Lung cancer in non-smoker: स्मोकिंग बहुत ही बुरी लत है. स्मोकिंग कई बीमारियों को जन्म देती है जिससे कई जिंदगियां बर्बाद हो जाती हैं. इसे जानने के बाद भी लोग स्मोकिंग को छोड़ना नहीं चाहते हैं या फिर कुछ दिन के बाद फिर से इस लत को अपना लेते है. यह बात साबित हो चुकी है कि स्मोकिंग करने से कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी हो जाती है, जो समय के साथ जानलेवा भी साबित होती हैं. स्मोकिंग से सबसे ज्यादा लंग कैंसर होता है. हालांकि कई रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि स्मोकिंग न करने वाले लोगों में भी लंग कैंसर हो सकता है. अब तक इसके कारणों का पता नहीं चला है.
द ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक अब अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज (The National Institutes of Health -NIH) ने एक रिसर्च के आधार पर दावा किया है कि स्मोकिंग करने वाले लोगों में कैंसर का जो रूप होता है, वह नॉन-स्मोकर में नहीं होता है. स्मोकिंग नहीं करने वाले लोगों में अगर लंग कैसर होता है तो इसके लिए जीन म्यूटेशन जिम्मेदार होता है. इस अध्ययन को नेचर जेनेटिक्स (Nature Genetics) में प्रकाशित किया गया है.
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भविष्य में अलग से इलाज का रास्ता खुलेगा
शोध का नेतृत्व कर रहीं एनसीआई में कैंसर महामारी विज्ञान और आनुवंशिकी विभाग की विशेषज्ञ मारिया टेरेसा लैंडी ने कहा, हम जो देख रहे हैं वह यह है कि स्मोकिंग न करने वालों में लंग कैंसर अलग तरह के हैं या इसके अलग प्रकार हैं. लैंडी ने कहा, चूंकि हमें अब यह पता चल गया कि स्मोकिंग नहीं करने वाले लोगों में अलग तरह का लंग कैंसर होता है, इसलिए भविष्य में हम इनके लिए अलग तरह के इलाज की खोज कर सकते हैं. हर साल दुनिया भर में 20 लाख से अधिक लोगों को लंग कैंसर से जूझना पड़ता है. ज्यादातर लंग कैंसर के मामलों में पर्यावरण को दोष दिया जाता है लेकिन वैज्ञानिक अब भी यह नहीं जानते कि इसकी असली वजह क्या है.
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