे अभिन्न अंग है इसलिए इसकी सेहत के लिए स्लीप हाईजीन बेहद जरूरी है. आंखों की हेल्थ और सुरक्षा के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरूरी है. इससे हम आंखों को कई तरह की बीमारियों से दूर रख सकते हैं. आंखों को नुकसान पहुंचाने वाली आदतों में एक है सोने से पहले स्मार्टफोन और स्मार्ट डिवाइस का उपयोग करना. इन डिवाइसेस से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों को उत्तेजित करती हैं जिससे नींद आने में दिक्कत होती है.
एक्सपर्ट की मानें तो सोने से करीब 30 मिनट से 2 घंटे पहले तक किसी भी तरह के ब्लू रेज वाली उपकरण वाले डिवाइस का प्रयोग नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपकी आंखें तनाव से दूर रहेंगी जिससे रेस्ट मोड में जानें के लिए वे तैयार रहेंगी.
नींद लाने के लिए अपनाएं ये तरीके
कॉन्टेक्ट लेंस हटा दें: यदि आप आंखों में कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं तो बहुत जरूरी है कि सोने से पहले उन्हें हटा दें. क्योंकि एसा न करने से कॉन्टेक्ट लेंस आंखों में संक्रमण की वजह बन सकते हैं.
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सोने से पहले व्यायाम करें: यदि आप शारीरिक रूप से एक्टिव रहते हैं तो इससे नींद जल्दी आने में ममद मिलती है. यदि आप आंखों से संबंधित व्यायाम करते हैं तो इससे भी आपको जल्दी नींद आ सकती है.
अपना स्लीप शेड्यूल सेट करें: हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए एक टाइम टेबल होना बहुत जरूरी है. जैसे हम स्कूलों में टाइम टेबल तैयार करते थे वैसे ही हमें एक शेड्यूल तैयार करना चाहिए और इसमें सोने का टाइम भी होना चाहिए. अगर आप एक बार अनुशासित हो जाएंगे तो इससे आपकी आंखें स्वस्थ्य रहेंगी.
रात के समय रोशनी कम रखें: कई लोग लाइट जलाकर सोते हैं यदि आप भी उन लोगों में से हैं तो इससे आपकी आंखों को भारी नुकसान पहुंचता है. रात में सोते समय एक वार्म लाइट का प्रयोग करें जो आपकी आंखों को उत्तेजित न करे.
स्लीपिंग मास्क का करें प्रयोग: शरीर के सभी अंगों में से आंख ही एक ऐसा अंग है जो दिनभर सबसे ज्यादा काम करती हैं. इसलिए उन्हें ही सबसे ज्यादा आराम की जरूरत होती है. रात में नींद लेते समय आप स्लीपिंग मास्क का प्रयोग करें. स्लीपिंग मास्क आपको रोशनी से भी बचाएंगा और आंखें बंद होने से नींद भी जल्दी आएगी.
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