Urinary Tract Infection: यूरिन इन्फेक्शन के लिए पेशाब मार्ग की सफाई से ज्यादा शौच वाली जगह की सफाई जरूरी है. यूरोलॉजिस्ट से जानें क्यों. (Image-Shutterstocks)
Urinary Tract Infection: यूरिन में इंफेक्शन की समस्या आमतौर पर महिलाओं को होती है. ऐसे में इस बीमारी की बात भी कम ही होती है. वहीं महिलाएं भी अन्य छोटी-मोटी बीमारियों की तरह ही इसे भी इग्नोर कर देती हैं, जिसकी वजह से यूरिन की ये बीमारी कई बार बढ़कर गंभीर रोग बन जाती है. यूरिन इंफेक्शन (Urinary tract Infection) को लेकर सतर्क महिलाएं आपने देखी होंगी कि वे जब भी पेशाब करने जाती हैं तो अपने साथ पानी लेकर जाती हैं. ये हाइजीन के साथ ही अच्छी आदत भी हैं लेकिन आपको जानकर आश्चचर्य होगा कि हेल्थ एक्सपर्ट इस आदत को यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन से बचाव का बेहतर तरीका नहीं मानते हैं. उनकी मानें तो यूरिन इंफेक्शन के लिए पेशाब या इससे सबंधित सफाई और एहतियात से ज्यादा शौच संबंधी चीजें जिम्मेदार होती हैं.
दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (Ram Manohar Lohia Hospital) में डिपार्टमेंट ऑफ यूरोलॉजी के एचओडी प्रो. राजीव सूद बताते हैं कि यूरिनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन किसी को भी हो सकता है और पुरुषों को भी होता है लेकिन लेकिन आमतौर पर यूरिन में इन्फेक्शन के बार-बार होने की शिकायत महिलाओं (Urine Infection in Female) में देखी जाती है. ये इन्फेक्शन बाहर से ही नहीं आता बल्कि व्यक्ति के शरीर में से भी आता है. महिलाओं को इस इंफेक्शन की शिकायत सबसे ज्यादा होने के पीछे बायलॉजिकल कारण भी है.
डॉ. सूद कहते हैं कि महिलाओं के मूत्रमार्ग की तुलना में पुरषों का मूत्रमार्ग काफी लंबा होता है. महिलाओं के यूरेथ्रा की लंबाई सिर्फ 3-4 सेंटीमीटर तक होती है जबकि पुरुषों के मूत्रमार्ग की लंबाई करीब 18-20 सेंटीमीटर तक होती है. लिहाजा महिलाओं के यूरेथ्रा के माध्यम से इन्फेक्शन (UTI) फैलाने वाले बैक्टीरिया जल्दी शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं.
यूरिन में इंफेक्शन आता कहां से है? यह आता है शौच वाली जगह से. जहां से शौच करते हैं वो जगह क्षारीय यानि एल्केलाइन होती है जबकि यूरिन वाली जगह अम्लीय यानि एसिडिक होती है. ऐसे में जब शौच की जगह वाले बैक्टीरिया ई-कोलाई आदि मूत्रमार्ग वाले एसिडिक एरिया से मिलते हैं तो तुरंत संक्रमण फैला देते हैं. महिलाओं के मूत्रमार्ग और शौच वाली जगह के बीच में दूरी भी कम होती है ऐसे में यूरिन इंफेक्शन के ये बैक्टीरिया जल्दी फैलते हैं.
अगर पेशाब करते समय जलन होती है. बार-बार पेशाब आता है. बुखार भी आता है. यूरिन में ब्लड भी आ सकता है. ये सभी यूरिन इंफेक्शन के लक्षण हैं.
आमतौर पर महिलाएं पेशाब करते समय साथ में पानी लेकर जाती हैं लेकिन असल में पेशाब की जगह को साफ करने से यूरिन इंफेक्शन से नहीं बचा जा सकता. इसके लिए शौच की जगह को साफ करना ज्यादा जरूरी है. चूंकि महिलाओं का मूत्रमार्ग पहले से ही छोटा होता है, ऐसे में सबसे जरूरी है कि शौच के बाद जब भी वे सफाई करें तो आगे से पीछे की ओर करें. महिलाएं ही नहीं लगभग सभी ये गलती करते हैं कि वे शौच के बाद उस जगह की पीछे से आगे की सफाई करते हैं. इससे शौच वाली जगह के बैक्टीरिया आगे की ओर आ जाते हैं और यूरिन इन्फेक्शन की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है. ये गलती न करें.
. कॉटन के और साफ-सुथरे अंडर गारमेंट पहनें. सिंथेटिक न पहनें.
. पीरियड्स के दौरान भी क्लीनिंग का ध्यान रखें.
. इंटरकोर्स के बाद भी सफाई करें.
. जब भी अंग्रेजी शौचालय का इस्तेमाल करें तो पहले सीट को साफ कर लें.
. जब भी इन्फेक्शन हो तो तुरंत दवा लें.
. अगर बार-बार इंफेक्शन हो रहा है तो किडनी पर असर न पड़े इसके लिए चेकअप जरूर कराएं.
. सबसे खास बात शौच के बाद वाली जगह को आगे से पीछे की ओर साफ करें.
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