सोनम कपूर ने डॉ गौरी मोथा की तकनीक जेंटल बर्थ मेथड के माध्यम से अपने बेटे को जन्म दिया है.
What is Gentle Birth Method: एक्ट्रेस सोनम कपूर (Sonam Kapoor) ने इसी साल 20 अगस्त को अपने प्यारे से बेटे को जन्म दिया है. सोनम कपूर ने सोशल मीडिया पर घोषणा की है उन्होंने जेंटल बर्थ मेथड यानी सहज प्रसव तकनीक के माध्यम से अपने बेटे वायु को जन्म दिया है. जन्म के बाद सोनम कपूर और वायु दोनों बेहद सुखद और शांतिप्रिय जीवन के साथ एक-दूसरे पर प्यार लुटा रहे हैं. सोनम कपूर ने लिखा है कि “जेंटल बर्थ मेथड के लिए मैं ब्रिटेन में इस तकनीक को जन्म देने वाली डॉ गौड़ी मोथा का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझे जेंटल बर्थ मेथड के लिए प्रोत्साहित किया. सोनम कपूर ने लिखा है, “यह मेथड मुझे इतना अच्छा लगा कि मैंने आंख मूंदकर डॉ गौरी मोथा पर भरोसा कर लिया. सुखद और बेहतरीन डिलीवरी के लिए मैं गौड़ी मोथा का आभारी हूं.”
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जेंटल बर्थ मेथड क्या है? (What is the ‘Gentle Birth Method’?)
अब यह जानना जरूरी है कि जेंटल बर्थ मेथड है क्या. यह सुकून भरी डिलीवरी की एक प्रक्रिया है. यानी सहज प्रसव तरीका. जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि जेंटल बर्थ मेथड में ऑपरेशन की कोई जरूरत नहीं होती है और गर्भवती महिलाओं को इस तरह से तैयार किया जाता है कि वह सामान्य, सुखद, सकारात्मक और आरामदायक बेबी को डिलीवर कर सके. पुराने जमाने में लगभग इसी तरह से अधिकांश महिलाएं अपने बच्चे को जन्म देती थीं. सोनम ने लिखा है कि वह शुरुआत से अपने बच्चे को जन्म देने के लिए नेचुरल जर्नी करना चाहती थी. इसमें मेडिकल हस्तक्षेप की कम से कम संभावना हो. इसके लिए मैंने ब्रिटेन में डॉ गौरी मोथा से उनकी मदद ली. सोनन कपूर ने लिखा है कि डॉ गौरी मोथा ने जेंटल बर्थ मेथड नाम की एक किताब भी लिखी है जिसमें उन्होंने बताया कि बच्चे के जन्म से पूर्व कैसे सभी परेशानियों को दूर करते हुए दिक्कतों से निबटा जाए. तो एक तरह से सामान्य प्रसव का तरीका है जेंटल बर्थ मेथड. जेंटल बर्थ मेथड को ब्रिटेन में पहले से ही डॉ गौरी मोथा ने लोकप्रिय बना दिया है. अब सोनम कपूर के माध्यम से भारत में भी लोग इसके बारे में ज्यादा जानेंगे.
जेंटल बर्थ मेथड में क्या तरीका अपनाया जाता है
इलांटिस हेल्थकेयर, नई दिल्ली में गायनेकोलॉजिस्ट डॉ मनन गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इसमें डिलीवरी से पहले प्रेग्नेंट महिला के दिमाग और बॉडी को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाया जाता है. इस तरह का खान-पान तैयार किया जाता है जिसमें प्रेग्नेंट महिला को पोषक तत्वों के साथ-साथ दिमाग भी सकारात्मक चीजों की ओर मुड़ जाएं. इसके लिए रोजाना योगा कराया जाता है. डिलीवरी से 18 सप्ताह पहले शुगर फ्री भोजन दिया जाता है.
प्रेग्नेंसी में इस तरह से रहना होता है
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