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नसों को लुंज-पुंज बना देती है पोटैशियम की कमी, मसल्स में नहीं रह जाती है जान, कहीं आप भी तो नहीं हैं शिकार

पोटैशियम की कमी से कई समस्याएं होती हैं.

पोटैशियम की कमी से कई समस्याएं होती हैं.

Potassium Deficiency:पोटैशियम हमारे लिए अत्यंत जरूरी मिनिरल है. अगर पोटैशियम की कमी हो जाए तो नर्व का फंक्शन कमजोर होने ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

पोटैशियम की ज्यादा मात्रा ब्लड वैसल्स को रिलेक्स पहुंचाता है जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है
पोटैशियम की कमी से हाथ-पैर में झुनझुनी और सुन्नापन की शिकायत होने लगती है.

Potassium Deficiency: शरीर के चलाने के लिए हर तरह के विटामिंस, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, मिनिरल्स आदि की जरूरत होती है. एक की भी कमी हो जाए तो शरीर में कई बीमारियां लग जाती हैं. पोटैशियम एक ऐसा मिनिरल है जो शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है. शरीर के हर टिशू को पोटैशियम की जरूरत होती है. इसे कभी-कभी इलेक्ट्रोलाइट भी कहा जाता है क्योंकि यह इलेक्ट्रिकल चार्ज को शरीर के अंगों तक पहुंचाता है. यही इलेक्ट्रिकल चार्ज कई कोशिकाओं और नसों के फंक्शन को सक्रिय करता है. यूं तो पोटैशियम खाने-पीने की कई चीजों में मौजूद रहता है. इसके बावजूद अधिकांश लोगों में पोटैशियम की कमी हो जाती है.

हार्वर्ड मेडिकल रिसर्च के मुताबिक पोटैशियम आमतौर पर सोडियम के साथ जुड़ा होता है. इस स्थिति में लोग सोडियम का ज्यादा सेवन कर लेते हैं और पोटैशियम शरीर को कम मिल पाता है. पोटैशियम की कमी से भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इससे ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है और मसल्स में क्रैंप होने लगता है.

पोटैशियम की कमी से परेशानी

1.हार्ट डिजीज का खतरा-हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक पोटैशियम और सोडियम एक-दूसरे से जुड़ा होता है. दोनों मनोवैज्ञानिक संतुलन को कायम रखता है. दोनों का संबंध कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से है लेकिन सोडियम की ज्यादा मात्रा कई तरह के दिल की बीमारियों के लिए जिम्मेदार है जबकि पोटैशियम की ज्यादा मात्रा ब्लड वैसल्स को रिलेक्स पहुंचाता है जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है और हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता है.

2.मसल्स में कमजोरी और क्रैंप-हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक जब खून में पोटैशियम का लेवल कम हो जाता है तो अचानक मसल्स में कमजोरी आने लगती है. इससे मसल्स पर नियंत्रण घटने लगता है और अचानक कभी-कभी मसल्स में क्रैंप आने लगता है. इससे बहुत दर्द होता है. हड्डियों के अंदर मांसपेशियों में संकुचन तभी पैदा होता है जब मस्तिष्क सिग्नल को रिले करे. इसके लिए मस्तिष्क में पोटैशियम को होना आवश्यक है. जब खून में पोटैशियम की कमी हो जाएगी तब मस्तिष्क इन संकेतों को रिले करने में समर्थ नहीं रह पाएगा. इस स्थिति में मसल्स कमजोर होने लगेंगे.

3.कमजोरी और थकान-जब पोटैशियम की कमी हो जाए तब कमजोरी और थकान के रूप में पहला संकेत शरीर में दिखता है. दरअसल, पोटैशियम मसल्स को संकुचन में मदद करता है लेकिन जब संकुचन नहीं होगा तब मसल्स कमजोर होने लगेंगे. इससे स्वभाविक है कमजोरी होगी. दूसरा मिनरल की कमी होने पर शरीर में पोषक तत्वों की प्राप्ति पर भी असर पड़ेगा. इसलिए यह थकान को भी बढ़ाएगा.

4.हाथ-पैर में झुनझुनी-कुछ लोगों में पोटैशियम की कमी से हाथ-पैर में झुनझुनी और सुन्नापन की शिकायत होने लगती है. इससे जांघ, हाथ में कंपन होने लगता है. इसका कारण यह है पोटैशियम की कमी से नसों में फ्लूड का बैलेंस गड़बड़ा जाता है जिसके कारण नसें कमजोर होने लगती है और वह सिग्नल भेजने में असमर्थ हो जाती है. यही कारण है हाथ-पैर में झुनझुनी होने लगती है.

5.डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर-हालांकि पाचन शक्ति के लिए कई चीजें जिम्मेदार होती है लेकिन पोटैशियम की कमी से भी डाइजेस्टिव सिस्टम कमजोर हो सकता है. पोटैशियम दिमाग को वह संकेत रिले करने में मदद करता है जिससे डाइजेस्टिव सिस्टम के आसपास के मसल्स में संकुचन होता है. जब दिमाग से यह संकेत रिले नहीं होगा तो बावेल मूवमेंट में परेशानी होगी.

पोटैशियम की कमी पर क्या खाएं
शरीर में जब पोटैशियम की कमी हो जाए तो किशमिश, खुबानी, बींस, फलीदार सब्जियां, आलू, स्क्वैश, पालक, ब्रोकली, एवोकाडो, संतरा, संतरे का जूस, टमाटर, डेयरी, छाछ आदि का पर्याप्त सेवन करें.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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