Sehat Ki Baat. क्या पुरुषों को स्तन कैंसर हो सकता ? इस सवाल का जवाब है- हां. पुरुषों में स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों ने इस मिथक को तोड़ रहे हैं कि यह बीमारी केवल महिलाओं तक ही सीमित है. हालांकि,यह बात दीगर है कि पुरुषों में स्तन कैंसर के बढ़ने की गुंजाइश बेहद कम होती है. पूरी दुनिया की बात करे तो सभी तरह के कैंसर में पुरुष स्तन कैंसर के मामले करीब एक फीसदी से भी कम हैं.
हाल में ही, पुरूष स्तन कैंसर का एक मामला दिल्ली के पटपड़गंज मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सामने आया है. हॉस्पिटल के अनुसार, पुरानी दिल्ली में रहने वाल 70 वर्षीय बुजुर्ग, स्नत में गांठ की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने चिकित्कसों को बताया कि दो साल पहले उन्हें अपने स्तन में गांठ का अहसास हुआ, लेकिन उन्होंने इस गांठ को सामान्य मानकर नजर अंदाज कर दिया.
कुछ महीने पहले, अचानक इस गांठ में तेजी से बढ़ोत्तरी होने लगी. इस असामान्य बढ़ोत्तरी ने बुजुर्ग को चिंता में डाल दिया. चूंकि, उस समय कोविड लॉकडाउन चल रहा था, लिहाजा बुजुर्ग इलाज के लिए हॉस्पिटल नही पहुंच सके. लॉकडाउन खुलने तक बुजुर्ग की परेशानी और बढ़ गई और वे इलाज के लिए पटपड़गंज मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पहुंच गए.
हॉस्पिटल में हिस्टोपैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जांच के बाद दाहिने स्तन में ग्रेड III का कैंसर कंफर्म हो गया. इस कैंसर की पहचान इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा के रूप में हुई. स्तन कैंसर की पुष्टि होने केबादबु जुर्ग का इलाज शुरू हुआ. स्तन कैंसर से पीडि़त बुजुर्ग की स्थिति अब पहले से बेहतर बताई जा रही है.
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटपड़गंज के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. मीनू वालिया ने अनुसार, सितंबर 2021 में बुजुर्ग मरीज को रेडिकल मास्टेक्टॉमी ट्रीटमेंट दिया गया. वर्तमान मेंकी मोथेरेपी से प्रक्रिया जारी है. उपचार के बाद, उसमें तेजी से सुधार हो रहा है और समय पर वे अपने सभी काम कर रहे हैं.
डॉ. मीनू वालिया से बाचतीच का पॉडकास्ट सुनने के लिए क्लिक करें : … आखिर क्यों बढ़ने लगे पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले?
जागरूकता में कमी के चलते बढ़ रहे मामले
डॉ. मीनू वालिया के अनुसार, पुरुषों में भले ही स्तन कैंसर के मामल दुर्लभ है, लेकिन यह एक आक्रामक कैंसर है. अमेरिकन कैंसर सोसायटी का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 833 पुरुषों में से 1 पुरुष को जी वन में कभी भी स्तन कैंसर होने का खतरा बना रहता है. यदि प्रारंभिक अवस्था में इसका पता चल जाता है तो उसका इलाज एकबारगी संभव है.
डॉ. मीनू वालिया के अनुसार, महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों में स्तन कैंसर को लेकर जागरूकता बेहद कम है. महिलाएं अपने स्तन में किसी तरह का परिवर्तन देखकर सतर्क हो जाती है, लेकिन पुरुषों के साथ ऐसा नहीं है. जागरूकता में कमी के चलते पुरूषों में स्तन कैंसर के मामले बहुत देर से पता चलते हैं और उसका इलाज समय के साथ मुश्किल होता चला जाता है.
बुजुर्गों में अधिक है स्नन कैंसर का खतरा
डॉ. मीनू वालिया के अनुसार, वैसे तो पुरुष स्तन कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, पर इसकी संभावना पुरुषों में अधिक होती है. यदि प्रारंभिक अवस्था में इसका पता लगा लग जाए तो किसी भी अन्य कैंसर की तरह पुरुष स्तन कैंसर का उपचार भी सफलतापूर्वक किया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर वाले लगभग 40 फीसदी पुरुषों में इसका पता तीसरे या चौथे चरण में चलता है. महिलाओं की अपेक्षा पुरषों में यह कैंसर तेजी से फैलता है, लिहाजा जब तक इसका पता चलता हैतब तक वह शरीर के दूसरे अंगों तक पहुंच चुका होता है. वहीं, महिलाओं की तुलना में पुरुषों के लिए समग्र जीवित रहने की दर कम हो जाती है.
पुरुष स्तन कैंसर के लक्षण
इन वजहों से बढ़ता है पुरुष स्तन कैंसर का जोखिम
मेल ब्रेस्ट कैंसर से जुडे़ तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए सुनिए News 18 हिंदी का हेल्थ पॉडकास्ट … आखिर क्यों बढ़ने लगे पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले?
यह भी पढ़ें:
खाना खाने के बाद वॉक डाइजेशन और डायबिटीज दोनों के लिए जरूरी – रिसर्च
डाइट में बदलाव कर घातक प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है- रिसर्च
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Cancer, Health, Health tips, Sehat ki baat