International Adolescent Health Week 2022: प्रत्येक वर्ष 20 से लेकर 26 मार्च तक ‘इंटरनेशनल एडोलेसेंट हेल्थ वीक 2022’ (international adolescent health week 2022) सेलिब्रेट किया जाता है. ‘अंतरराष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य सप्ताह’ पर कई तरह के ईवेंट्स आयोजित किए जाते हैं. इस पूरे सप्ताह हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स, नीति निर्माताओं, एडमिनिस्ट्रेटर्स यहां तक कि किशोरों और उनके समुदायों को इस बात के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाता है कि वे सभी कुछ ऐसे महत्वपूर्ण स्वस्थ उपायों, तरीकों को अपनाएं ताकि एक किशोर वयस्कता (adolescent) में स्वस्थ तरीके से पहुंच सके. इस बार भारतीय बाल रोग किशोर स्वास्थ्य अकादमी ‘इंटरनेशनल एडोलेसेंट हेल्थ वीक’ के राष्ट्रीय समारोह को कोऑर्डिनट कर रही है.
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‘इंटरनेशनल एडोलेसेंट हेल्थ वीक 2022’ की थीम
न्यूजऑनएयर में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक वर्ष इस हेल्थ वीक को एक खास थीम के तहत सेलिब्रेट किया जाता है. इस वर्ष की थीम ट्रांजिशन (Tansitions) है. इस थीम का मुख्य उद्देश्य है- किशोरों से संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों की अधिक से अधिक पहचान करना और स्वयं के स्वास्थ्य निर्णयों में किशोरों की भागीदारी को बढ़ावा देना. ट्रांजिशन यानी विकास से संबंधित एक प्राकृतिक प्रक्रिया. किशोरावस्था के दौरान ही सबसे ज्यादा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में परिवर्तन होते हैं, ऐसे में किशोरावस्था से वयस्कता (adulthood) में पहुंचने के दौरान किशोरों के स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है.
किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक बदलाव
किशोरावस्था में आने पर कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं, जैसे वजन बढ़ता है. लंबाई बढ़ती है, सोचने-समझने के तरीके में बदलाव, यौवनारंभ (puberty), पेरेंट्स पर निर्भर रहने में कमी आना आदि. वे अपने छोटे-बड़े काम खुद से करने लगते हैं. आत्मनिर्भर और आजाद रहना पसंद करता है. ऐसे में एक किशोर बच्चे को घर, स्कूल आदि में सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने की जरूरत होती है.
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किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन
बचपन से आगे बढ़कर एक बच्चा किशोरावस्था में पहुंचता है. इस दौरान कई तरह के परिवर्तन होते हैं, जैसे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक आदि. किशोरों के व्यवहार, हार्मोनल, सोच-विचार आदि में बदलाव होने लगते हैं. ऐसे में जब एक किशोर वयस्कता की तरफ बढ़ता है, तो इस दौरान उनकी सेहत का हर तरह से खास ख्याल रखना चाहिए, ताकि उनका मानसिक और शारीरिक परिवर्तन सही से हो सके.
यूं रखें अपने किशोर बच्चों की सेहत का ख्याल
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