बड़ी संख्या में महिलाएं वेट लॉस के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाती हैं.
Intermittent Fasting And Weight Loss: आज के दौर में वजन घटाने का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. हर उम्र के लोग वजन घटाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं. खासतौर से महिलाएं वेट लॉस को लेकर काफी गंभीर नजर आती हैं. इन दिनों इंटरमिटेंट फास्टिंग वेट लॉस का एक कारगर तरीका माना जा रहा है और लोग इसके जरिए अपना वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं. इंटरमिटेंट फास्टिंग को कुछ एक्सपर्ट सही मानते हैं तो कई जानकार इसे हेल्थ के लिए नुकसानदायक बताते हैं. अब इसे लेकर एक नई रिसर्च सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि कैसे इंटरमिटेंट फास्टिंग से महिलाओं की हेल्थ प्रभावित हो रही है. इस बारे में जान लीजिए.
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क्या कहती है नई रिसर्च?
एएनआई के मुताबिक अमेरिका में हुई एक हालिया स्टडी में यह बात सामने आई है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हॉर्मोन (Reproductive Hormones) प्रभावित हो सकते हैं. यह रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस शिकागो (UIC) की प्रोफेसर क्रिस्टा वैराडी के निर्देशन में की गई थी. इस स्टडी में ज्यादा वजन वाली प्री-मेनोपॉजल और पोस्ट-मेनोपॉजल वाली महिलाओं को शामिल किया गया था. इन सभी महिलाओं ने करीब 8 सप्ताह तक इंटरमिटेंट फास्टिंग की और इसके आधार पर शोधकर्ताओं ने रिसर्च का रिजल्ट तैयार किया. इसमें पता चला कि इन महिलाओं के DHEA हॉर्मोन के स्तर में 14 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली. यह ओवेरियन फंक्शन को बेहतर बनाता है. आसान भाषा में कहें तो इंटरमिटेंट फास्टिंग से महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ काफी हद तक प्रभावित होती है.
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क्या है Intermittent Fasting?
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने की एक टेक्निक है, जो इन दिनों काफी ट्रेंड में है. इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ईटिंग प्लान होता है, जिसमें लोग पूरे दिन में एक निश्चित समय पर खाना खाते है, जबकि बाकी समय फास्टिंग करते हैं. इंटरमिटेंट फास्टिंग में खाने का एक पैटर्न बनाया जाता है, जिसमें सबसे प्रचलित 16:8 पैटर्न है. इस पैटर्न के तहत व्यक्ति दिन में केवल 8 घंटों के दौरान खाना और अन्य पोषक पदार्थ ले सकता है, जबकि बाकी 16 घंटों में सिर्फ पानी पीकर फास्टिंग करनी होती है. कुछ लोग दिन में सिर्फ 4 घंटे खाना खाते हैं और 20 घंटे फास्टिंग करते हैं. इसे 20:4 फास्टिंग विंडो कहा जाता है.
क्या वजन घटाने में कारगर है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
नई दिल्ली एम्स की पूर्व चीफ डाइटिशियन रेखा शर्मा कहती हैं कि अब तक कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के जरिए वजन घटाया जा सकता है और डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है. फास्टिंग और हेल्दी डाइट के जरिए वजन तो घट जाता है, लेकिन हर किसी को यह तरीका नहीं अपनाना चाहिए. जहां तक संभव हो लोगों को वेट लॉस के लिए हेल्दी तरीके जैसे- एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट का सहारा लेना चाहिए. अगर कोई बीमारी या अन्य किसी समस्या से जूझ रहा है तो उसे इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पहले अपना हेल्थ चेकअप करवा लेना चाहिए और डॉक्टर की सलाह के बाद ही ऐसा करना चाहिए. कुछ लोगों के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग परेशानी का सबब बन सकती है.
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