मंकी पॉक्स भी एक दुर्लभ बीमारी है जो स्मॉल पॉक्स (Smallpox) या छोटीमाता की तरह ही होती है. (Image: Shutterstock)
Monkeypox symptoms and prevention: आपने चिकन पॉक्स (Chickenpox), स्मॉल पॉक्स (Smallpox) के बारे में तो सुना ही होगा लेकिन क्या कभी आपने मंकीपॉक्स (monkeypox ) के बारे में भी सुना है. जी हां, मंकी पॉक्स भी एक दुर्लभ बीमारी है जो स्मॉल पॉक्स (Smallpox) या छोटीमाता की तरह ही होती है. इसमें भी फ्लू जैसे लक्षण दिखने लगते हैं. बीमारी गंभीर हो जाने पर निमोनिया (Pneumonia) के बाद जानलेवा सेप्सिस के लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं. यह एक गंभीर बीमारी है जो हाल के दिनों में अमेरिका में एक-दो लोगों में देखने को मिला है.
अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज एंड प्रिवेंशन (सीडीएस) ने हाल ही में घोषणा की है कि मैरीलैंड शहर में एक व्यक्ति में मंकी पॉक्स बीमारी की पुष्टि हुई है. यह व्यक्ति नाइजीरिया से लौटा था. इससे पहले भी एक शख्स की पहचान की गई थी जिसमें मंकी पॉक्स की पुष्टि हुई थी. 1958 के आस-पास यह बीमारी पहली बार नाइजीरिया में पाई गई थी. हाल के सालों में इस बीमारी के मरीज नहीं देखे गए थे लेकिन पिछले एक-दो सालों से मंकीपॉक्स नाइजीरिया में फिर से दस्तक देने लगी है.
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मंकीपॉक्स (monkeypox) के लक्षण क्या हैं
हेल्थलाइन की खबर में सीडीएस के हवाले से बताया गया है कि मंकी पॉक्स एक रेयर डिजीज है जिसकी शुरुआत फ्लू जैसे लक्षणों से होती है. यानी शुरुआत में इस बीमारी में सर्दी, जुकाम ही होती है. इसके बाद लिंफ नोड्स में (lymph nodes) में सूजन आने लगती है फिर चेहरे और बॉडी पर दाने-दाने की तरह लाल रेशेज आने लगते हैं. लिनोक्स हिल हॉस्पीटल न्यूयॉर्क (Lenox Hill Hospital in New York) के डॉक्टर रॉबर्ट ग्लैटर ने बताया कि मंकीपॉक्स के लिए उसी कुल का वायरस जिम्मेदार है जिस कुल का वायरस स्मॉलपॉक्स के लिए जिम्मेदार है.
कैसे फैलती है यह बीमारी
यह कोरोना वायरस की तरह ही एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे संक्रमित व्यक्ति में जा सकती है. इसके अलावा बॉडी को टच करने वाली किसी भी तरह की वस्तु से यह बीमारी दूसरों में संक्रमित हो सकती है. इतना ही नहीं अगर संक्रमित व्यक्ति का कपड़ा कोई दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल करता है, तो उसे भी यह बीमारी लग सकती है.
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हालांकि मंकी पॉक्स का कोई इलाज नहीं है. इसमें व्यक्ति को निमोनिया जैसी जटिलताओं का जोखिम रहता है. संक्रमित व्यक्ति को सेप्सिस भी हो सकता है और कॉर्निया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त भी हो सकती है. इसमें व्यक्ति अंधा भी हो सकता है. आमतौर पर शरीर इसे ठीक कर देता है लेकिन कुछ मामलों में बीमारी काबू से बाहर हो जाती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि स्मॉल पॉक्स की वैक्सीन से इस बीमारी से बचा जा सकता है.
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