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कितना होना चाहिए नॉर्मल ब्लड शुगर? कब समझें कि हो गया डायबिटीज का हमला, एक ही चार्ट में समझ जाइए पूरी बात

टाइप-2 डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान है.

टाइप-2 डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान है.

Normal Blood Sugar Level: डायबिटीज होने पर खून में शुगर का लेवल बढ़ जाता है. लेकिन हममें से अधिकांश को यह नहीं पता कि इ ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

अगर फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 100 से नीचे है तो इसे सामान्य माना जाता है.
भारत में 2045 तक 13.5 करोड़ लोग भारत में डायबेटिक होंगे.

Normal Blood Sugar Level: डायबिटीज आज दुनिया के लिए परेशानी का सबब है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक विश्व में 42.2 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. लेकिन चिंता की बात यह है भारत में ही डायबिटीज के हमले सबसे ज्यादा हो रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक भारत में 8 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. वहीं आशंका व्यक्त की जा रही है कि 2045 तक 13.5 करोड़ लोग भारत में डायबेटिक होंगे. इसलिए भारत को डायबेटिक कैपिटल ऑफ वर्ल्ड कहा जाने लगा है. डायबिटीज की बढ़ती आशंका को देखते हुए देश के हर व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होता है और कितना शुगर लेवल पहुंच जाए जो डायबिटीज में बदल जाता है.

अब यह सबको पता है कि टाइप-2 डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान है. ऐसे में थोड़ा सा लक्षण दिखने पर डायबिटीज टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है. टेस्ट कराने के बाद अगर फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 100 से नीचे है तो इसे सामान्य माना जाता है. यानी 100 से नीचे ब्लड शुगर लेवल हेल्दी इंसान में रहता है लेकिन खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है.

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कितने तरह की होती है शुगर की जांच
अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक किसी व्यक्ति में डायबिटीज है या नहीं, इसके लिए चार तरह की जांच होती है. इसके लिए अलग-अलग समय पर खून के सैंपल लिए जाते हैं. सबसे पहले खाली पेट खून के सैंपल लिए जाते हैं. इसे फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट कहते हैं. इसके बाद कुछ पीने या कुछ खाने के एक या दो घंटे बाद खून से सैंपल लिया जाता है. इसे ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट कहते हैं. इसके कुछ घंटे बाद भी एक टेस्ट किया जाता है इसे रैंडम ब्लड टेस्ट कहते हैं. डायबिटीज को सुनिश्चित करने के लिए सबसे अहम टेस्ट है एचबी1एसी (Hb1Ac) या ए1 सी टेस्ट. इसे मेटाबोलिक मेमरी टेस्ट कहते हैं. यानी हीमोग्लोबिन के साथ ब्लड शुगर की कितनी मात्रा चिपकी रहती है. इसमें कभी भी खून का सैंपल लिया जा सकता है. इसमें यह देखा जाता है कि पिछले तीन महीने में ब्लड शुगर का उतार-चढ़ाव कितना हुआ है.

  •                                    नॉर्मल ब्लड शुगर का चार्ट
  • परिणाम                  Hb1Ac              फास्टिंग ब्लड शुगर           खाने के बाद
  • डायबिटीज             6.5% से ज्यादा      126 mg/dl                    200 mg/dl
  • प्री-डायबिटीज        5.7-6.4 %            100-125 mg/dl            140-199 mg/dl
  • सामान्य                 5.7 % से नीचे        99mg/dl से नीचे            140 mg/dl से नीचे

ब्लड शुगर अगर थोड़ा अधिक है तो क्या करें
मैक्स हेल्थकेयर गुड़गांव में कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और डायबिटीज के एक्सपर्ट डॉ पारस अग्रवाल का कहना है कि अगर ब्लड शुगर लेवल सामान्य से आगे बढ़ गया लेकिन 125 के आगे नहीं पहुंचा है तो अभी यही समय है कि आप डायबिटीज को होने से रोक सकते हैं. इसके लिए आपको कई काम अपने डेली रूटीन में शामिल करना होगा. चूंकि डायबिटीज की बीमारी खराब लाइफस्टाइल से संबंधित है, इसलिए अपने लाइफस्टाइल को सही कीजिए. रोजाना एक्सरसाइज, वॉकिंग कीजिए. तनाव न लीजिए. खुद को व्यस्त रखिए और सबसे बड़ी बात कि अपने खान-पान को सुधारिए. प्री डायबेटिक कंडीशन में खान-पान पर ध्यान देना सबसे ज्यादा जरूरी है. अगर आपका फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल बढ़ा है तो आप तली-भुनी चीजें, प्रोसेस्ड फूड, सिगरेट, शराब आदि को छोड़ दें. मीठा खाना कम कर दें.हरी साग सब्जियों का सेवन ज्यादा करें. जो सीजनल फल सब्जियां हो, उसे अपनी आदत में शुमार कर लें. रोजाना एक्सरसाइज करें. करेला, आंवला, जामुन, ड्राई फ्रूट, पालक, आदि का सेवन बढ़ा दे.

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Tags: Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle

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