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नई दिल्ली. Health Tips: यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे लोगों को क्या दाल खानी चाहिए? यह यक्ष प्रश्न हर उस शख्स का है, जिसका यूरिक एसिड थोड़ा भी ऊपर-नीचे हो गया है. और, सवाल सिर्फ दाल तक सीमित नहीं है, बल्कि खाने की हर उस चीज से जुड़ा है, जिसमें प्रोटीन की थोड़ी सी भी मात्रा पाई जाती है. अब जहां तक बात इस यक्ष प्रश्न के सही उत्तर की है, तो इसको जानने के लिए हमने संपर्क किया वसंतकुंज फोर्टिस हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मनोज शर्मा से. और, डॉ. मनोज का इस प्रश्न के उत्तर में कहना है कि हां बिल्कुल, यूरिक एसिड की समस्या से दो-चार हो रहे लोगों को दाल न केवल खानी चाहिए, बल्कि जरूर खानी चाहिए.
डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि लोगों को ऐसा लगता है कि प्रोटीन का मतलब दाल और उसे खाने से प्रोटीन बढ़ जाएगा, इसलिए दाल खाना बंद कर दो. लेकिन ऐसा नहीं है. कोई भी शख्स अपनी नार्मल डाइट में सुबह और शाम दो कटोरी से ज्यादा दाल नहीं खाता है, इतनी दाल के एब्जार्बशन और डाइजेशन होने के बाद जो प्रोटीन की मात्रा शरीर में बचती है, वह इतनी अधिक नहीं होती है कि वह हमें तंग कर सके. साथ ही, हम जो दाल कंज्यूम कर रहे हैं, उसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू इतनी अधिक नहीं है कि उससे बहुत ज्यादा प्रोटीन बढ़े और उसका असर यूरिक एसिड पर पड़े. लिहाजा, एक नार्मल डाइट के अंदर आने वाली दाल का सेवन बिना किसी डर के किया जा सकता है.
हां, इन बातों का जरूर रखना होगा ध्यान
डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि यदि किसी शख्स को यूरिक एसिड की समस्या है, वह साग और हरे पत्ते वाली सब्जी खा रहा है, तो उसे बंद कर देना चाहिए. क्योंकि इनकी कोई ट्रांजेट न्यूट्रिशनल वैल्यू नहीं है. कोई टमाटर का सूप पी रहा है और वह टमाटर का सूप नहीं पिएगा तो उससे कोई बहुत अधिक दिक्कत नहीं आएगी. कोई नट्स (काजू, बादाम, पिस्ता आदि) खा रहा है, तो उससे भी यूरिक एसिड बढ़ता है, इसलिए हम इनको भी छोड़ सकते हैं. इसी तरह, नॉन वेज (खासकर रेडमीट) में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है, उसे भी छोड़ा जा सकता है. यानी, दाल से पहले हमारे जीवन में बहुत सी चीजें ऐसी हैं, जिन्हें हम छोड़ सकते हैं और उसका हमारे जीवन में बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा.
दाल की जगह इन चीजों को छोड़ना है बेहतर
डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि सोड़ा, बियर या शाफ्ट ड्रिंक जैसी कार्बोनेटेड ड्रिंक हैं, उनके सेवन से भी बेहद तेजी से यूरिक एसिड बढ़ता है. यदि ये चीजें हमारी डाइट और जीवन से हट जाएं, तो उसका हमारे स्वास्थ्य पर कोई खराब असर नहीं पड़ेगा. इसी तरह, कोई शख्स सुबह-शाम स्प्राउट और चने खा रहा है और उसकी डाइट में दाल भी शामिल है, तो उसका असर प्रोटीन और यूरिक एसिड पर पड़ेगा ही. लिहाजा, दाल छो़डने से बेहतर है कि हम कार्बोनेटेड ड्रिंक, हरे पत्ते वाली सब्जियां, टमाटर सूप, नट्स जैसी चीजों को हम अपनी डाइट से बाहर कर दें. इसके बाद भी दाल छोड़ने की जरूरत पड़ रही है, तो यही बेहतर है कि आप अब दवाओं पर आ जाएं.
शरीर को इन तीन तत्वों की होती है खास जरूरत
डॉ. मनोज शर्मा के अनुसार, किसी भी शरीर को स्मूथ फंक्शनिंग के लिए कार्बोहाड्रेट, फैट और प्रोटीन की खास तौर पर जरूरत होती है. लिहाजा, हमारे भोजन में तीनों का शामिल होना बेहद जरूरी है और खाने की हर चीज में किसी न किसी रूप में ये तीनों तत्व होंगे ही, आप चाह कर भी इससे दूर नहीं हो सकते हैं. डॉ. मनोज का कहना है कि यदि कोई शख्स प्रोटीन भी नहीं खाएगा, फैट भी नहीं खाएगा और कार्बोहाइड्रेट भी नहीं खाएगा तो वह खाएगा क्या? आखिर में उनका कहना है कि अति किसी भी चीज की बुरी होती है. यदि शख्स का यूरिक एसिड बढ़ा है तो प्रोटीन इंटेक पर कंट्रोल रखना होगा, न कि उसे बंद करना चाहिए.
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