रेड लाइट थेरेपी में सॉफ्ट लेजर थेरेपी की मदद ली जाती है. Image: Shutterstock
Advantage of Red Light Therapy: उम्र के साथ-साथ झुर्रियां, ढीली त्वचा, बड़े रोम छिद्र, निशान और स्किन की कोमलता को नुकसान पहुंचना लाजिमी है. ये जैविक परिवर्तन ज्यादातर तब होते हैं जब कोलेजन का निर्माण कम होने लगता है. यानी कोलेजन ही स्किन को जवां बनाने के लिए जिम्मेदार है. रेड लाइट थेरेपी बायो स्टीमुलेटर है जो कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ाता है जिसके कारण नई-नई कोशिकाओं का भी निर्माण होने लगता है और इससे स्किन जवां दिखने लगती है. आजकल रेड लाइट थेरेपी इसी वजह से लोकप्रिय होती जा रही है.
एचटी की एक खबर में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ इप्शिता जौहरी कहती हैं कि रेडलाइट थेरेपी के कारण फाइब्रोब्लास्ट सेल्स का विकास और रिप्रोडक्शन बढ़ जाता है. फाइब्रोब्लास्ट के कारण ही कोलेजन और इलास्टिन का निर्माण होता है जिसके कारण स्किन मुलायम, कोमल और जवान दिखती हैं.
क्या है रेड लाइट थेरेपी
एचटी की एक खबर के मुताबिक रेड लाइट थेरेपी एंटी-एजिंग प्रक्रिया है जिसमें रेड लाइट के माध्यम से स्किन पर फाइन लाइन्स, झुर्रियों और दाग-धब्बों को खत्म किया जाता है. यानी उम्र से संबंधित जो-जो खामियां स्किन में आती हैं, उन सबको फिर से सही कर देती है रेड लाइट थेरेपी. इसके कारण स्किन के नीचे सूजन नहीं होती जिससे नई कोशिकाओं को रिजेनरेट होने में मदद मिलती है. रेड लाइट थेरेपी में लो वेव लेंग्थ की रेड लाइट को स्किन में पहुंचायी जाती है. इसमें बहुत कम पावर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए सॉफ्ट लेजर थेरेपी की मदद ली जाती है या कोल्ड लेजर थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है. रेड लाइट थेरेपी में फोटोडायनामिक थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जाता है. इस थेरेपी में लो पावर रेड लेजर लाइट में फोटोसेंसिटाइजर मेडिसीन का भी इस्तेमाल किया जाता है. इससे स्किन में केमिकल रिएक्शन होता है. इसका इस्तेमाल वार्ट, पिंपल्स और स्किन कैंसर में भी किया जाता है.
रेड लाइट थेरेपी के फायदे
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