सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से बचने के लिए फैमिली के साथ वक्त बिताना चाहिए. (image- Canva)
All About Seasonal Affective Disorder: सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर एक तरह का डिप्रेशन है जो मौसम में बदलाव से जुड़ा होता है. यह डिसऑर्डर हर साल एक ही समय शुरू और खत्म होता है. सीजनल डिप्रेशन को समर डिप्रेशन के नाम से भी जाना जाता है. इसकी शुरुआत गर्मी के मौसम के शुरू में होती है और पतझड़ में यह समस्या समाप्त हो जाती है. ऐसा माना जाता है कि कम डे लाइट या छोटे दिन इस समस्या को ट्रिगर कर सकते हैं जिससे ब्रेन में केमिकल चेंज आते हैं और डिप्रेशन के लक्षणों में बढ़ावा होता है, इस समस्या के उपचार के लिए लाइट थेरेपी और एंटी डिप्रेसेंट्स काम में आते हैं. आइए जानें क्या हैं सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के कारण और कैसे इससे बचा जा सकता है?
सरकेडियन रिदम- मायो क्लीनिक के अनुसार सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के सही कारणों के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन कुछ फैक्टर्स इस समस्या की वजह बन सकते हैं. पतझड़ और सर्दी में सनलाइट की कमी विंटर-ऑनसेट सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का कारण बन सकती है. इस सनलाइट की कमी से शरीर की इंटरनल क्लॉक प्रभावित होती है और जिससे डिप्रेशन हो सकता है.
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सेरोटोनिन लेवल- सेरोटोनिन लेवल का एक ब्रेन केमिकल में कमी से मूड पर प्रभाव पड़ता है, जो सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
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मेलाटोनिन लेवल- मौसम में बदलाव से शरीर के मेलाटोनिन लेवल का बैलेंस प्रभावित होता है, जो स्लीप पैटर्न और मूड के लिए जरूरी है.
इस समस्या से बचाव के बारे में कोई सही जानकारी नहीं है. लेकिन कुछ तरीकों से इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है, जो समय के साथ बदतर हो सकते हैं. अगर सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षणों को शुरुआत में ही पहचान लिया जाता है, तो लक्षणों के बदतर होने से पहले ही इसका उपचार हो सकता है. हेल्दी लाइफस्टाइल से भी इस समस्या से बचा जा सकता है. इसके लिए सही आहार का सेवन करें, एक्टिव रहें, कुछ समय सनलाइट में जरूर बैठे, अपने वजन को सही बनाए रखें, अल्कोहल और धूम्रपान से बचें आदि. इसके साथ ही अपने परिवार, दोस्तों और प्रियजनों के साथ समय बिताने से भी आप इस समस्या से बच सकते हैं.
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