हमारे खानपान के प्रोटीन का हिस्सा एलर्जी का कारण बनता है, जो कि इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देता है. (प्रतीकात्मक फोटो-pexels.com)
Food Allergies : त्योहारों के सीजन में मिलने-मिलाने के दौर के बीच खाने खिलाने का सिलसिला भी चल पड़ता है, कभी हम स्वाद के लिए खाते हैं, तो कभी सेहत के लिए. खाने-खिलाने के दौर के बीच कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जिन्हें हर चीज सोच समझकर खानी पड़ती है. क्योंकि उन्हें फूड एलर्जी (Food Allergies) होती है. हिंदुस्तान अखबार में छपी न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक हमारी आबादी का एक बड़ा तबका फूड एलर्जी का शिकार है. ऐसे में हमारे लिए जरूरी हो जाता है कि अगर हमारी जानकारी में भी कोई ऐसा शख्स है, जिसे फूड एलर्जी है तो हमें उस खाद्य पदार्थ और उसके बाद होने वाली एलर्जी के बारे में संपूर्ण जानकारी हो. ताकि बार-बार ये समस्या ना हो सके.
सीएसजेएम (CSJM) यूनिवर्सिटी यानी छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज (Institute of Health Sciences) की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ भारती दीक्षित (Dr. Bharti Dixit) बताती हैं कि एलर्जी हमारे भोजन या विषाक्त पदार्थों (toxins) के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी (Immunity) की प्रतिक्रिया है.
क्या होती है फूड एलर्जी
डॉ भारती के अनुसार, हमारे खानपान के प्रोटीन का हिस्सा एलर्जी का कारण बनता है, जो कि इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देता है. जब हमारा इम्यून सिस्टम किसी फूड आइटम को अपना दुश्मन मान बैठता है, यानी उसे रोग जनक (pathogenic) समझता है, तो वो प्रतिरक्षा (Immunity) के तौर पर एलर्जी पैदा करती है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम एंटीबॉडी का उत्पादन करती है. उसके सेल्स हिस्टामाइन (histamine) का उत्पादन करते हैं.
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डॉ भारती की मानें तो एलर्जी दो तरह की होती है. पहली आईजीई (IgE) और दूसरी नॉनआईजीई (non-IgE) . हमारा इम्यून सिस्टम आईजीई की एंटीबॉडी को बनाता है, जो कि एलर्जी से लड़ती है. वहीं नॉनआईजीई से लड़ने में हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम सक्षम नहीं होता. इसलिए इस तरह की एलर्जी ज्यादा घातक होती है.
ऐसे समझें लक्षण
उल्टी, सांस लेने में तकलीफ, पेट में दर्द, दस्त, खुजली होना या लो बीपी होना किसी खाने से एलर्जी के संकेत हो सकते हैं. एलर्जी का असर आपके शरीर पर कुछ मिनटों तक भी रह सकता है और घंटों तक भी. अगर इसके लक्षण गंभीर हों, तो इसे एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) कहा जाता है.
मूंगफली और मछली से एलर्जी
कुछ लोगों को मूंगफली से एलर्जी होती है, ये एलर्जी जितनी आम है, उतनी ही घातक भी. इस एलर्जी से बचने के लिए मूंगफली और उससे बनने वाली चीजों का सेवन बंद कर देना चाहिए. ऐसा ही कुछ मछली के साथ भी है, कुछ लोगों को मछली खाने के बाद उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं होने लगती हैं. ऐसे में मछली का सेवन ना करने की सलाह दी जाती है.
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गेंहू भी कर सकता है नुकसान
गेंहू में पाए जाने वाले प्रोटीन ग्लूटेन (gluten) की वजह से कुछ लोगों को गेंहू से एलर्जी हो सकती है. इसे सीलिएक रोग (celiac disease) भी कहा जाता है. डॉ भारती बताती हैं कि आप विकल्प के तौर पर मल्टीग्रेन आटा भी खा सकते हैं. इसे 15-15 दिन में बदलकर प्रयोग करें. जैसे पहले 15 दिन, चने का आटा, ओट्स का आटा, रागी का आटा और मक्का मिलाकर प्रयोग करें, बाकि 15 दिन अलसी, बाजरा , रागी और ओट्स मिलाकर तैयार की गई रोटियां खाएं.
सोया प्रोडक्ट्स से एलर्जी
डॉ भारती बताती हैं कि सोया प्रोडक्ट्स (Soya Products) काफी हेवी होते हैं, इन्हें डाइजेस्ट करने में टाइम लगता है. इसके साथ ही इस बात भी ध्यान रखना होगा कि सोया किन-किन खाद्य पदार्थों में यूज होता है. तो अगर आपको सोया से एलर्जी है तो ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.
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नट्स भी ठीक नहीं
अगर आपको सूखे मेवों से एलर्जी है तो यह चिंता का विषय है. इस एलर्जी का रिएक्शन जानलेवा तक हो सकता है. ध्यान रखना होगा कि ट्री-नट एलर्जी (Tree Nut Allergies) वाले लोगों को इन नट्स से बने फूड प्रोडक्ट्स से भी एलर्जी होगी, जैसे- नट बटर और नट ऑयल आदि.
आम बात है दूध से एलर्जी
दूध से एलर्जी की जब बात आती है, तो इस लिस्ट में सबसे पहला नाम गाय के दूध का आता है. दूध में आईजीई (IgE) और नॉनआईजीई (non-IgE) दोनों तरह की खाद्य एलर्जी हो सकती है. लेकिन इसमें आईजीई एलर्जी सबसे आम है. इससे बचने का उपाय ये है कि आप गाय के दूध और उससे बनी चीजों का इस्तेमाल बंद कर दें. आईजीई एलर्जी वाले लोगों में गाय का दूध पीने के 5 से 30 मिनट के अंदर ही रिएक्शन हो जाता है. उन्हें सूजन, चकत्ते, उल्टी या डायरिया जैसी शिकायत होती है.
अंडे समझकर खाएं
अंडा (Egg) बच्चों में फूड एलर्जी का दूसरा बेहद अहम कारण है. अंडे के सफेद भाग में मौजूद प्रोटीन (Protein) एलर्जी रिएक्शन को बढ़ाता है. इससे होने वाली एलर्जी के कारण आपको सांस संबंधी समस्या हो सकती है. स्किन की समस्या हो सकती है. या फिर पेट का दर्द परेशान कर सकता है. अगर आपको एलर्जी है, तो आप अंडे का पीला हिस्सा खा सकते हैं, लेकिन सफेद नहीं.
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