मिर्गी में दिमाग असामान्य हो जाता है जिसके कारण तुरंत दौरा पड़ जाता है.
Early Sign and Symptoms of Epilepsy: इपीलेप्सी या मिर्गी एक ऐसी बीमारी है जो दिमाग के मुख्य तंत्रिका तंत्र यानी सेंट्रल नर्वस सिस्टम से संबंधित है. हमारे समाज में कुछ लोग इसे कलंक मानते हैं और आज भी इस बीमारी को झाड़ फूंक से सही करने की कोशिश करते हैं लेकिन झाड़ फूंक से मामला बिगड़ सकता है. इसलिए मिर्गी के दौरे की स्थिति में डॉक्टर के पास जाना ही बुद्धिमानी है. मिर्गी भी अन्य बीमारियों की तरह शरीर की एक कमजोरी है. मिर्गी में दिमाग असामान्य हो जाता है जिसके कारण तुरंत दौरा पड़ जाता है. इसे इस तरह समझिए कि मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति को अचानक कभी-कभी दिमाग में इलेक्ट्रिकल गतिविधियां नियंत्रण से बाहर हो जाती है और मरीज असामान्य व्यवहार करने लगता है. इस स्थिति में मिर्गी के मरीज कभी-कभी अपना सुध-बुध भी खो देता है. इसके लिए अन्य कोई कारण जिम्मेदार नहीं होते.
मायो क्लिनिक के मुताबिक मिर्गी का दौरा किसी भी उम्र में किसी को भी पड़ सकता है. मरीज में ब्रेन की गतिविधियों के हिसाब से अलग-अलग लक्षण दिख सकते हैं. दौरा पड़ने के दौरान कुछ मरीज कुछ सेकेंड तक ही एक टक निहारते दिखेंगे या असामान्य व्यवहार करते हैं जबकि कुछ मरीजों को बहुत देर तक दौरा पड़ता है जिसके कारण वे बार-बार अपने हाथ-पैरों को बहुत ताकत के साथ मरोड़ने लगते हैं. अगर कभी एक बार इस तरह का दौरा पड़ जाए तो इसका यह मतलब नहीं है कि उसे मिर्गी ही है. यह दौरा 24 घंटे में कम से कम दो बार पड़े तो समझ जाना चाहिए कि यह मिर्गी ही है.
मिर्गी के लक्षण
कब जाना चाहिए डॉक्टर के पास
अगर मिर्गी का दौरा पांच मिनट से ज्यादा हो तो हर हाल में डॉक्टर के पास जाना चाहिए. मिर्गी का दौरा पड़ने के कुछ समय बाद भी अगर चेतना में दिक्कत हो या सांस लेने में तकलीफ हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. एक दौरा आने के बाद अगर तुरंत दूसरा दौरा भी आ गया है तो भी देर नहीं करनी चाहिए तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. लगातार बुखार, प्रेग्नेंसी, डायबिटीज आदि स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. अगर दौरा पड़ने के दौरान घायल हो जाता है या दवाई लेने के बावजूद दौरा पड़ जाता है तो भी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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