कोरोना वायरस (Coronavirus) का ज्यादा खतरा उन लोगों को भी है जो हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) से पीड़ित हैं. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में कोविड-19 से मरने का खतरा अन्य मरीजों से दोगुना है. यह दावा चीन में हुए एक अध्ययन (Study) में किया गया है. इसके अलावा यूरोपियन हार्ट जर्नल (European Heart Journal) में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि हाई ब्लड प्रेशर वाले उन मरीजों में कोविड-19 (Covid-19) से मरने का अधिक खतरा है, जो इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए किसी तरह का इलाज नहीं करवा रहे हैं.
चीन (China) के शोधकर्ताओं के मुताबिक यह महत्वपूर्ण है कि हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) वाले रोगियों को एहसास हो कि उन्हें कोविड-19 से मरने का खतरा बढ़ गया है. उन्हें इस महामारी के दौरान अपना ध्यान रखना चाहिए और अगर वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, तो छोटी-सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है.
myUpchar से जुड़े एम्स के डॉ. नबी वली का कहना है कि हाई ब्लड प्रेशर के समय शरीर में रक्त का प्रवाह बहुत तेज हो जाता है और हृदय को अधिक काम करना पड़ता है. हृदय, धमनियों के जरिये रक्त को शरीर में पंप करता है, जिससे हमें जीवन मिलता है. धमनियों में बहने वाले रक्त के लिए एक निश्चित दबाव जरूरी है. जब किसी कारण यह दबाव ज्यादा बढ़ जाता है तब धमनियों पर दबाव पड़ता है और इस स्थिति को ही हाई ब्लड प्रेशर कहते हैं.
चीन और आयरलैंड के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के साथ 2866 रोगियों के डेटा का विश्लेषण किया, जिन्हें 5 फरवरी और 15 मार्च 2020 के बीच चीन के वुहान स्थित हुओ शेन शान अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इन रोगियों में से 29.5 प्रतिशत यानी 850 रोगियों को हाई ब्लड प्रेशर था.
यह पाया गया कि कोरोना वायरस से मरने वालों में बिना हाई ब्लड प्रेशर वाले 1.1 प्रतिशत थे, वहीं चार प्रतिशत ऐसे थे, जिनमें हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत भी थी. अध्ययन में उम्र, लिंग और अन्य कारकों को मिलाकर हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में कोरोना से मौत का खतरा 2.12 गुना ज्यादा बताया गया है. वहीं, ब्लड प्रेशर की दवा न खाने वाले संक्रमितों में यह जोखिम 2.17 गुना अधिक मिला है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इस परिणाम को संकेत के रूप में माना जाना चाहिए क्योंकि इस विश्लेषण में रोगियों की संख्या छोटी थी.
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myUpchar से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन का कहना है कि वे लोग जो हाई ब्लड प्रेशर के अलावा डायबिटीज, अस्थमा, हृदय रोगों और किडनी की बीमारी जूझ रहे हैं, उन्हें कोविड-19 संक्रमण का ज्यादा जोखिम होता है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि एक सेल पर आक्रमण करने के लिए, कोविड-19 वायरस ने एंजियोटेंसिन-कनवर्टिंग एंजाइम- 2 (एसीई-2) पर खुद को जोड़ा. इस पर आक्रमण करके वायरस फेफड़े तक आसानी से पहुंच सकता है. श्वसन पथ की कोशिकाओं पर हमला कर वायरस खांसी, गले में खराश और सांस की तकलीफ जैसे लक्षण पैदा करते हैं. चूंकि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों की रक्त वाहिकाओं में एसीई-2 का स्तर बढ़ता है, इसलिए वायरस इन रक्त वाहिकाओं पर अधिक क्रूरता से हमला करता है. यही कारण है कि स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर लोगों को अधिक गंभीर लक्षण होने का खतरा होता है.
अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण, कारण, इलाज और सावधानियां पढ़ें।
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FIRST PUBLISHED : July 04, 2020, 06:42 IST