chin plaster developed for snoring patient: अगर आपको खर्राटे लेने की आदत है, तो यह खबर आपके काम की है. डेली मेल की खबर के मुताबिक वैज्ञानिकों ने एक ऐसा प्लास्टर तैयार किया है जिसे खर्राटा लेने वाले लोग अगर अपनी ठुड्डी (Chin) पर स्टीकर की तरह लगा लें, तो यह प्लास्टर किसी अनहोनी की आशंका को बहुत कम कर देगा. स्लीप एपनिया के करीब एक हजार मरीजों पर इस प्लास्टर का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है. दरअसल, जो लोग खर्राटा लेते हैं, उनमें स्लीप एपनिया (sleep apnoea ) का जोखिम ज्यादा रहता है. स्लीप एपनिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें सोते समय अचानक सांस रुक जाती है और फिर अचानक शुरू हो जाती है. इस दौरान शरीर को पूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाता. सांस टूटने से आंखें खुलती है और उठते ही तेजी से हंफनी शुरू हो जाती है. अगर उसे लंबे समय तक इलाज के बिना छोड़ दिया जाए, तो ये बहुत खतरनाक हो सकता है. ऐसे में खर्राटा लेने वाले लोगों के लिए यह स्टीकर बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है.
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कैसे काम करता है प्लास्टर
इस चिन प्लास्टर को बेल्जियम के टेक फर्म सनराइज (Sunrise) ने बनाया है. इसकी कीमत 50 पौंड है. यह प्लास्टर डिस्पोजेबल है और एक पैकेट में 8 डिवाइस होते हैं. स्लीप एपनिया में जब दिमाग में उपर की ओर जाने वाले वायु मार्ग की मांशेशियों में संकुचन होता है तब दिमाग में एयर का सर्कुलेशन होता है. इस संकुचन के कारण जबड़े में भी हल्की-हल्की हरकतें होने लगती हैं. यह प्लास्टर इसी हरकतों को भांप लेता है. जब एयर दिमाग की ओर जाना बंद होने लगता है, तब प्लास्टर में लगे सेंसर इसकी सूचना दे देता है. इस सूचना के आधार पर डॉक्टर नई रणनीति बनाता है.
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